ज्योतिष में कुछ प्रमुख योग- भाग 03 (Hindi & English)
Om-Shiva
आइए, आज हम जन्मपत्री में बनने वाले अन्य प्रकार के विभिन्न शुभ योगों को जानने का प्रयास करते हैं।
01. नीलकंठ योग
यदि लग्नेश, सूर्य और चंद्रमा तीनों केंद्र अथवा त्रिकोण में स्थित होते हुए अपने मित्र, अथवा अपने स्वयं के, अथवा अपने उच्च के घर में हों, तो नीलकंठ योग का निर्माण होता है। ऐसा जातक शिव भक्त होता है और उसके ऊपर महादेव की कृपा आजीवन बनी रहती है।
02. श्रीनाथ योग
यदि बुध, शुक्र और नवमेश केंद्र में होते हुए अपने मित्र, अपने स्वयं के घर या अपने उच्च के घर में हों तो श्रीनाथ योग बनता है। ऐसा व्यक्ति विष्णु भक्त होता है और धर्म परायण रहता है। भगवान विष्णु की कृपा से उसको सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
03. वीरांची योग
यदि छठे भाव का स्वामी एवम गुरु और शनि केंद्र अथवा त्रिकोण में होते हुए अपने स्वयं के घर में हों, अथवा अपने मित्र के घर में हों, अथवा अपने उच्च के घर में हों, तो ऐसे जातक में अपार विद्या होती है। वह वेद पुराणों का आचार्य या ज्ञाता हो सकता है। ऐसे जातक पर ब्रह्मा भगवान की कृपा होती है।
04. काहल योग
लग्नपति जिस राशि में बैठता है, उसका मालिक केंद्र या त्रिकोण में होते हुए अपने उच्च के घर में हो, अपने खुद के घर में हो या अपने मित्र के घर में हो, तो पत्रिका में काहल योग बनता है। ऐसा जातक यशस्वी व कुशाग्र बुद्धि का होता है। अक्सर ऐसा व्यक्ति फैक्ट्री बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन के कार्य में लगा रहता है।
05. वीणा योग
यदि कुंडली में राहु-केतु को छोड़कर, अन्य सातों ग्रह विभिन्न सात राशियों में हों, तो वीणा योग बनता है। ऐसे जातक को संगीत में बहुत रुचि होती है। वह संगीत का अच्छा ज्ञाता होता है। और संगीत विद्या के माध्यम से वह धनवान भी बनता है।
06. चामर योग
यदि लग्न में शुभ ग्रह बैठा हो, तथा लग्न पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, परंतु लग्न का मालिक नीच का अथवा अस्तगत ना हो, और वह किसी शुभ घर में बैठा हो, तब पत्रिका में चामर योग बनता है। ऐसा जातक अपने भाग्य को स्वयं अपने शुभ कर्मों से चंद्रमा की भांति चमकाता है।
07. धन योग
यदि जन्मपत्री के द्वितीय घर में शुभ ग्रह हों, और उस पर ऐसे शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो, जो अपने घर या अपने उच्च के घर में बैठे हों तो धन योग बनता है। ऐसे योग वाले जातकों को धन की कभी कमी नहीं होती और उन्हें कुटुंब का सुख भी मिलता रहता है।
08. शौर्य योग
यदि जन्मपत्री के तीसरे घर में शुभ ग्रह हों, और उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो। दृष्टि डालने वाले ग्रह अपने घर या अपने उच्च के घर में स्थित हों तो शौर्य योग बनता है। ऐसा व्यक्ति वीर, साहसी, पराक्रमी होता है। अक्सर ऐसे योग वाले व्यक्ति पुलिस अथवा सेना या रक्षा सेवा में पाए जाते हैं। या उच्च स्तर के खिलाड़ी होते हैं।
09. जलधि योग
यदि चतुर्थ घर में शुभ ग्रह हों या शुभ ग्रहों की दृष्टि हो परंतु चतुर्थ का मालिक अस्तगत ना हो, और वह अपने घर अथवा अपने उच्च के घर में बैठा हो तो जलधि योग बनता है। ऐसा जातक सुख के सागर में डुबकियां लगता है, उसे अच्छे मित्र प्राप्त होते हैं।
10. काम योग
यदि पत्रिका में सातवें घर में शुभ ग्रह हों, और उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, लेकिन सातवें घर का मालिक अस्तगत ना हो। साथ ही वह अपने घर अथवा उच्च के घर में हो तो ऐसे व्यक्ति को अत्यंत सुंदर, सुशील जीवनसाथी प्राप्त होता है। और समाज में अपने पिता से भी ज्यादा मान-सम्मान प्राप्त करता है।
उपर्युक्त आलेख में मैं ज्योतिष में बनने वाले कुछ शुभ योगों की श्रृंखला की तीसरी कड़ी प्रस्तुत की है। आशा करती हूं आप पाठकों को मेरा यह प्रयास पसंद आया होगा। कृपया कमेंट के जरिए अपनी राय अवश्य दें।
धन्यवाद एवं आभार।
एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव (ज्योतिष केसरी)
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Some important yogas in astrology – Part 03 (Hindi & English)
Om-Shiva
Let us try to know about the other types of auspicious yogas formed in the birth chart today.
01. Neelkanth Yoga
If Lagneshwar, Sun and Moon are situated in the centre or triangle and are in their friend’s house, or their own house, or their exalted house, then Neelkanth Yoga is formed. Such a person is a Shiva devotee and the grace of Mahadev remains on him throughout his life.
02. Shrinath Yoga
If Mercury, Venus and Navamesh are situated in the centre and are in their friend’s house, their own house or their exalted house, then Shrinath Yoga is formed. Such a person is a Vishnu devotee and is devoted to religion. He gets happiness and prosperity by the grace of Lord Vishnu.
03. Veeranchi Yoga
If the lord of the sixth house and Jupiter and Saturn are in the center or triangle and are in their own house, or in their friend’s house, or in their exalted house, then such a person has immense knowledge. He can be an Acharya or a knower of Vedas and Puranas. Such a person is blessed by Lord Brahma.
04. Kahal Yoga
If the lord of the sign in which the Lagnapati sits is in the center or triangle and is in his exalted house, in his own house or in his friend’s house, then Kahal Yoga is formed in the horoscope. Such a person is famous and sharp minded. Often such a person is engaged in factory building and construction work.
05. Veena Yoga
If in the horoscope, except Rahu-Ketu, the other seven planets are in different seven signs, then Veena Yoga is formed. Such a person is very interested in music. He is a good knower of music. And through the knowledge of music, he also becomes rich.
06. Chamar Yog
If auspicious planets are placed in the Lagna, and auspicious planets are aspecting the Lagna, but the lord of the Lagna is not low or setting, and it is placed in an auspicious house, then Chamar Yog is formed in the horoscope. Such a person makes his fortune shine like the moon with his own good deeds.
07. Dhan Yog
If auspicious planets are placed in the second house of the birth chart, and auspicious planets are aspecting it, which are sitting in their own house or their exalted house, then Dhan Yog is formed. People with such Yog never have any shortage of money and they also get happiness in the family.
08. Shaurya Yog
If auspicious planets are placed in the third house of the birth chart, and auspicious planets are aspecting it. The planets aspecting it are located in their own house or their exalted house, then Shaurya Yog is formed. Such a person is brave, courageous, valiant. Often people with such yoga are found in police or army or defense service. Or are high level sportsmen.
09. Jaladhi Yoga
If there are auspicious planets in the fourth house or auspicious planets are aspecting it, but the lord of the fourth house is not setting, and he is sitting in his own house or his exalted house, then Jaladhi Yoga is formed. Such a person dives into the ocean of happiness, he gets good friends.
10. Kaam Yoga
If there are auspicious planets in the seventh house in the horoscope, and auspicious planets are aspecting it, but the lord of the seventh house is not setting. Also, he is in his own house or exalted house, then such a person gets a very beautiful, well-mannered life partner. And in the society, he gets more respect than his father.
In the above article, I have presented the third part of the series of some auspicious yogas formed in astrology. I hope you readers would have liked my effort. Please give your opinion through comments.
Thanks and gratitude.
Astro Richa Shrivastava (Jyotish Kesari)
Richa Srivastava
November 21, 2024 at 2:01 pm
सुंदर तस्वीरों से सुसज्जित बढ़िया प्रस्तुति करण ! धन्यवाद और आभार पूज्य गुरुजी 🙏🌺🌹
Guru Satyaram
November 21, 2024 at 5:45 pm
Aabhar. Om-Shiva