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एक दाम्पत्य जीवन में क्यों आती है दरार?(Hindi & English)

एक दाम्पत्य जीवन में क्यों आती है दरार?(Hindi & English)

Om-Shiva
हमारे भारतीय समाज में विवाह को सात जन्मों का बंधन माना जाता है और विवाह केवल शारीरिक ही नहीं अपितु एक स्थाई मानसिक मिलन का भी द्योतक माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि विवाह की जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं, फिर धरती पर ईश्वर के आशीर्वाद से विवाह के बंधन में बंधती हैं। यदि भारतीय समाज मे विवाह एक पवित्र बंधन है, तो क्यों अधिकांश पति-पत्नी अपने दाम्पत्य जीवन में सुखी नहीं रह पाते हैं? आखिर क्यों इतनी कड़वाहट घुल जाती है कि बात अलगाव से लेकर तलाक तक पहुंच जाती है?

आइए हम इसका सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू खोजने का प्रयास करते हैं।

01. पति-पत्नी के बीच किसी तीसरे का हस्तक्षेप होना

एक सुखी विवाहित जोड़े के बीच किसी तीसरे का अत्यधिक हस्तक्षेप एक प्रमुख सामाजिक मुद्दा है। स्त्री के ससुराल में यदि उसकी सास, ससुर, ननद या अन्य कोई भी सदस्य अगर बहुत अधिक हावी रहता है और पति या पत्नी को बहुत अधिक कंट्रोल करता है, तब दाम्पत्य जीवन में प्रेम की मिठास खत्म होकर कड़वाहट आने लगती है। यही बात पत्नी के मायके की तरफ से भी लागू होती है। पति या पत्नी स्वच्छन्द होकर कोई निर्णय नही ले पाते हैं, और ना ही अपने मन का कुछ कार्य कर पाते हैं। जिससे दोनों के मन में असन्तुष्टि का भाव उत्तपन्न हो जाता है तथा टकराव की स्थिति पैदा होने लग जाती है।

02. पति या पत्नी के विवाहेत्तर संबंधों का होना

आजकल दाम्पत्य जीवन को लगभग समाप्त कर तलाक की दहलीज पर पहुंचा देने वाला यह एक प्रमुख कारण है। बढ़ती आधुनिकता, स्त्रियों की सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता, सोशल मीडिया आदि के कारण अपने घर से बाहर स्त्री-पुरुषों को आपस में घुलने मिलने के अनेक अवसर मिलते हैं। आजकल घर के पर्दे से बाहर निकल कर स्त्रियां नौकरी कर रहीं हैं तथा अन्य सामाजिक कार्य भी कर रहीं हैं। ऐसे में उनका किसी पुरुष सहकर्मी के साथ अत्यंत घनिष्ठ हो जाना थोड़ा लाजिमी है। पुरुष भी घर से बाहर, आधुनिक और सजी संवरी महिलाओं को देखकर सहज ही आकर्षित हो जाते हैं। इस तरह उनमें सम्बन्ध स्थापित हो जाते हैं। जब ऐसे सम्बन्धों की भनक पति या पत्नी को लगती है तब दाम्पत्य जीवन विषैला हो उठता है।

03. लगातार एक दूसरे की उपेक्षा करते रहना

यह दाम्पत्य जीवन के लिए बड़ी खतरनाक स्थिति है। कहते हैं कि जो दम्पति एक दूसरे से लड़ झगड़ लेते हैं, अपनी बातें एक दूसरे को सुनाकर हल्के हो लेते हैं, उनमें फिर भी प्रेम बना रहता है। लेकिन अपने पार्टनर से उपेक्षित पति या पत्नी को अपना पूरा जीवन ही बोझ लगने लगता है। उनमें कम्युनिकेशन और तालमेल की कमी के कारण आपसी समझ नहीं बन पाती है, और वें एक ही छत के नीचे अजनबियों की तरह अपना नीरस जीवन व्यतीत करते हैं। यह परिस्थिति कई कारणों से उत्तपन्न हो सकती है। जैसे मनपसंद जीवनसाथी का नहीं मिलना, जीवनसाथी का उम्मीदों पर खरा नहीं उतरना, जीवनसाथी का दिल दूसरों के प्रति असंवेदनशील होना। जब उपेक्षा की स्थिति बनी रहेगी तो पति पत्नी के बीच प्रेम या स्नेह का रिश्ता पनप ही नहीं सकता है। एक निर्जीव वस्तु भी उपेक्षित होकर पड़े-पड़े सड़ जाती है या बिगड़ जाती है, तो फिर इंसानों का कहना ही क्या? अपने पार्टनर द्वारा करी जाने वाली सतत उपेक्षा जीवनसाथी को मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ देती है। वें बस पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए एक ही छत के नीचे दिखावे के लिए एकसाथ जीवन व्यतीत करते हैं।

04. अविश्वास और अनादर का रिश्तों में बढ़ना

कुछ पति या पत्नी स्वभावतः शक्की होते हैं। वें कुछ भी कार्य करें लेकिन एक दूसरे के ऊपर छोटी-छोटी बातों पर शक करते ही रहते हैं। एक दूसरे के मोबाइल को चेक करते रहना या सोशल मीडिया पर ताक झांक करते रहना एक आम सी बात हो गई है। आजकल तो फेसबुक और इंस्टाग्राम के पोस्ट के कारण पति-पत्नी में भयंकर झगड़े होना बिल्कुल आम बात हो गई है। इसके अलावा पति या पत्नी द्वारा छोटी-छोटी बातों पर एक दूसरे को नीचा दिखाना, एक दूसरे के मनोबल को तोड़ देता है। ऐसा अनेक बार देखा गया है कि पत्नी यदि अधिक प्रतिभाशाली हो और घर से बाहर जाकर अपनी पहचान बनाती है तो यह बात उसके पति को हजम नहीं हो पाती है। वह अपनी पत्नी को अनेक प्रतिबंध में बांधने की कोशिश करके उसे आगे नही बढ़ने देने की कोशिश में लगा रहता है। इसके पीछे असुरक्षा और ईर्ष्या की भावना भी छुपी हो सकती है। लेकिन यह बात पत्नी को चुभती रहती है, और वह अपने दाम्पत्य जीवन में कभी संतुष्ट नहीं हो पाती है। इसी प्रकार से पत्नी भी अपने पति की महिला मित्रों या महिला सह-कर्मियों को लेकर सदैव आशंकित बनी रहती है। पति के साथ गलत सम्बन्धों की कल्पना करके परेशान होती रहती है। यही परेशानी उसके व्यवहार में भी झलकती है। इस कारण से पति-पत्नी में क्लेश बना रहता है।

05. जीवन में काम के चलते अति व्यस्तता का होना

आज के आधुनिक युग में व्यक्ति अति महत्वाकांक्षी स्वभाव के चलते अपने व्यवसाय या नौकरी में इतना अधिक व्यस्त हो जाता है कि अपने घर-परिवार और पत्नी के साथ एक क्वालिटी टाइम बिताने के लिए उसके पास वक्त ही नहीं हो पाता है। नौकरी हो या बिजनेस, पुरुष उत्तरोत्तर तरक्की करने की चाह में अपना सारा ध्यान उसी में लगा देता है। यह अति व्यस्तता घर के वातावरण को असंतुलित करके, घर के माहौल को ख़राब कर देती है। दिनभर का थका-हारा पति जब घर लौटता है तो घर में शांति और आराम को खोजता है। उसे पत्नी की साधारण बातें भी तंग करने वाली लगती हैं। जबकि दिनभर घर गृहस्थी के कार्यों में उलझी हुई पत्नी, अपने पति के साथ बैठकर प्रेम भरी बातें करना चाहती है।

इसके विपरीत हम देखें तो आजकल की आधुनिक नारियां घर से बाहर निकल कर कार्य कर रहीं हैं। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की चाह में वें नौकरी और व्यवसाय को प्राथमिकता देती हैं। जबकि आज “औरत के घर संभालने और पुरुष को कमाने” की हमारी प्राचीन व्यवस्था टूटती जा रही है। नतीज़तन घरेलू व्यवस्था में असंतुलन पैदा हो रहा है। यहां मैं यह नहीं कह रही हूं कि स्त्रियों का घर के बाहर निकलकर काम काज करना अनुचित है, लेकिन यदि पति-पत्नी दोनों ही अति व्यस्त रहते हैं तो कहीं ना कहीं दोनों में मानसिक और शारीरिक दूरी बढ़नी शुरू हो जाती है। तब महत्वकांक्षा सर्वोपरि होने के कारण दाम्पत्य में दरार पड़नी शुरू हो जाती है।

06. झूठा फेमिनिज़्म और सोशल मीडिया का विस्तार होना

आजकल समाज में नारी सशक्तिकरण की आड़ में एक झूठे नारीवाद या फेमिनिज़्म की बाढ़ आई हुई है। हमारे क़ानून नें भी स्त्रियों को अनेक संवैधानिक अधिकार दे रखे हैं। आज की नारी अपने हक, अधिकारों के प्रति बहुत जागरूक हो गयी है। हालांकि हमारे भारतीय समाज में स्त्रियां त्याग, ममता और समझौते की मूर्ति कही जातीं हैं। उनको अधिकार देकर सशक्त बनाया गया, यह बिल्कुल सही बात है, क्योंकि अधिकांश मामलो में औरतें ही प्रताड़ित होती हैं और घरेलू हिंसा की शिकार होतीं हैं। लेकिन इस जागरूकता की आड़ में कुछ औरतें अपने प्रेम और समझौते वाले मूल स्वभाव को लगातार खोती जा रहीं हैं। वह पति और घर-परिवार की ज़रूरतों के बजाय अपने अधिकारों को अधिक प्राथमिकता देती हैं। छोटे-मोटे घरेलू बातों में भी लड़ने लगती हैं और अपने अधिकारों की मांग करती हैं। ऐसे में पति के साथ उनकी पटरी नहीं बैठ पाती और टकराव की स्थिति उतपन्न होती है।

आजकल यह भी देखा जाता है कि पति-पत्नी एक साथ बैठे रहने का बावजूद हाथ में पकड़े मोबाईल में ही मसरूफ रहते हैं। वें आपस में बातचीत करने के बजाय सोशल मीडिया की एक्टिविटी देखने में ही मशगूल रहते हैं। एक सर्वे के अनुसार आजकल मोबाइल फोन भी पति-पत्नी के बीच दूरियां पैदा करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

उपर्युक्त आलेख में मैनें दाम्पत्य जीवन में आने वाली कड़वाहट और दरार के कुछ सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू को उजागर करने की कोशिश करी है। में आशा करती हूँ कि मेरा यह आलेख आप सभी पाठकों को पसन्द आएगा। सुधी पाठक जन भी कमेंट के ज़रिए अपने विचार प्रकट कर सकतें हैं।

आभार एवम धन्यवाद।

-ऐस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव

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Why does a marital life fall apart? (Hindi & English)

Om-Shiva
In our Indian society, marriage is considered a bond of seven lives and marriage is not only considered a physical union but also a symbol of a permanent mental union. It is also said that marriage couples are made in heaven and then they get married on earth with the blessings of God. If marriage is a sacred bond in Indian society, then why most of the husbands and wives are not able to remain happy in their married life? Why does so much bitterness grow that the matter reaches from separation to divorce?

Let us try to find its social and psychological aspect.

01. Interference of a third person between husband and wife

Excessive interference of a third person between a happily married couple is a major social issue. If the mother-in-law, father-in-law, sister-in-law or any other member of the woman’s in-laws’ house dominates too much and controls the husband or wife too much, then the sweetness of love in married life ends and bitterness starts coming. The same thing applies to the wife’s parents’ side as well. The husband or wife are not able to take any decision freely, nor are they able to do anything of their choice. Due to which a feeling of dissatisfaction arises in the mind of both and a situation of conflict starts arising.

02. Husband or wife having extramarital affairs

Nowadays this is a major reason that almost ends the married life and brings it to the threshold of divorce. Due to increasing modernity, social and economic independence of women, social media etc., men and women get many opportunities to mingle with each other outside their homes. Nowadays women are working and doing other social work outside the curtain of the house. In such a situation, it is a bit natural for them to become very close to a male colleague. Men also get easily attracted to modern and well-dressed women outside the home. In this way, relationships are established between them. When the husband or wife gets a hint of such relationships, then the married life becomes poisonous.

03. Constantly ignoring each other

This is a very dangerous situation for married life. It is said that couples who fight with each other, lighten their minds by sharing their stories with each other, still love remains in them. But the husband or wife who is neglected by their partner starts feeling their whole life as a burden. Due to lack of communication and coordination, mutual understanding is not formed between them, and they live their monotonous life like strangers under the same roof. This situation can arise due to many reasons. Like not getting a life partner of your choice, the life partner not meeting expectations, the heart of the life partner being insensitive towards others. When the situation of neglect continues, the relationship of love or affection between husband and wife cannot flourish. Even an inanimate object rots or gets spoiled by being neglected, then what to say about humans? Constant neglect by one’s partner breaks the life partner psychologically. They live together under the same roof just for the sake of show to fulfill family responsibilities.

04. Mistrust and disrespect growing in relationships

Some husbands and wives are naturally suspicious. Whatever they do, they keep doubting each other on small matters. Checking each other’s mobile or peeping on social media has become a common thing. Nowadays, fierce fights between husband and wife have become quite common due to Facebook and Instagram posts. Apart from this, husband or wife belittling each other on small matters breaks each other’s morale. It has been seen many times that if the wife is more talented and goes out of the house and makes her mark, then her husband is unable to digest this. He keeps trying to bind his wife with many restrictions and does not let her move forward. Feelings of insecurity and jealousy may also be hidden behind this. But this thing keeps pricking the wife, and she is never satisfied in her married life. Similarly, a wife is always apprehensive about her husband’s female friends or female co-workers. She remains troubled by imagining wrong relations with her husband. This worry is reflected in her behaviour as well. Due to this, there is always a conflict between husband and wife.

05. Being overly busy in life due to work

In today’s modern era, a person becomes so busy in his business or job due to his overly ambitious nature that he does not have time to spend quality time with his family and wife. Be it a job or business, a man puts all his attention in it in the desire to progress. This overly busyness spoils the atmosphere of the house by making it unbalanced. When a husband returns home tired after a long day, he searches for peace and comfort in the house. He finds even the simple talks of his wife annoying. Whereas a wife, who is busy in household chores all day, wants to sit with her husband and have a loving conversation.

On the contrary, if we look at it, today’s modern women are working outside the house. In the desire to be financially independent, they give priority to job and business. Whereas today our ancient system of “woman managing the house and man earning” is breaking down. As a result, there is an imbalance in the domestic system. Here I am not saying that it is wrong for women to go out and work, but if both the husband and wife are very busy, then somewhere the mental and physical distance between them starts increasing. Then due to ambition being paramount, cracks start appearing in the marital life.

06. False feminism and expansion of social media

Nowadays, there is a flood of false feminism in the society under the guise of women empowerment. Our laws have also given many constitutional rights to women. Today’s women have become very aware of their rights. Although in our Indian society women are considered the epitome of sacrifice, affection and compromise. It is absolutely correct that they were empowered by giving them rights, because in most cases women are harassed and become victims of domestic violence. But under the guise of this awareness, some women are continuously losing their basic nature of love and compromise. They give more priority to their rights instead of the needs of their husband and family. They start fighting even on small domestic issues and demand their rights. In such a situation, they do not get along with their husband and a situation of conflict arises.

Nowadays it is also seen that despite sitting together, husband and wife are busy with the mobile in their hands. Instead of talking to each other, they are busy watching social media activities. According to a survey, nowadays mobile phone is also playing an important role in creating distance between husband and wife.

In the above article, I have tried to highlight some social and psychological aspects of bitterness and rift in married life. I hope that all of you readers will like this article of mine. Intelligent readers can also express their views through comments.

Gratitude and thanks.

-Astro Richa Srivastav

एक स्त्री किन कारणों से अपने पति के लिए भाग्यशाली साबित होती हैं?(Hindi & English)

एक स्त्री किन कारणों से अपने पति के लिए भाग्यशाली साबित होती हैं?(Hindi & English)

हमारे भारतीय सनातन परंपरा में स्त्री को “लक्ष्मी” का दर्जा दिया गया है। लक्ष्मी को सुख, ऐश्वर्य और सौभाग्य की देवी कहा जाता है। हमारे यहाँ यह भी कहा जाता है कि स्त्री ही एक “मकान” को “घर” बनाती है। यह भी स्त्रियों के ही हाथ में होता है कि वह घर को “स्वर्ग” बना दें या “नर्क”। साथ ही, हमारे यहां यह भी प्रचलित है कि एक पुरूष की सफलता के पीछे एक औरत का ही हाथ होता है। यदि स्त्री घर का माहौल सुंदर और सुकून वाला बनाकर रखे तो पुरूष घर के प्रति निश्चिंत रहता है और वह आसानी से अपनी नौकरी या व्यापार की जिम्मेदारियों का पूर्ण कौशल से निर्वाह कर सकता है, और अपने जीवन में सफलता की ऊंचाई को प्राप्त कर सकता है। तो आइए , हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि वे कौन से कारण हैं जो एक स्त्री के माध्यम से उसके पति के लिए सौभाग्य का द्वार खोलते हैं।

01. त्याग

सबसे पहला और महत्वपूर्ण पॉइंट है स्त्री द्वारा किया जाने वाला त्याग। विवाह के बाद स्त्री अपने मायके से जब विदा होती है तो माता, पिता, भाई, बहन आदि रिश्ते-नातों को वह पीछे छोड़ देती है। और बड़ी ही सहजता एवम सरलता से अपने पति के पूरे परिवार को अपना लेती है। अपने परिवार और पति के लिए निजी जीवन में वह कितने छोटे-बड़े त्याग करती है, इसकी गिनती की जाय तो शायद सभी संख्याएं छोटी पड़ जाएंगी।अनेक बार वह अपने पति और परिवार के लिए, अपनी भूख, प्यास, नींद, आराम सबको त्याग करके सभी को सुख पहुंचाने का प्रयास करती है। कई बार महिलाओं को अपने परिवार, पति और बच्चों के लिए अपना अच्छा खासा कैरियर और मोटी तनख्वाह वाली नौकरी भी छोड़ते देखा गया है। पति-परिवार को आर्थिक संकटों से बचाने के लिए अपने स्त्री धन के गहने तक गिरवी रखने या बेचने के अनेक उदाहरण हैं।

02. समर्पण-

एक औरत अपने पति को पूरे हृदय से प्रेम करती है, उसकी सम्पूर्ण दुनियां उसके पति के इर्द गिर्द ही घूमती है। घर की साज सज्जा हो या खुद का बनाव श्रृंगार, वह अपने पति के चॉइस को ही महत्व देती है। यहां तक कि घर मे भोजन, नाश्ता भी अपने पति के पसन्द का ही बनाती है। वह अपने पति की खुशी में ही स्वयं की खुशी समझती है। वह घर का वातावरण ऐसा बनाने का प्रयास करती रहती है कि दिनभर का थका हारा पति घर लौटे तो उसे पूरा आराम मिले और मन प्रसन्न हो जाय। रात्रि में पति की सहचरी बनकर उसके शय्या सुख में भी पूरी तरह से समर्पित होकर उसका साथ देती है, और पति को संतुष्ट करती है।

03. देखभाल-

सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन कोई पुरूष कितना ही कठोर क्यों न हो, उसके भीतर एक नन्हा सा शिशु सदैव छुपा होता है। उसे हमेशा उसी तरह के स्नेह और देखभाल की ज़रूरत होती है जैसे एक माँ अपने बच्चे की करती है। एक समझदार स्त्री अपने पति की हर इच्छा को समझती है और वह उसी तरह से व्यवहार करती है। उसके दुःख तकलीफों में उसका पूरा साथ देती है। रोज़मर्रा के कार्यों में घर की देखभाल के साथ पति के लिए भोजन से लेकर कपड़े, जूते, मोजे, तक की एक दुरुस्त व्यवस्था बनाए रखती है। जब पति बीमार होता है तो वह एक माँ बनकर उसकी दवाइयों और जरूरतों का ख्याल रखती है, यहां तक कि उसके हाँथ-पांव भी दबाती है ताकि पति को सुकून मिले।

04. सहयोग और साथ-

एक सुलझी हुई स्त्री अपने पति के हर कार्य में सहयोग करती है और उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उसके संघर्ष में उसका साथ देती है। जब कठिन फैसले लेने हों तो एक सच्चे मित्र की तरह उसे सलाह मशवरा देती है। जो पुरूष अपने हर फैसलों में अपनी पत्नी का परामर्श लेते हैं, उन्हें प्रायः सफलता की सीढ़ियों पर आसानी से चढ़ते देखा जा सकता है। एक पुरुष के लिए उसकी पत्नी उसकी वामंगी होती है, पत्नी के सलाह को लिए बगैर उसके निर्णय पूर्ण नहीं होते और तब उसे सफलता भी अधूरी ही मिलती है। वैसे तो स्त्रियां अपने घर गृहस्थी को ही अधिक महत्व देती हैं और उसी में खुश रहती हैं, लेकिन जब कभी घर में आर्थिक संकट आता है तो घर से बाहर जाकर नौकरी या व्यापार करने से भी नहीं झिझकतीं हैं। कई स्त्रियां अपने हुनर का इस्तेमाल करके घर बैठे ही कमाई करती हैं और पति को आर्थिक सहयोग भी देतीं हैं।

इस प्रकार से हम देख सकते हैं कि एक समझदार नारी अपने वैवाहिक जीवन की जिम्मेदारी को कुशलता पूर्वक निभाती हुए पुरुष को घर की कई समस्याओं से फ्री रखती है, ताकि पुरुष घर से बाहर निकलकर अपने व्यवसाय, या कैरियर को पूरी तरह से एकाग्र चित्त होकर उड़ान दे सके और सफल हो सके।

हमारे समाज की यह बड़ी विडम्बना रही है कि अनेक पुरुष अपने घर की लक्ष्मी की कद्र नहीं करते, अपनी पत्नी को अपने बराबरी का दर्जा नहीं देते, उसे मूर्ख और खुद से कमतर समझते हैं, जीवन में एक तरफा फैसले लेते हैं। ऐसे लोग अक्सर असफल और लक्ष्मी विहीन ही रहते हैं।

यद्यपि एक सफल पुरुष के जीवन में उसकी पत्नी की भूमिका को मैंने कुछ बिंदुओं में समेटने का प्रयास किया है, लेकिन सुधी पाठक जन कमेंट के ज़रिए अपना नज़रिया भी रख सकते हैं।
आशा करती हूँ मेरा यह प्रयास आपको पसन्द आया होगा।
आभार एवम धन्यवाद।

-एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव

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What are the reasons why a woman proves to be lucky for her husband?(Hindi & English)

In our Indian Sanatan tradition, a woman has been given the status of “Lakshmi”. Lakshmi is called the goddess of happiness, prosperity and good fortune. It is also said here that a woman makes a “house” a “home”. It is also in the hands of women to make the house “heaven” or “hell”. Also, it is also popular here that a woman is behind the success of a man. If a woman keeps the atmosphere of the house beautiful and peaceful, then the man remains relaxed about the house and he can easily perform the responsibilities of his job or business with full skill, and can achieve the heights of success in his life. So let us try to know what are those reasons which open the door of good fortune for her husband through a woman.

01. Sacrifice

The first and most important point is the sacrifice made by a woman. When a woman leaves her maternal home after marriage, she leaves behind her mother, father, brother, sister and other relations. And with great ease and simplicity, she accepts her husband’s entire family. If we count the number of small and big sacrifices she makes in her personal life for her family and husband, then perhaps all the numbers will fall short. Many times, for her husband and family, she sacrifices her hunger, thirst, sleep, comfort and tries to bring happiness to everyone. Many times, women have been seen giving up their good career and high paying job for their family, husband and children. There are many examples of mortgaging or selling the jewellery of their Stridhan to save their husband and family from financial crises.

02. Dedication-

A woman loves her husband with all her heart, her whole world revolves around her husband. Whether it is decorating the house or her own makeup, she gives importance to her husband’s choice. Even the food and breakfast at home is prepared according to her husband’s choice. She finds her happiness in her husband’s happiness. She tries to create such an atmosphere in the house that when her husband returns home tired after a long day, he gets complete rest and is happy. At night, she becomes her husband’s companion and supports him in his bed pleasures by devoting herself completely, and satisfies her husband.

03. Care-

It may sound strange, but no matter how tough a man is, there is always a little child hidden inside him. He always needs the same kind of affection and care as a mother does for her child. An intelligent woman understands every wish of her husband and behaves accordingly. She supports him completely in his sorrows and troubles. Along with taking care of the house in the daily chores, she maintains a proper system for her husband from food to clothes, shoes, socks. When the husband is sick, she takes care of his medicines and needs like a mother, she even massages his hands and feet so that the husband gets relief.

04. Cooperation and companionship-

A mature woman cooperates with her husband in every task and stands shoulder to shoulder with him in his struggle. When difficult decisions have to be taken, she advises him like a true friend. Men who consult their wives in every decision can often be seen climbing the ladder of success easily. For a man, his wife is his left hand, without taking advice from his wife, his decisions are not complete and then he gets incomplete success. Although women give more importance to their household and remain happy in it, but whenever there is a financial crisis at home, they do not hesitate to go out of the house and do a job or business. Many women earn money sitting at home by using their skills and also provide financial support to their husbands.

In this way we can see that a wise woman, while efficiently fulfilling the responsibility of her married life, keeps the man free from many problems of the house, so that the man can go out of the house and give full concentration to his business or career and become successful.

It has been a big irony of our society that many men do not respect the Lakshmi of their house, do not give their wife equal status, consider her foolish and inferior to themselves, take one-sided decisions in life. Such people often remain unsuccessful and Lakshmi-less.

Although I have tried to summarise the role of a wife in the life of a successful man in a few points, but the intelligent readers can also give their views through comments.

I hope you liked my effort.

Gratitude and thanks.

-Astro Richa Shrivastava

स्त्रियाँ अपने पुरुष से क्या चाहती हैं?(Hindi & English)

स्त्रियाँ अपने पुरुष से क्या चाहती हैं?(Hindi & English)

Om-Shiva
ऐसा कहते हैं कि मानव का मन बड़ा जटिल है और उसे समझना बेहद कठिन है। उसपर से अगर किसी स्त्री के दिल की बात हो तो उसे समझना लगभग असम्भव है। क्योंकि कहा भी जाता है कि एक समुंदर की थाह तो ली जा सकती है, लेकिन एक स्त्री के मन की थाह नहीं ली जा सकती है। फिर भी स्त्री अपने पुरुष, चाहे वह पति हो या फिर उसका प्रेमी, उससे क्या अपेक्षा रखती है? इसे कुछ बिंदुओं से समझा जा सकता है।

01. क्यों स्त्री अपने प्रेम से चाहती है सराहना?

प्रत्येक औरत चाहे वह किसी भी उम्र की हो, हमेशा अपने सहचर के प्रेम भरे और तारीफ़ से पूर्ण कुछ शब्दों की लालसा रखती है। वह ये उम्मीद रखती है कि चाहे वह कुछ भी काम करे, उसका पति या प्रेमी उसके तारीफ़ में कुछ ना कुछ अवश्य कहे। वस्तुतः स्त्री चाहे घर के काम-काज करे, या सामाजिक कार्य करे, या फिर श्रृंगार ही क्यों न करे, वह यह सभी कार्य केवल अपने पार्टनर की सन्तुष्टि के लिए ही करती है। स्त्री मनोविज्ञान तो यह कहता है कि तारीफ के भारी भरकम शब्दों को छोड़िए, पार्टनर की तारीफ भरी एक नज़र ही उसे भीतर तक संतुष्ट कर देती है। सच पूछिए तो एक आम महिला अपने हर कार्य के लिए मन ही मन अपने पार्टनर का अप्रूवल चाहती है, चाहे उसे जीवन में कितनी ही स्वतंत्रता क्यों न मिली हो।

02. क्यों समर्पण और सहयोग स्त्री का मूल है?

एक औरत अपने पार्टनर के लिए खुद जितना समर्पित रहती है, उतने ही समर्पण की अभिलाषा अपने पति या प्रेमी से भी अपेक्षा रखती है। कई बार पुरूष अपने मेल ईगो के चलते अपना समर्पण प्रकट नहीं कर पाते हैं। उन्हें लगता है कि उनकी पत्नी या प्रेमिका सब खुद ही समझती होगी। लेकिन पुरुषों का समर्पण उनके बातों और व्यवहार में भी झलकना चाहिए। फिर चाहे बात पत्नी को सहयोग करने की हो या फिर शारीरिक सम्बन्धों की, है औरत यही आशा करती है कि उसका पार्टनर पूरी तरह से उसके प्रति समर्पित हो। हर स्त्री अपने पति या प्रेमी से हमेशा सहयोग भी चाहती है, चाहे शारीरिक सहयोग हो या मानसिक, यह उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। जब औरत को अपने सहचर के मजबूत सहयोग और साथ का सम्बल मिलता है तब वह दुनियां के तूफानों का डटकर सामना भी सरलता से कर लेती है।

03. क्यों सच्चा प्रेम और वफादारी एक स्त्री की नींव है?

देखा जाए तो हर औरत का दिल एक फूल की तरह बहुत ही कोमल होता है। भले ही दुनियां के लिए वह कितनी ही कठोर क्यों न हो, अपने पार्टनर के प्रेम की आंच में वह मोम की तरह से पिघल जाती है। सच पूछा जाय तो स्त्री सच्चे प्रेम की चाह में बड़े से बड़ा दुःसाहस का वो कार्य कर सकती है, जिसे पुरुष कभी भी नहीं कर सकते। स्त्री के दिल को सिर्फ सच्चे प्रेम से ही जीता जा सकता है। जब स्त्री को अपने पार्टनर की तरफ से सच्चे प्रेम की आंच महसूस होती है तो वह अपना सर्वस्व उसके उपर न्यौछावर कर देती है। यह एक कड़वी सच्चाई है कि पुरुष सिर्फ नारी के शरीर को भोगने के लिए ही प्यार को प्रकट करता है, जबकि औरत केवल अपने पुरुष का प्रेम पाने के लिए अपना शरीर समर्पित करती है। यहां सभी पुरुषों को यह समझना होगा कि स्त्री के भीतर प्रेम में छल को समझने का ईश्वर प्रदत्त गुण होता है। जब उसे लगता है कि प्रेम में उसके साथ धोखा हो रहा है, तो वह बुरी तरह से टूट जाती है। औरत खुद अपने पार्टनर के प्रति जितनी ईमानदार और वफ़ादार बनी रहती है, ठीक वही अपेक्षा और आशा वह अपने पार्टनर से भी रखती है। इसलिए जब भी कभी उसे अपने पार्टनर का पराई औरत से सम्बन्धों के बारे में पता चलता है, वह जीते जी मौत के मुंह मे चली जाती है।

04. क्यों देखभाल करने और पाने का गुण स्त्री में विद्यमान है?

औरत पूरी दुनियां से भले ही लड़ ले लेकिन उसके भीतर आजीवन एक छोटी सी बच्ची छुपी रहती है, जो अपने पार्टनर से प्रेम के साथ-साथ देखभाल की आकांक्षा भी रखती है। यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि किसी भी लड़की या बालिका के जीवन में आने वाला प्रथम पुरूष उसका पिता ही होता है। जिससे उसे लाड़, दुलार, स्नेह, सराहना, और सुरक्षा महसूस होती है। एक बालिका के लिए पूरी दुनियां में सबसे सुरक्षित जगह उसके पिता की गोद ही होती है। जहाँ वह निश्चिंत होकर सो जाती है। पिता रूपी पुरुष के इस स्नेह की छाप औरत के अवचेतन मन में सदा के लिए छप जाती है। युवावस्था में जब उसके जीवन में पति या प्रेमी के रूप में कोई पुरुष आता है तो स्त्री वही सुरक्षा, प्यार, लाड़-दुलार अपने पति या प्रेमी में भी खोजती है। वह रोज़मर्रा के जीवन में छोटे-छोटे देखभाल की लालसा रखती है। एक थकी हुई पत्नी को पति द्वारा दिया जाने वाली एक कप चाय का प्याला हो या चाहे एक गिलास पानी ही क्यों ना हो, वह उसे सभी लग्ज़री तोहफों से भी अधिक कीमती लगता है। पत्नी का जन्मदिन मनाना, सैर, पिकनिक या मूवी पे ले जाना, कभी-कभी छोटे छोटे गिफ्ट देते रहना, बीमारी में उसे दवा देना, प्यार से उसके सिर पर हाथ फेर देना, आदि ये सब छोटी-छोटी बातें हैं जो उसे ऊर्जावान और प्रसन्नचित्त बनाएं रखती हैं।

05. क्यों केवल सम्मान के द्वारा ही स्त्री को जीता जा सकता है?

हर स्त्री अपने पुरुष से प्रेम, समर्पण और वफ़ादारी के साथ-साथ उसके है क्षण सम्मान की भी अपेक्षा रखती है। हालांकि हमारे भारतीय समाज में पुरूष प्रधान मानसिकता होने के कारण एक पुरुष अपनी पत्नी या प्रेमिका को प्रेम तो कर लेता है, लेकिन प्रायः उसका सम्मान करना भूल जाता है। अपने पार्टनर द्वारा सम्मानित औरत में एक प्रबल आत्मविश्वास आ जाता है। उसके व्यक्तित्व में अलग सा आकर्षण होता है। औरत हमेशा यही उम्मीद करती है कि उसकी भावनाओं की कद्र की जाय और उसके इमोशन को समझा जाए। हालांकि स्त्री मनोविज्ञान एक लंबे रिसर्च का विषय है, फिर भी मैंनें कुछ आधारभूत पॉइंट्स को आप सभी के सम्मुख रखने की एक छोटी सी कोशिश की है। मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा ये आलेख पसन्द आया होगा। आभार और धन्यवाद।

– एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव

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What do women want from their men? (Hindi & English)

Om-Shiva
It is said that the human mind is very complex and it is very difficult to understand it. On top of that, if it is a woman’s heart, then it is almost impossible to understand it. Because it is also said that the depth of an ocean can be gauged, but the depth of a woman’s mind cannot be gauged. Still, what does a woman expect from her man, whether he is her husband or her lover? This can be understood from some points.

01. Why does a woman want appreciation from her lover?

Every woman, irrespective of her age, always craves for some loving and appreciative words from her partner. She expects that no matter what she does, her husband or lover must say something in her praise. In fact, whether a woman does household chores, or social work, or even makeup, she does all these things only for the satisfaction of her partner. Women’s psychology says that forget about heavy words of praise, just a glance of the partner filled with appreciation satisfies her from within. To be honest, a common woman secretly wants her partner’s approval for every work she does, no matter how much freedom she has got in life.

02. Why dedication and cooperation are the essence of a woman?

A woman expects the same dedication from her husband or lover as she herself is dedicated to her partner. Many times men are unable to express their dedication due to their male ego. They think that their wife or girlfriend will understand everything herself. But the dedication of men should also be reflected in their words and behavior. Whether it is about supporting the wife or physical relations, a woman expects that her partner is completely dedicated to her. Every woman always wants cooperation from her husband or lover, whether it is physical cooperation or mental, it is very important for her. When a woman gets the support of strong cooperation and companionship of her partner, then she can easily face the storms of the world.

03. Why true love and loyalty are the foundation of a woman?

If seen, every woman’s heart is as soft as a flower. No matter how harsh she may be for the world, she melts like wax in the heat of her partner’s love. To be honest, a woman can do the most daring act in the desire of true love, which men can never do. A woman’s heart can only be won by true love. When a woman feels the heat of true love from her partner, she sacrifices everything for him. It is a bitter truth that a man expresses love only to enjoy a woman’s body, while a woman surrenders her body only to get the love of her man. Here all men have to understand that a woman has a God-given quality of understanding deceit in love. When she feels that she is being cheated in love, she breaks down badly. The woman herself remains honest and loyal towards her partner, the same expectation and hope she keeps from her partner as well. That is why whenever she comes to know about her partner’s relationship with another woman, she goes to the mouth of death while she is still alive.

04. Why is the quality of giving and receiving care present in a woman?

A woman may fight with the whole world, but a little girl remains hidden inside her throughout her life, who desires love and care from her partner. It is a psychological fact that the first man in the life of any girl is her father. From whom she feels pampering, affection, appreciation, and security. The safest place in the world for a girl is her father’s lap. Where she sleeps without any worries. The impression of this affection of the man in the form of a father is forever imprinted in the subconscious mind of the woman. In her youth, when a man comes into her life as a husband or lover, then the woman seeks the same security, love, pampering in her husband or lover. She craves small cares in everyday life. A cup of tea or a glass of water given by a husband to a tired wife is more precious to her than all the luxurious gifts. Celebrating wife’s birthday, taking her outing, picnic or movie, giving small gifts sometimes, giving her medicine when she is sick, caressing her head lovingly, etc. are all small things that keep her energetic and happy.

05. Why can a woman be won only through respect?

Every woman expects love, dedication and loyalty from her man as well as respect from him at every moment. However, due to male-dominated mentality in our Indian society, a man loves his wife or girlfriend, but often forgets to respect her. A woman who is respected by her partner has a strong self-confidence. There is a different kind of attraction in her personality. A woman always expects that her feelings should be respected and her emotions should be understood. Although women psychology is a subject of long research, still I have made a small effort to put some basic points in front of you all. I hope you liked my article. Gratitude and thanks.

– Astro Richa Srivastava