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ऐसा करेंगे तो बुध ग्रह आजीवन हेतु खराब हो सकते हैं (Hindi & English)

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September 21, 2024

ऐसा करेंगे तो बुध ग्रह आजीवन हेतु खराब हो सकते हैं (Hindi & English)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे नवग्रहों में सबसे छोटे ग्रह बुध हैं। ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार माना गया है। बुध ग्रह सूर्य ग्रह के सर्वाधिक निकट हैं, इसलिए यह आधा गर्म और आधा ठंडा बने रहते हैं। इसी बीच के तापमान के कारण यहां जीवन संभव नहीं है। जो भी वस्तु बीच में अर्थात केंद्र में होगी वह बुध ग्रह को दर्शाती है। बुध ग्रह को बुद्धि का देवता भी कहा गया है। यह द्विस्वभाव वाला ग्रह है। काल पुरुष की कुंडली में चंद्र राशि मिथुन(3) एवम चंद्र राशि कन्या(6) पर बुध ग्रह का स्वामित्व होता है। बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च स्वभाव को धारण करते हैं तथा मीन राशि(12) में नीच स्वभाव को धारण करते हैं। बुध ग्रह उत्तर दिशा के स्वामी माने जाते हैं। सूर्य ग्रह तथा शुक्र ग्रह इनके परम मित्र माने जाते हैं। मंगल ग्रह और चंद्रमा ग्रह से बुध ग्रह परम शत्रुता रखते हैं। बृहस्पति ग्रह और शनि ग्रह ना मित्रों की गणना में आते हैं और ना ही शत्रुओं की गणना में आते हैं। अर्थात यह दोनों ग्रह बुध ग्रह के लिए सम ग्रह आते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह की महादशा 17 वर्षों तक चलायमान रहती है। यह हरित ऊर्जा से जन्मी खुशहाली के भी कारक बने रहते हैं। बुध ग्रह के ऊर्जा गुणों से प्रभावित जातक हर बात पर हंसना, सम्मुख जातक से स्वयं से ही बोलना तथा हर बात पर मजाक करते रहना दिल से पसंद करते हैं। हमारे शरीर में समस्त नसों के कारक भी बुध ग्रह ही होते हैं। बुध ग्रह व्यापार को भी दर्शाते हैं इसलिए यह एक सफल व्यापारी बनने की क्षमता भी प्रदान करते हैं। बुध ग्रह हमारे शरीर में त्वचा का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। बुध ग्रह जितने अच्छे होंगे उतना ही जातक में ज्ञान ग्रहण करने की क्षमता प्रबल होगी। बुध ग्रह एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो जातक को किसी भी परिस्थिति में ढलने की कला एवम क्षमता को प्रदान करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक का उत्तम व्यापार, उसकी छोटी और बड़ी बहनें, उसके परिवार में बुआ, उसके व्यापार से संबंधित अकाउंट, उसके जीवन में गणित विद्या की जानकारी, तथा ज्योतिष विद्या में गहरी गणनाएं बुध ग्रह की शक्ति में ही निहित होती हैं। ज्योतिष विद्या में बुध ग्रह अपने इन विशिष्ट गुणों के साथ में जिस भी ग्रह के साथ कुंडली में बैठता है तो उसके भी फल प्रदान करता रहता है। यह ग्रह तो छोटा सा ही है लेकिन इसका स्वभाव अति तेज और तर्रार है। ज्योतिष विद्या में 27 नक्षत्रों में से बुध ग्रह को आश्लेषा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र तथा रेवती नक्षत्र का स्वामि पद प्राप्त है। ऐसे जातक जिनका बुध ग्रह बली होता है वें संवाद तथा संचार के क्षेत्रों में निश्चित सफलता प्राप्त करते जाते हैं। बुध ग्रह से प्रभावित जातक हास्य और विनोद के वातावरण में अधिक अच्छा महसूस करते हैं। ऐसे जातक तीव्र बुद्धि के स्वामी, कूटनीतिज्ञ और राजनीति के क्षेत्रों में कुशल व्यवहार के स्वामी होते हैं। जातक के शरीर में नसों का दिखाई देना भी बुध ग्रह का ही प्रभाव है। बुध ग्रह की सौम्यता जातक को शिल्प कला के क्षेत्रों का हुनर भी प्रदान करती है। तथा आगे चलकर इन्हीं क्षेत्रों का पारखी भी बनाती है। आइए अब हम जानते हैं कि ऐसी कौन सी गलतियां हैं जिनके कारण से हमारा बुध ग्रह हमें अच्छे और शुभ प्रभाव नहीं देता है।

07 गलतियां जो आपके बुध ग्रह को हमेशा के लिए खराब कर देंगी

01. रसोई में मिट्टी के मटके को खाली रखना और 1 वर्ष पुराने मटके को पुनः प्रयोग में लाना।
02. अपनी पुत्री को केवल दूसरे घर की अमानत समझकर उसका लालन-पोषण करना।
03. बिना अर्थ के लगातार हमेशा झूठ बोलना और गूंगे दिव्यांग या जिनकी जुबान थथलाती हो और जो हकलाकर बोलते हों उनका मजाक बनाना।
04. भाई सामान मित्र से व्यर्थ का झगड़ा करना या उससे बुरी भावना रखते हुए पैसे मांगना और सामर्थ्य होते हुए भी उसके पैसे नहीं लौटाना।
05. बुधवार के दिन बिना जांच पड़ताल किए पैसे उधार देना और अकारण अधिक रात्रि के समय सिर धोना या सिर में तेल से मालिश करना।
06. किसी भी रूप में छोटी कन्याओं या किन्नर समाज को बहुत बुरे ढंग से अपशब्द कहना।
07. घर में तिज़ोरी या गुल्लक का ना होना। स्वयं की छोटी बहन पर हाथ उठाना या लात मारना।
– गुरु सत्यराम
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If you do this, mercury can be bad for your whole life (Hindi & English)

According to Jyotish Shastra, Mercury is the smallest planet among our nine planets. In Jyotish Shastra, Mercury is considered the prince of planets. Mercury is the closest to the Sun, so it remains half hot and half cold. Life is not possible here due to the temperature in between. Whatever object is in the middle, that is, in the center, represents Mercury. Mercury is also called the god of wisdom. It is a planet with dual nature. In the horoscope of Kaal Purush, Mercury owns the Moon sign Gemini (3) and the Moon sign Virgo (6). Mercury has a high nature in Virgo and a low nature in Pisces (12). Mercury is considered the lord of the north direction. Sun and Venus are considered its best friends. Mercury has extreme enmity with Mars and Moon. Jupiter and Saturn are neither counted as friends nor as enemies. That is, both these planets are equal planets for Mercury. According to astrology, the Mahadasha of Mercury lasts for 17 years. It also remains the factor of happiness born from green energy. The people influenced by the energy qualities of Mercury like to laugh at everything, talk to themselves and keep joking about everything. Mercury is also the factor of all the nerves in our body. Mercury also represents business, hence it also provides the ability to become a successful businessman. Mercury also represents the skin in our body. The better the Mercury is, the stronger will be the ability of the person to acquire knowledge. Mercury is the only planet that provides the person with the art and ability to adapt to any situation.
According to astrology, the native’s good business, his younger and elder sisters, his aunt in the family, accounts related to his business, his knowledge of mathematics in his life, and deep calculations in astrology are all inherent in the power of Mercury. In astrology, Mercury gives the results of the planet with which it sits in the horoscope with these special qualities. This planet is small but its nature is very sharp and agile. In astrology, out of the 27 constellations, Mercury is the lord of Ashlesha constellation, Jyeshtha constellation and Revati constellation. Such natives whose Mercury is strong, achieve definite success in the fields of dialogue and communication. Natives influenced by Mercury feel better in an environment of humor and humour. Such natives are the owners of sharp intellect, diplomats and are skilled in politics. The presence of veins in the body of the native is also the effect of Mercury. The gentleness of Mercury also provides the native with the skill of craftsmanship. And later on, it also makes him an expert in these fields. Let us now know what are the mistakes due to which our planet Mercury does not give us good and auspicious effects.

07 Mistakes that will spoil your Mercury forever

01. Keeping an empty earthen pot in the kitchen and reusing a 1 year old pot.
02. Raising your daughter as if she is a trust of another house.
03. Constantly lying without any reason and making fun of dumb disabled people or those whose tongue trembles and who speak with a stammer.
04. Fighting with a friend who is like a brother for no reason or asking for money from him with bad intentions and not returning the money despite having the ability.
05. Lending money on Wednesday without any investigation and washing your head or massaging your head with oil late at night without any reason.
06. Using very bad words against small girls or transgender community in any form.
07. Not having a safe or a piggy bank in the house. Raising hands or kicking your own younger sister.
– Guru Satyaram

2 thoughts on “ऐसा करेंगे तो बुध ग्रह आजीवन हेतु खराब हो सकते हैं (Hindi & English)

  1. Very nice information respected Guruji 🙏thank you so much! Om shiva 🙏

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