हमारे देश का नाम “भारत” ही क्यों हैं?
हमारे प्यारे देश के नाम भारत में,”भारत” शब्द के उद्भव के कई कारण बताये गए हैं। “भा” संस्कृत में ज्ञान का द्योतक है। जो ज्ञान में रत है वह भारत कहलाता है। हमारे देश में प्रारम्भ से ही ज्ञान की खोज और “अज्ञात” के प्रति शोध-अनुसन्धान की प्रथा रही है। वस्तुतः हमारा देश ज्ञानियों और ऋषि-मुनियों का देश है। जिनकी प्रकांड मेधा से भारत सदा से ही “विश्व” गुरू के पद पर शोभित रहा है। जिनके ज्ञान के प्रकाश से हमारी भारतीय संस्कृति जगमगाती रही है।
हमारी भारतीय संस्कृति में तीन भरत हुए हैं। पहले हुए हैं जड़ भरत जिन्होंने रहूगन को ज्ञान दिया था। वे ज्ञान के प्रतीक एवं ज्ञान योग के सूचक हैं।
दूसरे भरत हुए हैं इक्ष्वाकु वंश के सम्राट दशरथ जी के पुत्र भरत, जिन्होंने अपना सर्वस्व प्रभु श्रीराम जी की भक्ति में अर्पित कर दिया। वे भक्ति की प्रतिमूर्ति हैं अतः वे भक्ति योग के द्योतक हैं।
तीसरे भरत हुए थे देवी शकुंतला एवं श्री चन्द्रवंशी दुष्यंत के पुत्र भरत, जिन्होंने अपने पराक्रम से पूरे विश्व पर विजय पायी थी। वे कर्म पर विश्वास रखते थे इसलिए वे कर्मयोग के प्रवर्तक हैं।
हमारे इस प्यारे देश का नाम भारत तीनो के सामंजस्य से हुआ है। अर्थात हमारा देश कर्म योग, भक्ति योग एवं ज्ञान योग का मिश्रण है जो विश्व में अन्य किसी भी देश को प्राप्त नहीं है।
भारत देश की मिटटी में एक सौंधी सुगन्ध होती है, वह सुगन्ध किसी और देश में नही पाई जाती है। यह खुशबु ज्ञान की है, यह सुगन्ध हजारों वर्षों से चली आ रही हमारी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत की है।
हमें गर्व है कि हम भारत देश के वासी हैं। हम भारतीय हैं। इंडिया शब्द अंग्रेजों(ब्रिटिश) का दिया हुआ है जोकि पूर्णतः केवल गुलामी का ही सूचक है। हिंदुस्तान भी विदेशियों की देन है। हमें इंडिया एवं हिंदुस्तान छोड़ कर भारत को अपनाना होगा।आइए हम संकल्प करें कि हम सभी देशवासी केवल भारतीय बनें, इंडियन नहीं। जय भारत।
– एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव
Richa Srivastava
August 27, 2024 at 3:26 pm
Thanks A lot guru ji 🙏🙏 very nice presentation of the images along with article 🙏🙏 thank you again.
Priyanka
August 28, 2024 at 4:19 pm
Very well explained and informative. Thanks for educating us Richa ji.