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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक परिचय(Hindi & English)

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August 20, 2024

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक परिचय(Hindi & English)

Om-Shiva

हर वर्ष भगवान श्री कृष्णजी का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की शुभ अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान श्री विष्णुजी के 16 कलाओं से युक्त पूर्णावतार ,भगवान श्री कृष्णजी ने धर्म की संस्थापना हेतु माता श्रीदेवकीजी के गर्भ से मथुरा नामक पावन नगरी में मानव रूप में अवतार लिया था। भगवान विष्णुजी के आठवें अवतार योगेश्वर भगवान श्री कृष्णजी का जन्म द्वापर युग के अंत में भाद्रपद मास की शुभ अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में एक भयानक राक्षस कंस के अत्याचारों से धरती माता को मुक्त कराने के लिए हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हमारे सनातन धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को एक प्रमुख त्योहार की दृष्टि से देखा जाता है, और सम्पूर्ण देश-दुनियां में बड़े हर्षोल्लास से इस त्यौहार को मनाया जाता है।

इस दिन समस्त मंदिरों में बड़ी मनमोहक सजावट की जाती है और लोग अपने घरों में भी झांकियां आदि सजाकर भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म कराते हैं और छप्पन भोग लगाकर अपनी पूजा उपासना करते हैं। तुलसी दल युक्त माखन, मिश्री, दूध दही, पंजीरी और रामदाने के लड्डू, फल इत्यादि भगवान श्री कृष्णजी के प्रिय भोग है।

इस वर्ष किस दिन है जन्माष्टमी?

वर्तमान वर्ष 2024 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभ तिथि दिनांक 26 अगस्त, दिन सोमवार को पड़ रही है। साथ में एक अत्यंत शुभ योग, जयंती योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा। इस समय यदि भगवान श्री कृष्ण की पूजा उपासना की जायेगी तो अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

पूजन का मुहूर्त?

इस बार 26 अगस्त को सुबह 3 बजकर 40 मिनट से अष्टमी तिथि शुरू होगी और 27 अगस्त को सुबह 02 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। दिनांक 26 अगस्त के सूर्योदय काल से ही व्रत का प्रारम्भ होगा और व्रत का पारण 27 अगस्त को सुबह 06 बजे के बाद होगा।

रात्रि पूजन मुहूर्त?

रात्रि 12:00 बजे से रात्रि 12:45 बजे तक।

अपनी जन्म चंद्र राशि अनुसार क्या भोग लगाएं?

यदि उपासक इस विशिष्ट दिन अपनी जन्म चंद्र राशि अनुसार भगवान को भोग लगाकर उनकी उपासना करते हैं तो उन्हें भगवान का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा।

01. मेष राशि- मेवे और तुलसी दल सहित आटा की पंजीरी का भोग लगाएं।

02. वृष राशि- शुद्ध दूध से बनी मिठाई , खीर का तुलसी पत्र डालकर भोग लगाएं।

03. मिथुन राशि- इस राशि के जातक शुद्ध घी में बने हरे मूंग के तुलसी दल युक्त लड्डू या हलवे का भोग लगाएं।

04. कर्क राशि- कर्क राशि के जातक भोग में बेसन की पंजीरी, श्री खण्ड अर्पित करें।

05. सिंह राशि- इस राशि के जातक भगवान को अन्य द्रव्यों के साथ धनिया की पंजीरी अवश्य अर्पित करें।

06. कन्या राशि- कन्या राशि के जातक भोग में दही और बेसन के लड्डू अर्पित करें।

07. तुला राशि- इस राशि के जातक माखन, मिश्री और चावल के खीर का भोग अर्पित करें।

08. वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि वाले लाल पेड़े और नारियल की बर्फी अर्पित करें।

09. धनु राशि- इस राशि के जातक केसर युक्त मेवे और खोए की मिठाई का भोग अर्पित करें।

10. मकर राशि- मकर राशि के जातक भगवान को नारियल युक्त मखाने की खीर का भोग लगाएं।

11. कुम्भ राशि- इस राशि के जातक अन्य प्रसादों के साथ ताजे नारियल के लड्डू, और पँचमेवे युक्त आटे के लड्डूओ का भोग लगाएं।

12. मीन राशि- इस राशि के जातक केसर युक्त पीले बेसन के लड्डू या बेसन का हलुवा अर्पित करें।

इस प्रकार से भोग अर्पित करते हुए जातक पूजन करें और प्रभु से कल्याण की कामना करें। ध्यान रहे, प्रत्येक भोग-प्रसाद में तुलसी दल अत्यंत आवश्यक है।

– ज्योतिषाचार्य ऋचा श्रीवास्तव

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Sri Krishna Janmashtami – An Introduction(Hindi & English)

Om-Shiva

Every year, Lord Shri Krishna’s birth is celebrated on the auspicious Ashtami Tithi of Krishna Paksha of Bhadrapada month. Because on this day, Lord Shri Krishna, the complete incarnation of Lord Vishnu with 16 arts, took human form in the holy city of Mathura from the womb of Mother Shri Devki to establish religion. Lord Vishnu’s eighth incarnation, Yogeshwar Lord Shri Krishna was born at the end of Dwapar Yug on the auspicious Ashtami Tithi of Bhadrapada month in Rohini Nakshatra to free Mother Earth from the atrocities of a terrible demon Kansa. On this occasion, Shri Krishna Janmashtami is seen as a major festival in our Sanatan Dharma, and this festival is celebrated with great joy in the entire country and the world.

On this day, all the temples are decorated very attractively and people also decorate tableaux etc. in their homes to celebrate the birth of Lord Krishna and offer fifty-six offerings. Butter with Tulsi leaves, sugar candy, milk, curd, panjiri and Ramdana laddus, fruits etc. are the favorite offerings of Lord Krishna.

On which day is Janmashtami this year?

In the current year 2024, the auspicious date of Shri Krishna Janmashtami is falling on 26 August, Monday. Along with this, a very auspicious yoga, Jayanti yoga and Sarvartha Siddhi yoga are also being formed. If Lord Krishna is worshipped at this time, then one gets Akshay Punya fruit.

Muhurta of worship?

This time Ashtami Tithi will start from 3:40 am on 26 August and will end at 02:19 am on 27 August. The fast will start from sunrise on 26th August and the fast will end after 6 am on 27th August.

Night worship time?

From 12:00 pm to 12:45 pm.

What should be offered as per your birth moon sign?

If the worshipper worships God by offering him food as per his birth moon sign on this special day, then he will definitely receive the blessings of God.

01. Aries- Offer flour panjiri with dry fruits and basil leaves.

02. Taurus- Offer sweets made from pure milk, kheer with basil leaves.

03. Gemini- People of this zodiac should offer green moong laddu or halwa made in pure ghee with basil leaves.

04. Cancer- People of Cancer zodiac should offer gram flour panjiri, Shri Khand as bhog.

05. Leo- People of this zodiac sign must offer coriander panjiri to God along with other things.

06. Virgo- People of Virgo zodiac sign must offer curd and gram flour laddus as bhog.

07. Libra- People of this zodiac sign must offer butter, sugar candy and rice pudding.

08. Scorpio- People of Scorpio zodiac sign must offer red peda and coconut barfi.

09. Sagittarius- People of this zodiac sign must offer saffron-infused dry fruits and khoya sweets.

10. Capricorn- People of Capricorn zodiac sign must offer coconut-infused makhana kheer to God.

11. Aquarius- People of this zodiac sign must offer fresh coconut laddus and flour laddus with panchmewa along with other prasads.

12. Pisces- People of this zodiac sign must offer saffron-infused yellow gram flour laddus or gram flour halwa.

In this way, the person should worship by offering bhog and pray to the Lord for his welfare. Remember, Tulsi leaves are very essential in every bhog and prasad.

– Astrologer Richa Shrivastava

14 thoughts on “श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक परिचय(Hindi & English)

  1. Thanks for sharing such important information.. so proud and thankful to you..❤️

    1. Thanks for supporting me 🙏

  2. Gopal Krishna Shukla

    August 20, 2024 at 10:41 pm

    महत्वपूर्ण और सुन्दर आलेख

  3. महत्वपूर्ण जानकारी 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
    धन्यवाद आपका ऋचा जी

    1. धन्यवाद प्रिय मित्र!💐

      August 21, 2024 at 3:14 pm

      उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार और धन्यवाद । 🙏

  4. बहुत ही महत्त्वपूर्ण जानकारी

    1. धन्यवाद प्रिय अनुजा!💐

      August 21, 2024 at 8:45 pm

      बहुत बहुत धन्यवाद और आशीर्वाद!💐

  5. शानदार लेख ।
    बहुत बहुत बधाई।
    ऐसे ही लिखती रहें ।और महत्वपूर्ण जानकारी से सभी को जागरूक करें

  6. The Content is incredible, authentic and interactive too. It genuinely enhances our mythological knowledge . Thanks for sharing.

  7. Thanks respected Richa Ji for sharing such incredible knowledge enhanced article. Best of luck for upcoming posts…. Regards..

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