loading

Tag: shani ka daan kitne baje karna chahiye

  • Home
  • Tag: shani ka daan kitne baje karna chahiye

शनि का छाया-पात्र का दान क्या होता है?(Hindi & English) 

शनि का छाया-पात्र का दान क्या होता है?(Hindi & English)

Om-Shiva

भगवान शनिदेव का भारतीय सनातनी ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही विशिष्ट महत्व माना जाता है। शनिदेव को उनके इष्ट एवम गुरुदेव भगवान श्री सांब सदाशिव ने न्याय की पदवी पर विराजमान कराया है, इसलिए ही शनिदेव को उत्तम न्याय का देवता माना जाता है। न्यायधीश भगवान शनिदेव इस मृत्युलोक के सभी जातकों को उनके कर्मों के आधार पर शुभ/अशुभ फल प्रदान करते हैं। भगवान शनिदेव को जो दंडाधिकारी का पद प्राप्त है उसके चलते सभी के हृदय में शनिदेव के प्रति एक भय भी बना रहता है और महादेव की आज्ञा अनुसार शनिदेव अपने इस उत्तम धर्म की पालना हेतु कभी भी पीछे नहीं हटते हैं।

भगवान शनिदेव केवल कर्मों के अनुसार ही जातक के जीवन को उठाने हेतु न्याय करने के उपरांत उत्तम फल प्रदान करते हैं। इसलिए बुरे कर्म करने वालों को बुरा फल और अच्छे कर्म करने वालों को अच्छा फल सदा से मिलता आया है और आगे भी मिलता ही रहेगा। ऐसी स्पष्ट मान्यता है कि शनिदेव की सीधी क्रूर द्दष्टि अगर किसी पर पड़ जाए तो जातक के जीवन में संघर्ष के रूप में कई तरह के कष्ट एवम परेशानियां आना शुरू हो जाती हैं।

वहीं दूसरी तरफ अगर भगवान शनिदेव की सीधी शुभ दृष्टि अगर किसी जातक पर पड़ जाए तो जातक का रंक से राजा बनना अटल हो जाता है। प्रायः भगवान शनिदेव के स्वाभाविक गोचरीय वयवस्था अनुसार चलायमान शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या से लगभग सभी जातक बहुत ही परेशान होकर अपने-अपने जीवन में संघर्षों को अनुभव करते हैं।

लेकिन भगवान शनिदेव की कृपा जब बरसती है तो जातक राजाओं जैसा जीवन व्यतीत करता हैं। शनिदेव का छाया पात्र का दान भी शनिदेव की कृपा प्राप्ति का अति सर्वोत्तम उपाय माना जाता है। आइए अब जानते हैं कि शनिदेव का छाया पात्र का दान क्या होता है और कैसे इस उपाय से हमारे जीवन में सुखों की बढ़ोत्तरी होती है?

01. शनि का छाया-पात्र का दान क्या होता है?

शनि ग्रह की अतिरिक्त ऊर्जा जब प्रारब्ध के आधार पर या सामान्य साढ़ेसती के आधार पर या जन्म कुंडली में शनिदेव के विराजने के आधार पर जब अधिक बढ़ जाती है तब शनिदेव के प्रभाव को कम करने के लिए, उनसे क्षमा मांगने के लिए काले तिल, सरसों का तेल और लौह पात्र का दान किया जाता है उसे ही शनि का छाया-पात्र का दान कहते हैं।

02. शनि का छाया-पात्र का दान कैसे और किस दिन किया जाता है?

किसी भी गुरुवार/शनिवार को एक लौह पात्र में थोड़े काले तिल डालकर, सरसों का तेल डालकर पीपल के वृक्ष के नीचे खड़े होकर पात्र में अपना प्रतिबिंब देखने के पश्चात केवल शनिदेव के मंदिर में ही पात्र समेत दान दिया जाना चाहिए।

03. शनि का छाया-पात्र का दान किसको देना चाहिए?

शनिदेव के छाया पात्र का दान या शनिग्रह से संबंधित कोई भी दान केवल शनिदेव के मंदिर में ही दिया जाना चाहिए।

04. शनि का छाया-पात्र का दान किन जातकों को करना चाहिए?

1a. जिनको भी संतान से कष्ट हो, संतान न हो, मुकदमे चल रहे हो, पैरों में अधिक दर्द रहता हो या रीढ़ की हड्डी प्रभावित रहती हो या उनकी जन्म राशि पर साढ़ेसती चल रही हो। उन्हें छाया पात्र का दान 11 गुरुवार/शनिवार अवश्य करना चाहिए।

 

2b. जिनकी लग्न कुंडली में शनिदेव अगर 1,2,5,7,9 भाव में विराजे हुए हों तो जब आपकी जन्म राशि पर साढ़ेसती आयेगी तो ऐसे जातकों को उस दौरान प्रत्येक वर्ष 11 गुरुवार/शनिवार लगातार छाया पात्र का दान अवश्य करना चाहिए।

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– गुरु सत्यराम

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

What is the donation of Shani’s Chhaya-Patra?(Hindi & English)

Om-Shiva

Lord Shani Dev is considered to have a very special significance in Indian Sanatani astrology. Shani Dev has been placed on the position of justice by his Ishta and Gurudev Lord Shri Samb Sadashiv, that is why Shani Dev is considered to be the god of good justice. The judge Lord Shani Dev gives auspicious/inauspicious results to all the people of this mortal world on the basis of their deeds. Due to the position of a magistrate that Lord Shani Dev has, there is a fear of Shani Dev in everyone’s heart and as per Mahadev’s orders, Shani Dev never steps back from following this great religion of his.

Lord Shani Dev gives good results only after doing justice to uplift the life of the person according to their deeds. That is why people who do bad deeds have always got bad results and people who do good deeds have always got good results and will continue to get them in future too. There is a clear belief that if Shanidev’s direct cruel sight falls on someone, then many kinds of troubles and problems start coming in the form of struggle in the life of the person.

On the other hand, if Lord Shanidev’s direct auspicious sight falls on a person, then it becomes certain that the person becomes a king from a pauper. Usually, according to the natural transitory system of Lord Shanidev, almost all the people get very troubled by the moving Saturn’s Sadesati and Shani’s Dhaiyya and experience struggles in their lives.

But when Lord Shanidev’s blessings are showered, then the person lives a life like kings. Donation of Shanidev’s Chhaya Patra is also considered to be the best way to get Shanidev’s blessings. Let us now know what is the donation of Shanidev’s Chhaya Patra and how does this remedy increase happiness in our life?

01. What is the donation of Shani’s Chhaya Patra?

When the excess energy of Saturn increases on the basis of destiny or general sadhesati or presence of Shanidev in the birth chart, then to reduce the effect of Shanidev, to ask forgiveness from him, donation of black sesame seeds, mustard oil and iron vessel is done, this is called donation of Shani’s Chhaya-patra.

02. How and on which day is the donation of Shani’s Chhaya-patra done?

On any Thursday / Saturday, put some black sesame seeds, mustard oil in an iron vessel, stand under a peepal tree and see your reflection in the vessel, after which the donation should be done along with the vessel only in Shanidev’s temple.

03. To whom should Shani’s Chhaya-patra be donated?

Donation of Shanidev’s Chhaya-patra or any donation related to Shanigraha should be given only in Shanidev’s temple.

04. To whom should Shani’s Chhaya-patra be donated?

1a. Those who are facing problems with their children, do not have children, have ongoing court cases, have pain in their legs, their spine is affected or their birth sign is under Sadesati, they must donate Chhaya Patra on 11 Thursdays/Saturdays.

2b. If Lord Shani is placed in 1,2,5,7,9th house in their Lagna Kundali, then when Sadesati comes on your birth sign, such people must donate Chhaya Patra on 11 Thursdays/Saturdays every year during that period.

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

-Guru SatyaRam