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Tag: Rahu grah ke liye kya daan karein

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ऐसा करेंगे तो राहु ग्रह आजीवन हेतु खराब हो सकते हैं (Hindi & English)

ऐसा करेंगे तो राहु ग्रह आजीवन हेतु खराब हो सकते हैं (Hindi & English)

वैदिक सनातन ज्योतिष में राहुग्रह को एक पापी ग्रह जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष में राहुग्रह को कारक के आधार पर अत्यंत कठोर वाणी, सट्टा/जुआ, निरर्थक यात्राएँ, चोरी की दुषभावना, पापकर्म/दुष्टकर्म, गंभीर त्वचा के रोग, लंबी धार्मिक यात्राएँ आदि का सीधा कारक समझा जाता है। जिस भी जातक की लग्न कुंडली में राहुग्रह अशुभ स्थान पर बैठे हुए हों, या किसी भी अवस्था में पीड़ित हो गए हों तो जातक को इस कारण से अपने पूर्ण जीवन में राहुग्रह के नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। ज्योतिष विद्या के अनुसार राहुग्रह को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। लेकिन गोचर और लग्न कुंडली में मिथुन राशि(3) में यह उच्च प्रभावी हो जाता है और धनु राशि(9) में यह नीच प्रभावी हो जाता है।

27 नक्षत्रों में राहुदेव आद्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र और शतभिषा नक्षत्रों के स्वामी जाने जाते हैं। ज्योतिष विद्या के अनुसार राहुग्रह को एक छाया ग्रह कहा जाता है क्योंकि यह एक छलावा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब सूर्यदेव और पृथ्वी के बीच जब चंद्रदेव आ जाते हैं और चंद्रदेव का मुख सूर्यदेवकी तरफ होता है तो पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्रमा की छाया राहुग्रह का प्रतिनिधित्व करती है। अर्थात चंद्रमा के कारण ही राहुग्रह को अस्तित्व प्राप्त है लेकिन केवल छाया के रूप में।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जिस भी जातक की लग्न जन्म कुंडली में प्रथम(लग्न) भाव में राहु बैठा होता है तो प्रभाव अनुसार वह जातक सुंदर छवि और आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी होता है। ऐसा जातक कभी भी साहसिक कार्यों से पीछे नहीं हटता है लेकिन कभी कभार अत्यंत डरपोक भी बन जाता है। अगर सामने मजबूत लग्न और लग्न में ही तकतवार मंगल बैठा हुआ हो तो फिर राहु वाला जातक उससे भय भी रखता है। लग्न का राहु व्यक्ति को समाज में प्रभावशाली तो बनाता है लेकिन, सीधे मार्गों से धन कम ही दिलवाता है। हालाँकि इसके प्रभाव बहुत हद तक लग्न में स्थित राशि पर भी निर्भर करते हैं। हालाँकि ज्योतिष परंपरा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि लग्न का राहु व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं होता है क्योंकि उसकी सीधी दृष्टि सीधे तौर पर सातवें भाव को प्रभावित करती रहती है।

किसी भी जातक की जन्म कुंडली अगर राहुग्रह के द्वारा पीड़ित बनी हुई हो तो जातक को इसके भयंकर नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। यह ग्रह जातक के अंदर बुरी एवम पापी भावनाओं और आदतों को पैदा करता है। पापी राहुग्रह के प्रभाव से जातक केवल अपने बारे में ही सोचता है, वह किसी का भी सगा नही होता और सभी के साथ छल, कपट और धोखा करता है और स्वयं को भगवान समझने लग जाता है। ऐसा जातक बेशर्म होकर सभी से पैसे और वस्तुएं मांगता है और धन वापिस करने के समय सभी को केवल परेशानी ही वापिस करता है।

ऐसा व्यक्ति मांस, शराब तथा अन्य मादक पदार्थों का भी सेवन करता है और चरित्रहीन होकर घर से बाहर कई अवैध संबंध भी रखता है। राहुग्रह द्वारा पीड़ित जातक अपनी संगत में आने वाले सभी मित्रजनों को भी अधर्मी बनाने का प्रयास करता रहता है। लेकिन जब कोई सच्चा जातक ऐसे अधर्मी के द्वारा पीड़ित होकर अपने इष्ट के सम्मुख जाकर रो देता है तो फिर इस राहु वाले जातक को अपने पूर्ण जीवन में केवल दरिद्रता ही भोगनी पड़ती है। आइए अब जानते हैं वह 07 गलतियां जो आपके राहु ग्रह को हमेशा के लिए खराब कर देंगी।

07 गलतियां जो आपके राहु ग्रह को हमेशा के लिए खराब कर देंगी।

01. समाज में मौजूद अति गरीब वर्ग के अधिकारों को अपने अहंकार के कदमों तले दबाते रहना। इसमें भी मुख्य विषय रोटी, कपड़ा, मकान ही है।

02. सामर्थ्य होने के बाद भी हमेशा उधार में सभी सामान लेते रहना तथा झूठ का सहारा लेते हुए गरीब मजदूर वर्ग के पैसों को दबाए रखना।

03. हमेशा भोजन जल्दबाजी में ही ग्रहण करते रहना। बहुत अधिक गर्म भोजन को पानी के सहारे से निगलकर ही खाते रहना।

04. बहुत ही छोटी उम्र में अपनी पुत्री का विवाह कर देना तथा केवल व्यर्थ में बोझ मानते हुए बगैर जांच पड़ताल करे पुत्री का विवाह कर देना।

05. केवल आनंद के लिए गर्भपात करवाना। अपनी सामर्थ्य होने के पश्चात भी अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ससुराल पक्ष में ही रहना या उन पर निर्भर बने रहना।

06. आवश्यकता से अधिक मात्रा में या अधिक लंबे समय तक नींद आने के लिए, सिरदर्द के लिए, पीठ दर्द के लिए, सर्दगर्म के लिए या किसी भी तरह की पेन किलर दवाइयों का सेवन करते रहना।

07. नित्य सूर्य अस्त के पश्चात घर में बहुत अधिक धुआं करना घर की रसोई में अधिक मात्रा में तले हुए भोजन को पकाना।

-गुरु सत्यराम

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If you do this, Rahu can be bad for your whole life (Hindi & English)

In Vedic Sanatan Jyotish, Rahu is known as a sinful planet. In Vedic astrology, Rahu is considered to be a direct factor of harsh speech, speculation/gambling, useless travels, ill intentions of theft, sinful acts/evil deeds, serious skin diseases, long religious journeys etc. on the basis of factors. In the Lagna Kundli of any person, Rahu is sitting in an inauspicious place, or is afflicted in any condition, then due to this reason, the person gets negative results of Rahu in his entire life. According to Jyotish Vidya, Rahu does not have ownership of any zodiac sign. But in the transit and Lagna Kundli, it becomes highly influential in Gemini (3) and lowly influential in Sagittarius (9).

Out of the 27 nakshatras, Rahu is known to be the lord of Adra, Swati and Shatabhisha nakshatras. According to astrology, Rahu is called a shadow planet because it is an illusion. This is because when Chandradev comes between the Sun and the Earth and Chandradev faces the Sun, then the shadow of the Moon falling on the Earth represents Rahu. That is, Rahu exists because of the Moon but only in the form of a shadow.

According to Vedic astrology, the native whose Lagna (ascendant) horoscope has Rahu in the first (ascendant) house, then according to the effect, that native has a beautiful image and an attractive personality. Such a native never backs away from adventurous activities but sometimes becomes very timid. If there is a strong Lagna in front and the powerful Mars is sitting in the Lagna itself, then the native with Rahu is also afraid of it. Rahu in the Ascendant makes a person influential in the society but, it rarely brings wealth through direct means. However, its effects depend to a great extent on the zodiac sign in the Ascendant. However, according to the astrological tradition, it is believed that Rahu in the Ascendant is not good at all for the married life of a person because its direct sight directly affects the seventh house.

If the birth chart of any native is afflicted by Rahu, then the native gets terrible negative results. This planet creates bad and sinful feelings and habits in the native. Due to the influence of sinful Rahu, the native thinks only about himself, he is not related to anyone and cheats, deceives and deceives everyone and starts considering himself as God. Such a native shamelessly asks for money and goods from everyone and at the time of returning the money, he returns only troubles to everyone.

Such a person also consumes meat, alcohol and other intoxicants and being characterless, also has many illegal relationships outside the house. A person suffering from Rahu keeps trying to make all his friends unrighteous. But when a true person gets afflicted by such unrighteous and cries in front of his deity, then this person with Rahu has to suffer only poverty in his entire life. Now let us know those 07 mistakes which will spoil your Rahu planet forever.

07 mistakes which will spoil your Rahu planet forever.

01. Keep suppressing the rights of the very poor class in the society under the feet of your ego. The main topic in this is also roti, kapda, makaan.

02. Always taking all the things on credit despite having the capability and suppressing the money of the poor working class by taking the help of lies.

03. Always eating food in a hurry. Keep eating very hot food by swallowing it with the help of water.

04. Marrying your daughter at a very young age and marrying her off without any investigation, considering it a burden.

05. Getting an abortion done just for pleasure. Living with the in-laws or being dependent on them for fulfilling your daily needs even when you are capable.

06. Consuming medicines in excess or for a longer duration than required for sleep, headache, backache, cold and any kind of painkiller.

07. Making a lot of smoke in the house after sunset every day and cooking fried food in large quantities in the kitchen.

-Guru Satyaram