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कोर्ट केस और प्रशासनिक कार्यवाही से मुक्ति पाएं(Hindi & English)

कोर्ट केस और प्रशासनिक कार्यवाही से मुक्ति पाएं(Hindi & English)

कोर्ट के चक्करों में कैसे व्यक्ति तबाह हो जाता है?

इस युग का कुछ ऐसा प्रभाव होता जा रहा है कि आमजन की परेशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं लेती हैं। हमारे समाज में किसी भी व्यक्ति पर कोर्ट केस हो जाए या किसी भी तरह की प्रशासनिक कार्यवाही हो जाए तो समाज यह नहीं देखता है कि भला हुआ क्या है? बस अपने निर्णयों को पीड़ित व्यक्ति एवम उसके परिवार पर थोपना शुरू कर देता है। इन विषम दुखों के प्रभाव से व्यक्ति शारीरिक रूप के साथ मानसिक रूप से भी प्रताड़ित होना शुरू हो जाता है। इसलिए यह भी सत्य है कि जिस भी व्यक्ति पर कोर्ट केस या प्रशासनिक कार्यवाही आ जाती है तो वह व्यक्ति एक प्रकार से तबाह ही हो जाता है।

आखिर क्यों आते हैं जीवन में कोर्ट केस और प्रशासनिक दंड?

सर्वप्रथम हमें यह समझना आवश्यक है कि जो कुछ भी जीवन में अच्छा या बुरा घटित होता है उसका सीधा संबंध हमारे प्रारब्ध के कर्मों से जुड़ा रहता है। जैसे कर्म रहेंगे वैसा फल मिलना भी निश्चित रहता है। कर्मों का लेन देन ही पूर्ण जीवन की गाथा बनी रहती है। हमारे कर्म और ग्रहीय व्यवस्था मिलकर हमें सम या विषम फल प्रदान करती है। अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति और राहु एक साथ द्वादश भाव में विराजे हुए हैं, आपके वर्तमान कर्म भी विषम हैं तथा प्रारब्ध भी आकर खड़ा हो गया है तो यहां पूर्ण संभावना बनी रहेगी कि आपके ऊपर कोर्ट केस या प्रशासनिक कार्यवाही चलनी आरंभ हो जाए। मेरे अनुभव में कुछ ऐसे उपाय हैं जिनकी पालना करने से और ईश्वर की कृपा से आपको शीघ्र लाभ मिलना संभव रहेगा।

कोर्ट केस को जड़ से खत्म करने के लिए 7 सरल उपाय

1. किसी भी मंगलवार या शनिवार से शुरू करते हुए नित्य शाम 4 बजे पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर 11 पाठ बजरंग बाण के करें।

2. नित्य रात्रि भोजन के पश्चात 2 लौंग मुख में रख लें और हनुमान चालीसा का मन में पाठ करें और दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सो जाएं।

3. पुलिस स्टेशन या कोर्ट परिसर के अंदर लगे हुए पानी के नलकों से पानी पिया करें और दृष्टिहीन बच्चों को भोजन करवाएं।

4. किसी भी बुधवार से शुरू करते हुए 108 दिन तक लगातार शेर पर सवार मां दुर्गाजी पर 1 अनार फल अर्पण करें और वहीं बैठकर 32 नामावली की एक माला करें फिर दुर्गा सप्तशती में से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र और क्षमा प्रार्थना करें।

5. किसी भी शनिवार से शुरू करते हुए 11 शनिवार लगातार सवा किलो कच्चा कोयला जल प्रवाह करा करें और संभव हो तो कोर्ट या जेल की कैंटीन से कुछ भी खाद्य सामग्री मंगाकर ग्रहण करा करें।

6. किसी भी बुधवार को किन्नरों के स्थान पर जाकर अपने सामर्थ्य अनुसार कुछ भी वस्त्र उन्हें भेंट करें और आशीर्वाद रूप में प्रार्थना करते हुए एक रक्षा सूत्र उनसे अपने हाथ या गले में बंधवा लें।

7. किसी भी बुधवार या शनिवार से शुरू करते हुए नित्य सांझ की संध्या या रात्रि के समय माता महाकाली के सम्मुख बैठकर शिव चालीसा पहले फिर काली चालीसा का पाठ करा करें।

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– गुरु सत्यराम

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Get freedom from court cases and administrative proceedings(Hindi & English)

How does a person get destroyed in the court cases?

This era is having such an effect that the problems of the common man do not seem to end. In our society, if any person is subjected to a court case or any kind of administrative action, then the society does not see what good has happened? It just starts imposing its decisions on the victim and his family. Due to the effect of these strange sorrows, the person starts getting tortured mentally as well as physically. Therefore, it is also true that any person who is subjected to a court case or administrative action, that person gets destroyed in a way.

Why do we face court cases and administrative punishments in life?

First of all, we must understand that whatever good or bad happens in life is directly related to our destiny. The results are as per our deeds. The story of life is based on the give and take of our deeds. Our deeds and the planetary system together give us even or odd results. If Jupiter and Rahu are placed together in the 12th house in your Kundali, your current deeds are also odd and your destiny has also come and stood up, then there is a full possibility that a court case or administrative proceedings may start against you. In my experience, there are some such remedies, by following which and with the grace of God, it will be possible for you to get quick benefits.

7 simple remedies to end court cases from the root

1. Starting from any Tuesday or Saturday, sit under a Peepal tree at 4 pm every day and recite Bajrang Baan 11 times.

2. After dinner every night, keep 2 cloves in your mouth and recite Hanuman Chalisa in your mind and sleep with your head towards south.

3. Drink water from the water taps installed inside the police station or court premises and feed blind children.

4. Starting from any Wednesday, offer 1 pomegranate fruit to Maa Durgaji riding a lion for 108 days continuously and sit there and recite a rosary of 32 names, then recite Siddha Kunjika Stotra from Durga Saptashati and pray for forgiveness.

5. Starting from any Saturday, flow 1.25 kg raw coal in water for 11 Saturdays continuously and if possible, order some food items from the court or jail canteen and consume them.

6. On any Wednesday, go to the place of eunuchs and offer them some clothes according to your capacity and while praying for their blessings, get a protective thread tied on your hand or neck by them.

7. Starting from any Wednesday or Saturday, sit in front of Mata Mahakali every evening or night and recite Shiv Chalisa first and then Kali Chalisa.

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– Guru Satyaram