loading

Category: Astrology (Hindi & English)

  • Home
  • Category: Astrology (Hindi & English)

सौभाग्य और लक्ष्मी की प्राप्ति कैसे करें?(Hindi & English)

सौभाग्य और लक्ष्मी की प्राप्ति कैसे करें?(Hindi & English)

हमेशा ही कर्मों से उत्तम भाग्य का निर्माण होता है और उत्तम भाग्य के आधार पर ही उत्तम लक्ष्मी अर्थात धन का आगमन आपके जीवन में होता है। नियम बहुत ही सरल है या तो पूर्व जन्मों के पुण्यों से भाग्य की प्राप्ति होगी या फिर वर्तमान जन्म में पूर्ण संकल्पित कर्मों से भाग्य जागेगा। इसके साथ में कभी ऐसा भी देखना संभव रह सकता है कि सभी कुछ उत्तम किया जाता है परंतु घर चलाना भी मुश्किल बना रहता है। अब जब बात घर और परिवार पर आ जायेगी तो हमें भीड़ से थोड़ा हटते हुए कुछ विशिष्ट उपायों की शरण में अवश्य जाना चाहिए। इन उपायों के माध्यम से बस हमें वह दिखना प्रारंभ हो जाता है जो होता तो ठीक हमारे सामने ही है लेकिन हमारे बुरे प्रारब्ध के कारण अपना प्रकाश नहीं बिखेर पाता। आपकी सुविधा हेतु मैं आपको 09 सरल उपाय अपने अनुभव के आधार पर बता रहा हूं, जिनकी पालना करते रहने से आपको सौभाग्य और श्रीलक्ष्मी की सरल प्राप्ति संभव रहेगी।

सौभाग्य और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए 9 सरल उपाय

1. किसी भी बुधवार या शुक्रवार को किन्नरों को उनके स्थान पर जाकर 1 हरी साड़ी, 1 किलो हरी मिठाई और श्रद्धा अनुसार दक्षिणा दें और उनसे प्रार्थना करें कि आपके सिर पर हाथ रखकर आपको आशीर्वाद दें और आशीर्वाद रूप में उनसे कुछ रुपए मांगे। मिलने वाले रुपयों के बदले में आप फिर से कुछ दक्षिणा उन्हें अर्पण करें। मिले हुए रुपयों को हमेशा संभाल कर रखें।

2. अपनी बड़ी बहन को किसी भी बुधवार वाले दिन उनकी पसंद अनुसार कुछ भी वस्त्र और मीठा भेंट करें और अपने सामर्थ्य अनुसार उन्हें कुछ रुपए भेंट करें। अब उनके चरण स्पर्श करते हुए अपनी समस्या कहें और आशीर्वाद रूप में उनसे कुछ रुपए मांगे। मिले हुए रुपयों को अपने धन स्थान में रखें।

3. किसी भी शनिवार को अपनी सामर्थ्य अनुसार 9 वर्ष तक की 11 कन्याओं को उनके पसंद अनुसार कुछ भी चप्पल या जूते भेंट करें।

4. 1 वर्ष तक लगातार किसी भी गुरुवार से शुरू करते हुए प्रत्येक गुरुवार किसी भी कर्मकांडी ब्राह्मणदेव को आदरपूर्वक निमंत्रण देकर घर पर आमंत्रित करें। उनकी रुचि अनुसार उन्हें भोजन कराएं और सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देकर और आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें।

5. नित्य अपने घर में और पड़ोस एवम् समाज में मौजूद बुजुर्गों के चरण स्पर्श करा करें। उन्हें अपनी समस्याएं बताते रहा करें और उनकी भी सेवा कर आशीर्वाद प्राप्त करते रहा करें।

6. किसी भी पूर्णिमा को तिथि रहते हुए बुजुर्ग विधवा माता की अपने सामर्थ्य अनुसार उनकी सेवा करें। कुछ देर उनके पास बैठें अपनी समस्याएं उन्हें बताएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते रहें।

7. किसी भी दिन और किसी भी समय सड़क पर रहने वाली गर्भवती कुत्तिया को मूंग की दाल का हलवा खिलाया करें।

8. किसी भी गर्भवती स्त्री की गोदभराई के शुभ अवसर पर जोड़े से उनकी पसंद अनुसार लाल साड़ी भेंट करें और उनकी प्रसन्नता का आशीर्वाद प्राप्त करें।

 

9. नित्य काली या लाल गौमाता के माथे को स्पर्श करके अपने कंठ पर लगाया करें और गौमाता की पीठ पर 11 बार हाथ फेरा करें।

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– गुरु सत्यराम

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

How to attain good luck and Lakshmi? (Hindi & English)

Good luck is always created by actions and on the basis of good luck, good Lakshmi i.e. wealth comes into your life. The rule is very simple, either you will get luck from the virtues of previous births or luck will awaken in the present birth with fully determined actions. Along with this, it may be possible to see sometimes that everything is done well but running the house also remains difficult. Now when it comes to home and family, we must move away from the crowd and take refuge in some special measures. Through these measures, we start seeing what is right in front of us but is not able to spread its light due to our bad destiny. For your convenience, I am telling you 09 simple measures based on my experience, by following which you will be able to easily attain good luck and Shri Lakshmi.

9 simple remedies for getting good luck and Lakshmi

1. On any Wednesday or Friday, go to the place of eunuchs and give them 1 green sari, 1 kg of green sweets and dakshina as per your faith and pray to them to bless you by placing their hand on your head and ask for some money from them as blessings. In return for the money you get, offer them some dakshina again. Always keep the money you get safely.

2. On any Wednesday, gift your elder sister some clothes and sweets as per her choice and gift her some money as per your capacity. Now touch her feet and tell her your problem and ask for some money from her as blessings. Keep the money you get in your money place.

3. On any Saturday, gift slippers or shoes as per your capacity to 11 girls up to the age of 9 as per their choice.

4. Starting from any Thursday for 1 year, every Thursday invite any ritualistic Brahmin to your home with respect. Feed him food according to his liking and send him off after giving dakshina according to your capacity and taking his blessings.

5. Every day touch the feet of the elders present in your house, neighbourhood and society. Keep telling them your problems and keep serving them and getting their blessings.

6. On any full moon day, during the tithi, serve an elderly widowed mother according to your capacity. Sit near her for some time, tell her your problems and keep getting her blessings.

7. On any day and at any time, feed moong dal halwa to a pregnant dog living on the street.

8. On the auspicious occasion of any pregnant woman’s godh bharai, gift the couple a red saree of their choice and get the blessings of their happiness.

9. Touch the forehead of a black or red cow every day and place it on your throat and stroke the back of the cow 11 times.

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– Guru Satyaram

कोर्ट केस और प्रशासनिक कार्यवाही से मुक्ति पाएं(Hindi & English)

कोर्ट केस और प्रशासनिक कार्यवाही से मुक्ति पाएं(Hindi & English)

कोर्ट के चक्करों में कैसे व्यक्ति तबाह हो जाता है?

इस युग का कुछ ऐसा प्रभाव होता जा रहा है कि आमजन की परेशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं लेती हैं। हमारे समाज में किसी भी व्यक्ति पर कोर्ट केस हो जाए या किसी भी तरह की प्रशासनिक कार्यवाही हो जाए तो समाज यह नहीं देखता है कि भला हुआ क्या है? बस अपने निर्णयों को पीड़ित व्यक्ति एवम उसके परिवार पर थोपना शुरू कर देता है। इन विषम दुखों के प्रभाव से व्यक्ति शारीरिक रूप के साथ मानसिक रूप से भी प्रताड़ित होना शुरू हो जाता है। इसलिए यह भी सत्य है कि जिस भी व्यक्ति पर कोर्ट केस या प्रशासनिक कार्यवाही आ जाती है तो वह व्यक्ति एक प्रकार से तबाह ही हो जाता है।

आखिर क्यों आते हैं जीवन में कोर्ट केस और प्रशासनिक दंड?

सर्वप्रथम हमें यह समझना आवश्यक है कि जो कुछ भी जीवन में अच्छा या बुरा घटित होता है उसका सीधा संबंध हमारे प्रारब्ध के कर्मों से जुड़ा रहता है। जैसे कर्म रहेंगे वैसा फल मिलना भी निश्चित रहता है। कर्मों का लेन देन ही पूर्ण जीवन की गाथा बनी रहती है। हमारे कर्म और ग्रहीय व्यवस्था मिलकर हमें सम या विषम फल प्रदान करती है। अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति और राहु एक साथ द्वादश भाव में विराजे हुए हैं, आपके वर्तमान कर्म भी विषम हैं तथा प्रारब्ध भी आकर खड़ा हो गया है तो यहां पूर्ण संभावना बनी रहेगी कि आपके ऊपर कोर्ट केस या प्रशासनिक कार्यवाही चलनी आरंभ हो जाए। मेरे अनुभव में कुछ ऐसे उपाय हैं जिनकी पालना करने से और ईश्वर की कृपा से आपको शीघ्र लाभ मिलना संभव रहेगा।

कोर्ट केस को जड़ से खत्म करने के लिए 7 सरल उपाय

1. किसी भी मंगलवार या शनिवार से शुरू करते हुए नित्य शाम 4 बजे पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर 11 पाठ बजरंग बाण के करें।

2. नित्य रात्रि भोजन के पश्चात 2 लौंग मुख में रख लें और हनुमान चालीसा का मन में पाठ करें और दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सो जाएं।

3. पुलिस स्टेशन या कोर्ट परिसर के अंदर लगे हुए पानी के नलकों से पानी पिया करें और दृष्टिहीन बच्चों को भोजन करवाएं।

4. किसी भी बुधवार से शुरू करते हुए 108 दिन तक लगातार शेर पर सवार मां दुर्गाजी पर 1 अनार फल अर्पण करें और वहीं बैठकर 32 नामावली की एक माला करें फिर दुर्गा सप्तशती में से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र और क्षमा प्रार्थना करें।

5. किसी भी शनिवार से शुरू करते हुए 11 शनिवार लगातार सवा किलो कच्चा कोयला जल प्रवाह करा करें और संभव हो तो कोर्ट या जेल की कैंटीन से कुछ भी खाद्य सामग्री मंगाकर ग्रहण करा करें।

6. किसी भी बुधवार को किन्नरों के स्थान पर जाकर अपने सामर्थ्य अनुसार कुछ भी वस्त्र उन्हें भेंट करें और आशीर्वाद रूप में प्रार्थना करते हुए एक रक्षा सूत्र उनसे अपने हाथ या गले में बंधवा लें।

7. किसी भी बुधवार या शनिवार से शुरू करते हुए नित्य सांझ की संध्या या रात्रि के समय माता महाकाली के सम्मुख बैठकर शिव चालीसा पहले फिर काली चालीसा का पाठ करा करें।

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– गुरु सत्यराम

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

Get freedom from court cases and administrative proceedings(Hindi & English)

How does a person get destroyed in the court cases?

This era is having such an effect that the problems of the common man do not seem to end. In our society, if any person is subjected to a court case or any kind of administrative action, then the society does not see what good has happened? It just starts imposing its decisions on the victim and his family. Due to the effect of these strange sorrows, the person starts getting tortured mentally as well as physically. Therefore, it is also true that any person who is subjected to a court case or administrative action, that person gets destroyed in a way.

Why do we face court cases and administrative punishments in life?

First of all, we must understand that whatever good or bad happens in life is directly related to our destiny. The results are as per our deeds. The story of life is based on the give and take of our deeds. Our deeds and the planetary system together give us even or odd results. If Jupiter and Rahu are placed together in the 12th house in your Kundali, your current deeds are also odd and your destiny has also come and stood up, then there is a full possibility that a court case or administrative proceedings may start against you. In my experience, there are some such remedies, by following which and with the grace of God, it will be possible for you to get quick benefits.

7 simple remedies to end court cases from the root

1. Starting from any Tuesday or Saturday, sit under a Peepal tree at 4 pm every day and recite Bajrang Baan 11 times.

2. After dinner every night, keep 2 cloves in your mouth and recite Hanuman Chalisa in your mind and sleep with your head towards south.

3. Drink water from the water taps installed inside the police station or court premises and feed blind children.

4. Starting from any Wednesday, offer 1 pomegranate fruit to Maa Durgaji riding a lion for 108 days continuously and sit there and recite a rosary of 32 names, then recite Siddha Kunjika Stotra from Durga Saptashati and pray for forgiveness.

5. Starting from any Saturday, flow 1.25 kg raw coal in water for 11 Saturdays continuously and if possible, order some food items from the court or jail canteen and consume them.

6. On any Wednesday, go to the place of eunuchs and offer them some clothes according to your capacity and while praying for their blessings, get a protective thread tied on your hand or neck by them.

7. Starting from any Wednesday or Saturday, sit in front of Mata Mahakali every evening or night and recite Shiv Chalisa first and then Kali Chalisa.

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– Guru Satyaram

करोड़पति कैसे बना जाए?(Hindi & English)

करोड़पति कैसे बना जाए?(Hindi & English)

मेरे निजी अनुभव में धन एक ऐसा विषय है जिसे जितना अधिक पढ़ा जायेगा उतना ही अधिक आपका अनुभव बढ़ता जायेगा। धन प्राप्ति का सीधा मार्ग उत्तम कर्म करते रहना है, लेकिन उत्तम कर्म करते रहने के पश्चात भी अनेकों जन ऐसे भी हैं जिनकी शिकायत बनी रहती है कि उन्हें उत्तम कर्मों का फल नहीं मिल पाता है। वह इसलिए होता है कि हमारे द्वारा अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं कि हमारे पास आने वाली धन ऊर्जा का क्षय होना प्रारंभ हो जाता है। बस हमें अपनी नित्य दिनचर्या में कुछ सरल बातों का ध्यान बनाकर रखना है। उसके पश्चात शनै शनै हम ईश्वरीय कृपा से धनवान बनना शुरू हो जाएंगे।

करोड़पति बनने के लिए 9 बातों का ध्यान रखिए

1. घर के मंदिर में कभी भी खड़े होकर पूजा नहीं करें।

2. घर का मंदिर हमेशा आपके आज्ञा चक्र के समानांतर या उससे ऊपर ही होना चाहिए।

3. नित्य की पूजा का आसन कुशासन ही होना चाहिए जिस पर लाल ऊन से बना हुआ कोई भी कपड़ा बिछा हुआ हो।

4. मंगलवार और शनिवार को हमेशा सुबह तथा शाम को झाड़ू लगनी ही चाहिए। झाड़ू हमेशा आपने लाल कपड़े से ढक कर और दूसरों की नजरों से छिपा कर ही रखनी है।

 

5. 108 दिन में एक बार पूरे घर की विशेषतः घर के मंदिर (ईशान कोण) की सफाई अवश्य करें और भगवान के वस्त्र और पूजन सामग्री इत्यादि भी नयी प्रयोग करें।

6. महीने में एक बार किसी भी शुभ दिन सामान्य शुद्धि हवन अवश्य करवाएं या हफ्ते में किसी भी एक दिन या फिर नित्य शाम की संध्या के समय देसी गौमाता के गोबर धन के कंडो की धूनी को “श्रीं” मंत्रजाप के साथ पूरे घर में दिखाएं।

7. हर महीने अपने घर की मुख्य पानी की टंकी की सफाई अवश्य करवाएं और उसमें थोड़ा सा गंगाजल अवश्य मिलाएं।

8. अपने फटे या उधड़े हुए वस्त्र किसी को भी नहीं दिया करें अपितु साफ व उत्तम सिले हुए कपड़े ही जरूरतमंदो को दिया करें।

9. अपने जन्मदिन पर रुद्राभिषेक अवश्य करवाया करें और इस शुभ अवसर पर थोड़ा अन्नदान भी अवश्य करा करें।

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– गुरु सत्यराम

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

How to become a millionaire? (Hindi & English)

In my personal experience, wealth is such a subject that the more you study, the more your experience will increase. The direct way to get wealth is to keep doing good deeds, but even after doing good deeds, there are many people who keep complaining that they do not get the fruits of good deeds. This happens because we inadvertently make some mistakes due to which the money energy coming to us starts getting depleted. We just have to keep some simple things in mind in our daily routine. After that, gradually we will start becoming rich by the grace of God.

Keep these 9 things in mind to become a millionaire

1. Never stand and worship in the temple at home.

2. The temple at home should always be parallel to or above your Agya Chakra.

3. The seat for daily worship should be a Kushasan on which any cloth made of red wool is spread.

4. Sweeping should always be done on Tuesdays and Saturdays in the morning and evening. The broom should always be covered with a red cloth and kept hidden from the eyes of others.

 

5. Clean the entire house once in 108 days, especially the temple (east corner) of the house and use new clothes and worship material etc. for the God.

6. Perform general purification havan once a month on any auspicious day or on any one day of the week or every day in the evening, show the incense of cow dung cakes of desi cow mother in the entire house with the chanting of “Shri” mantra.

7. Get the main water tank of your house cleaned every month and add a little Gangajal to it.

8. Do not give your torn or worn out clothes to anyone, instead give clean and well stitched clothes to the needy.

9. Get Rudrabhishek done on your birthday and also donate some food on this auspicious occasion.

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– Guru Satyaram

 

स्वयं का मकान होना – कलयुग में एक स्वर्णिम सुख(Hindi & English)

स्वयं का मकान होना – कलयुग में एक स्वर्णिम सुख(Hindi & English)

Om-Shiva

अगर आज से 50 वर्ष पीछा जाएं तो स्वयं का मकान बनाना काफी सरल विषय माना जाता था। वह इसलिए भी क्योंकि महंगाई की इतनी अधिक मार नहीं थी और जनसंख्या भी काफी सीमित सी प्रतीत होती थी। परंतु वर्तमान समय में इतनी अधिक महंगाई हो चुकी है कि स्वयं का मकान होना पर्वत पर चढ़ाई करने के समान ही है। अपनी छत होना एक ऐसा सुख है जिसका स्वर्णिम लाभ आने वाली पीढ़ियों को भी प्राप्त होता है। मैं यहां आपको 09 सरल उपाय दे रहा हूं, जिनकी पालना करने से आपको मकान का सुख अवश्य प्राप्त होगा।

अपना मकान बनाने के लिए 9 सरल उपाय

स्वयं का मकान बनाने के लिए किन प्रमुख ग्रहों का मजबूत होना आवश्यक है?
शनि – मंगल – चन्द्रमा – बृहस्पति

1. मंगलवार या शनिवार या गुरुवार को एक चिड़िया का घोंसला लेकर आएं और ऐसे स्थान पर उसे रख दें जहां पर कोई भी चिडिय़ा आकर उसमे अपना घर बना ले।

2. मंगलवार या शनिवार या गुरुवार को एक चिड़िया का घोंसला लेकर आएं जिसमे चिड़िया और उसके बच्चे भी हों। अब उसे घर में दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ लटका दीजिए और 21 मंगलवार और शनिवार उस पर हल्दी का छीटां दें और दीपक दिखाएं।

3. एक लाल कपड़े में बंदर के पैरों की मिट्टी डालकर पोटली बना लें और 108 हनुमान चालीसा का पाठ कर उसे किसी भी पवित्र स्थान पर रख दें।

4. एक काले कपड़े में कौवे के पैरों की मिट्टी और 100 ग्राम साबुत काली उड़द डालकर एक पोटली बना लें और 108 बार “ॐ छाया माता नमो नमः” का जाप करें फिर उसे किसी भी पवित्र स्थान पर रख दें।

5. किसी भी बुजुर्ग विधवा स्त्री को माता रूप में कुछ भी पहनने वाले वस्त्र उनकी पसंद अनुसार भेंट करें और लगातार उनका आशीर्वाद प्राप्त करते रहें।

6. अपनी श्रद्धा अनुसार मजदूर वर्ग के बच्चों को 11 मंगलवार और शनिवार को देसी घी में बनी हुई उड़द डाल की पीली खिचड़ी खिलाएं। किसी भी रूप में बेसन की बनी हुई कोई भी मिठाई भी बच्चों में जरूर बांटें।

7. लंगूर के बच्चों को मीठे दूध में भीगी हुई रोटी अवश्य दें और गुड़+चना अपने हाथ से खिलाएं।

8. एक पीले रंग के कपड़े में 100 ग्राम चावल + 100 ग्राम साबुत काली उड़द + 100 ग्राम लाल मसूर डालकर उसकी पोटली बना लें। अब इस पोटली को अपने शयन करने वाले कमरे में रख दें या अपने सिरहाने के नीचे रख लें।

9. 11 पूर्णिमा लगातार शुद्ध केसर मिश्रित खीर बनाकर दुर्गाजी को भोग लगाएं और प्रसाद रूप में 9 वर्ष तक की कन्याओं को खिलाएं और खुशखबरी मिलने के पश्चात छोटी कन्याओं में कुछ चमकीले वस्त्र बांटें।

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– गुरु सत्यराम

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

Owning a house – a golden pleasure in Kaliyug.

Om-Shiva

If we go back 50 years from today, building one’s own house was considered a very simple matter. That too because inflation was not so much and the population also seemed to be quite limited. But in the present time, inflation has become so high that owning a house is like climbing a mountain. Having one’s own roof is such a pleasure whose golden benefits are also received by the coming generations. Here I am giving you 09 simple remedies, by following which you will definitely get the happiness of a house.

9 simple remedies to build your own house

Which major planets are required to be strong to build one’s own house?

Saturn – Mars – Moon – Jupiter

1. On Tuesday or Saturday or Thursday, bring a bird’s nest and keep it in such a place where any bird can come and make its home in it.

2. On Tuesday or Saturday or Thursday, bring a bird’s nest which contains the bird and its babies. Now hang it in the south or west direction of the house and sprinkle turmeric powder on it and light a lamp on 21 Tuesdays and Saturdays.

3. Put soil from the feet of a monkey in a red cloth and make a bundle. Recite Hanuman Chalisa 108 times and keep it in any holy place.

4. Put soil from the feet of a crow and 100 grams of whole black urad in a black cloth and make a bundle. Recite “Om Chaya Mata Namo Namah” 108 times and then keep it in any holy place.

5. Gift any old widowed woman any clothes of her choice which she can wear in the form of mother and keep receiving her blessings continuously.

6. According to your faith, feed the children of the working class yellow khichdi made of urad dal in desi ghee on 11 Tuesdays and Saturdays. Also distribute any sweet made of gram flour in any form among the children.

7. Give roti soaked in sweet milk to the children of Langur and feed jaggery + gram with your own hands.

8. Put 100 grams of rice + 100 grams of whole black urad + 100 grams of red lentils in a yellow cloth and make a bundle of it. Now keep this bundle in your bedroom or keep it under your pillow.

9. Make pure saffron mixed kheer for 11 consecutive full moon days and offer it to Durgaji and feed it to girls up to 9 years of age as prasad and after getting good news distribute some bright clothes among small girls.

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– Guru Satyaram

कलयुग में सरल धन प्राप्ति कैसे हो पाएगी?(Hindi & English)

कलयुग में सरल धन प्राप्ति कैसे हो पाएगी?(Hindi & English)

आज के युग में धन प्राप्ति एक ऐसा गंभीर विषय है कि उत्तम प्राप्ति पश्चात भी व्यक्ति को हमेशा अधूरा सा ही महसूस होता रहता है। क्योंकि जीवन में मात्र उत्तम धन आगमन से ही जीवन की लगभग आधी समस्याओं का निपटारा करना संभव बना रहता है। अब हमेशा कर्म को ही प्रधान मानते हुए धन के बारे में विचार किया जाता है, इसके साथ में ऐसे भी अनेकों व्यक्ति हैं जो कर्मों की बहुतायत के बाद भी उत्तम धन कृपा से वंचित बने रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब तक भाग्य का साथ नहीं होगा तो कितना ही कर्म कर लीजिए, उत्तम धन का अभाव बना ही रहेगा।

कर्म के साथ भाग्य क्यों आवश्यक है?

ऐसा भी देखने में आता है कि पिछले जन्मों के पाप कर्मों के प्रभाव से इस वर्तमान जन्म में व्यक्ति अपनी दैनिक मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी संघर्ष करता रहता है। इसलिए अब प्रश्न यह उठता है कि उत्तम कर्म के साथ में ऐसे क्या उपाय किए जाएं जिससे हमें भाग्य रूपी बल की प्राप्ति हो पाए? मेरे निजी अनुभव में केवल भगवान शिव ही एकमात्र ऐसे कृपालु हैं जिनकी शरण में जाने से भाग्य में लिखा भी बदला जा सकता है। इसलिए उत्तम धन प्राप्ति के संदर्भ में हम आपको 9 विशिष्ट एवम अति सरल उपाय यहां पर बता रहें हैं, जिनकी नित्य पालना करने मात्र से आपको उत्तम धन प्राप्ति अवश्य होगी।

अति शीघ्र धन प्राप्ति के लिए 9 सरल उपाय

1. किसी भी सोमवार से शुरू करते हुए नित्य देसी खांड वाला मीठा जल शिवलिंग और शिव-परिवार पर अर्पण करना।

2. किसी भी शुक्रवार से शुरू करते हुए 11 शुक्रवार लगातार शिवलिंग को मीठी दही से स्नान करवाना फिर देसी खांड को उबटन की तरह लगाते हुए फिर सामान्य जल से स्नान कराना।

3. किसी भी सोमवार से शुरू करते हुए 21 सोमवार लगातार शिवलिंग को ईख के रस से स्नान करवाना फिर भांग और अक्षत से शिवलिंग का श्रृंगार करना।

4. किसी भी रविवार से शुरू करते हुए नित्य रात्रि के समय शिवलिंग पर देसी घी का और कपूर का दीपक दान करना।

5. किसी भी सोमवार से शुरू करते हुए 11 सोमवार लगातार गुलाब के फूलों से शिवलिंग का और शिव परिवार का श्रृंगार करना।

6. किसी भी सोमवार से शुरू करते हुए 11 सोमवार और शुक्रवार लगातार शिवलिंग पर गुलाब जल मिश्रित कच्चे दूध को अर्पण करना और गुलाब इत्र और पीले अक्षत से श्रृंगार करना।

7. किसी भी सोमवार से शुरू करते हुए 108 दिन लगातार किसी भी समय शिवलिंग पर 1 दीपक दान करना और वहीं उत्तरमुखी बैठकर पुष्पदंतचार्य कृत “शिवमहिम्न” स्तोत्र का वैखारि मुद्रा में पाठ करना।

8. किसी भी गुरुवार से शुरू करते हुए नित्य या 51 दिन लगातार रात्रि के समय 1 दीपक दान करते हुए उत्तरमुखी होकर “शिव-तांडव” स्तोत्र का वैखारि मुद्रा में पाठ करना।

9. किसी भी सोमवार से शुरू करते हुए 21 सोमवार लगातार 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से “राम” लिखें और शिवलिंग पर अर्पण करें और वहीं उत्तरमुखी होकर बैठे और “श्रीसूक्तम” का पाठ करें।

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– गुरु सत्यराम

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

How can we get easy wealth in Kaliyug?

Today’s Yoga: Getting wealth is such a serious matter that even after getting the best wealth, a person always feels
incomplete. Because only with the arrival of good wealth in life, it is possible to solve almost half of the problems of
life. Now, wealth is always considered by considering karma as the main thing, along with this, there are many people who remain deprived of the blessings of good wealth even after abundance of karma. It is said that as long as luck is not with you, no matter how much work you do, the lack of good wealth will remain.

Why is luck necessary along with karma?

It is also seen that due to the effect of sinful deeds of previous births, a person keeps struggling to fulfill his daily
basic needs in this present birth. Therefore, now the question arises that what measures should be taken along with good karma so that we can get the power of luck? In my personal experience, only Lord Shiva is the only kind person, by taking refuge in whom, what is written in the fate can be changed. Therefore, in relation to getting good wealth, we are telling you 9 special and very simple measures here, by following them daily you will definitely get good wealth.

9 Simple Remedies for Very Quick Wealth

1. Starting from any Monday, offer sweet water mixed with pure sugar candy to Shivling and Shiv family every day.

2. Starting from any Friday, bathe Shivling with sweet curd for 11 consecutive Fridays, then apply pure sugar candy as a paste and then bathe with normal water.

3. Starting from any Monday, bathe Shivling with sugarcane juice for 21 consecutive Mondays, then adorn Shivling with bhang and rice grains.

4. Starting from any Sunday, donate a lamp of pure ghee and camphor on Shivling every night.

5. Starting from any Monday, decorate Shivling and Shiv family with rose flowers for 11 consecutive Mondays.

6. Starting from any Monday, offer raw milk mixed with rose water on Shivling for 11 consecutive Mondays and Fridays and adorn it with rose perfume and yellow rice grains.

7. Starting from any Monday, donate 1 lamp on Shivling at any time for 108 days continuously and sitting there facing north, recite “Shivamahimna” stotra written by Pushpadantacharya in Vaikhari Mudra.

8. Starting from any Thursday, donate 1 lamp every day or continuously for 51 days at night, facing north, recite “Shiv-Tandav” stotra in Vaikhari Mudra.

9. Starting from any Monday, write “Ram” on 21 Bilva leaves with sandalwood for 21 consecutive Mondays and offer them on Shivling and sitting there facing north, recite “Shri Suktam”.

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– Guru Satyaram

शनि का छाया-पात्र का दान क्या होता है?(Hindi & English) 

शनि का छाया-पात्र का दान क्या होता है?(Hindi & English)

Om-Shiva

भगवान शनिदेव का भारतीय सनातनी ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही विशिष्ट महत्व माना जाता है। शनिदेव को उनके इष्ट एवम गुरुदेव भगवान श्री सांब सदाशिव ने न्याय की पदवी पर विराजमान कराया है, इसलिए ही शनिदेव को उत्तम न्याय का देवता माना जाता है। न्यायधीश भगवान शनिदेव इस मृत्युलोक के सभी जातकों को उनके कर्मों के आधार पर शुभ/अशुभ फल प्रदान करते हैं। भगवान शनिदेव को जो दंडाधिकारी का पद प्राप्त है उसके चलते सभी के हृदय में शनिदेव के प्रति एक भय भी बना रहता है और महादेव की आज्ञा अनुसार शनिदेव अपने इस उत्तम धर्म की पालना हेतु कभी भी पीछे नहीं हटते हैं।

भगवान शनिदेव केवल कर्मों के अनुसार ही जातक के जीवन को उठाने हेतु न्याय करने के उपरांत उत्तम फल प्रदान करते हैं। इसलिए बुरे कर्म करने वालों को बुरा फल और अच्छे कर्म करने वालों को अच्छा फल सदा से मिलता आया है और आगे भी मिलता ही रहेगा। ऐसी स्पष्ट मान्यता है कि शनिदेव की सीधी क्रूर द्दष्टि अगर किसी पर पड़ जाए तो जातक के जीवन में संघर्ष के रूप में कई तरह के कष्ट एवम परेशानियां आना शुरू हो जाती हैं।

वहीं दूसरी तरफ अगर भगवान शनिदेव की सीधी शुभ दृष्टि अगर किसी जातक पर पड़ जाए तो जातक का रंक से राजा बनना अटल हो जाता है। प्रायः भगवान शनिदेव के स्वाभाविक गोचरीय वयवस्था अनुसार चलायमान शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या से लगभग सभी जातक बहुत ही परेशान होकर अपने-अपने जीवन में संघर्षों को अनुभव करते हैं।

लेकिन भगवान शनिदेव की कृपा जब बरसती है तो जातक राजाओं जैसा जीवन व्यतीत करता हैं। शनिदेव का छाया पात्र का दान भी शनिदेव की कृपा प्राप्ति का अति सर्वोत्तम उपाय माना जाता है। आइए अब जानते हैं कि शनिदेव का छाया पात्र का दान क्या होता है और कैसे इस उपाय से हमारे जीवन में सुखों की बढ़ोत्तरी होती है?

01. शनि का छाया-पात्र का दान क्या होता है?

शनि ग्रह की अतिरिक्त ऊर्जा जब प्रारब्ध के आधार पर या सामान्य साढ़ेसती के आधार पर या जन्म कुंडली में शनिदेव के विराजने के आधार पर जब अधिक बढ़ जाती है तब शनिदेव के प्रभाव को कम करने के लिए, उनसे क्षमा मांगने के लिए काले तिल, सरसों का तेल और लौह पात्र का दान किया जाता है उसे ही शनि का छाया-पात्र का दान कहते हैं।

02. शनि का छाया-पात्र का दान कैसे और किस दिन किया जाता है?

किसी भी गुरुवार/शनिवार को एक लौह पात्र में थोड़े काले तिल डालकर, सरसों का तेल डालकर पीपल के वृक्ष के नीचे खड़े होकर पात्र में अपना प्रतिबिंब देखने के पश्चात केवल शनिदेव के मंदिर में ही पात्र समेत दान दिया जाना चाहिए।

03. शनि का छाया-पात्र का दान किसको देना चाहिए?

शनिदेव के छाया पात्र का दान या शनिग्रह से संबंधित कोई भी दान केवल शनिदेव के मंदिर में ही दिया जाना चाहिए।

04. शनि का छाया-पात्र का दान किन जातकों को करना चाहिए?

1a. जिनको भी संतान से कष्ट हो, संतान न हो, मुकदमे चल रहे हो, पैरों में अधिक दर्द रहता हो या रीढ़ की हड्डी प्रभावित रहती हो या उनकी जन्म राशि पर साढ़ेसती चल रही हो। उन्हें छाया पात्र का दान 11 गुरुवार/शनिवार अवश्य करना चाहिए।

 

2b. जिनकी लग्न कुंडली में शनिदेव अगर 1,2,5,7,9 भाव में विराजे हुए हों तो जब आपकी जन्म राशि पर साढ़ेसती आयेगी तो ऐसे जातकों को उस दौरान प्रत्येक वर्ष 11 गुरुवार/शनिवार लगातार छाया पात्र का दान अवश्य करना चाहिए।

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

– गुरु सत्यराम

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

What is the donation of Shani’s Chhaya-Patra?(Hindi & English)

Om-Shiva

Lord Shani Dev is considered to have a very special significance in Indian Sanatani astrology. Shani Dev has been placed on the position of justice by his Ishta and Gurudev Lord Shri Samb Sadashiv, that is why Shani Dev is considered to be the god of good justice. The judge Lord Shani Dev gives auspicious/inauspicious results to all the people of this mortal world on the basis of their deeds. Due to the position of a magistrate that Lord Shani Dev has, there is a fear of Shani Dev in everyone’s heart and as per Mahadev’s orders, Shani Dev never steps back from following this great religion of his.

Lord Shani Dev gives good results only after doing justice to uplift the life of the person according to their deeds. That is why people who do bad deeds have always got bad results and people who do good deeds have always got good results and will continue to get them in future too. There is a clear belief that if Shanidev’s direct cruel sight falls on someone, then many kinds of troubles and problems start coming in the form of struggle in the life of the person.

On the other hand, if Lord Shanidev’s direct auspicious sight falls on a person, then it becomes certain that the person becomes a king from a pauper. Usually, according to the natural transitory system of Lord Shanidev, almost all the people get very troubled by the moving Saturn’s Sadesati and Shani’s Dhaiyya and experience struggles in their lives.

But when Lord Shanidev’s blessings are showered, then the person lives a life like kings. Donation of Shanidev’s Chhaya Patra is also considered to be the best way to get Shanidev’s blessings. Let us now know what is the donation of Shanidev’s Chhaya Patra and how does this remedy increase happiness in our life?

01. What is the donation of Shani’s Chhaya Patra?

When the excess energy of Saturn increases on the basis of destiny or general sadhesati or presence of Shanidev in the birth chart, then to reduce the effect of Shanidev, to ask forgiveness from him, donation of black sesame seeds, mustard oil and iron vessel is done, this is called donation of Shani’s Chhaya-patra.

02. How and on which day is the donation of Shani’s Chhaya-patra done?

On any Thursday / Saturday, put some black sesame seeds, mustard oil in an iron vessel, stand under a peepal tree and see your reflection in the vessel, after which the donation should be done along with the vessel only in Shanidev’s temple.

03. To whom should Shani’s Chhaya-patra be donated?

Donation of Shanidev’s Chhaya-patra or any donation related to Shanigraha should be given only in Shanidev’s temple.

04. To whom should Shani’s Chhaya-patra be donated?

1a. Those who are facing problems with their children, do not have children, have ongoing court cases, have pain in their legs, their spine is affected or their birth sign is under Sadesati, they must donate Chhaya Patra on 11 Thursdays/Saturdays.

2b. If Lord Shani is placed in 1,2,5,7,9th house in their Lagna Kundali, then when Sadesati comes on your birth sign, such people must donate Chhaya Patra on 11 Thursdays/Saturdays every year during that period.

Guru SatyaRam
Guru SatyaRam

-Guru SatyaRam

यह नवरत्न हैं बड़े अनमोल(Hindi & English) 

यह नवरत्न हैं बड़े अनमोल(Hindi & English)

Om-Shiva

औषधि मणि मंत्राणाम्, ग्रह-नक्षत्र तारिका।
भाग्यकाले भवेत् सिद्धिः,अभाग्यं निष्फलं भवेत ।।

अर्थात, औषधि, मणि(रत्न) एवं मन्त्र, ग्रह-नक्षत्र जनित रोगों को दूर करते हैं। यदि समय सही है तो शुभ फल प्राप्त होते हैं, जबकि विपरीत समय में ये सभी निष्फल हो जाते हैं। हमारे ज्योतिष विज्ञान में ग्रहों के रत्नों का वही महत्व है जो आधुनिक मेडिकल साइंस में दवाइयों का है। दरअसल ग्रहों के रत्न हमारे शरीर में ग्रहों से आ रही दिव्य किरणों को सोखकर हमारे शरीर में ऊर्जा को बढाते हैं। उस ग्रह से सम्बंधित शुभ फलों में बढ़ोतरी करते हैं। अतः आपकी कुंडली में जो ग्रह शुभ फलदायी हों मगर निर्बल हों, उनका रत्न धारण करके उन्हें बलशाली बनाया जा सकता है। यही कारण भी है कि अशुभ ग्रहों के रत्न सर्वथा त्याज्य ही होते हैं।

अनेक ज्योतिष ग्रंथों में जहाँ इसी प्रकार जातक की कुंडली में दुःस्थिति के कारण कुफलदायी सूर्य आदि ग्रहों को प्रसन्न के लिए भिन्न-भिन्न से सम्बंधित रत्नों के साथ ही अन्य पदार्थों को दान करने का निर्देश दिया है, वहीं शुभ फल की प्राप्ति के लिए रत्न धारण का भी निर्देश दिया गया है। “ज्योतिषतत्व सुधाणव” का यह वाक्य भी स्पष्ट कहता है कि जब सूर्यादि ग्रह कुफलप्रद हो, तब इनकी शांति के लिए क्रमशः माणिक्य,पन्ना, मूँगा, पुखराज, मोती, हीरा, नीलम, गोमेद,और मरकत (लहसुनिया) धारण करने चाहिए :

माणिक्यं विगुणे सूर्ये वैदूर्यम शशलाच्छने।
प्रवालं भूमिपुत्रे च पद्मरागम शशांकजे।।
गुरौ मुक्ताम भृगौ व्रजं इंद्रानीलं शनैश्चरे।
राहो गोमेदकं धार्यं केतौ मर्कतम तथा ।।

इसी प्रकार श्रीकश्यप मुनि और श्रीपति भी अशुभ ग्रहों के प्रकोप को शांत करने के लिए इनके अपने अपने रत्न धारण करने का सुझाव देते हैं।

अब सवाल ये उठता है कि नवग्रहों के रत्नों को किस प्रकार धारण किये जाएं कि हमारी सोई हुई किस्मत पुनः जाग उठे। इस सम्बंध में विभिन्न ज्योतिर्विदों के अपने अलग-अलग सिद्धांत हैं। कोई भाग्येश का रत्न पहनाता है, तो कोई प्रचलित वर्तमान दशा का रत्न पहनाता है। कोई जन्म चंद्र राशि के स्वामी का रत्न पहनाता है तो कोई सूर्य की सायन राशि के अनुसार रत्न धारण करने का सुझाव देता है। यहाँ हम आपको उम्र की अवस्था अनुसार किस्मत जगाने वाले रत्नों को धारण करने का सुझाव दे रहे हैं। जिसके लिए हमने जीवन काल को 3 खण्डों में विभाजित किया है।

 

प्रथम खण्ड-

इसमें पहला खण्ड है प्राथमिक व उच्चशिक्षा का काल खंड। इसमें विभिन्न जन्म चंद्र राशि एवम लग्न वाले व्यक्तियों को निम्नानुसार रत्न पहनना चाहिए-

लग्न/राशि और उत्तम रत्न

01. मेष – माणिक्य
02. वृषभ – पन्ना
03. मिथुन – हीरा/ओपल
04. कर्क – मूंगा
05. सिंह – पुखराज
06. कन्या – नीलम
07. तुला – नीलम
08. वृश्चिक – पुखराज
09. धनु – मूंगा
10. मकर – हीरा
11. कुम्भ – पन्ना
12. मीन – मोती

द्वितीय खण्ड-

जब प्रतियोगिता परीक्षा एवम उसके बाद कैरियर में उन्नति का अवसर हो, तब उक्त रत्न के साथ निम्नलिखित रत्न भी धारण करना चाहिए-

 

लग्न/राशि और उत्तम रत्न

मेष – पुखराज
वृष – नीलम
मिथुन – नीलम
कर्क – पुखराज
सिंह – मूँगा
तुला – पन्ना
वृश्चिक – मोती
धनु – माणिक
मकर – पन्ना
कुम्भ – हीरा
मीन – मूँगा

तीसरा खण्ड-

जीवन के तीसरे खण्ड में जब हमारे उत्तरदायित्वों में जब वृद्धि होने लगती है तो प्रायः सभी क्षेत्रो में अनुकूलता की आवश्यकता महसूस होती है। ऐसी स्थिति में उपर्युक्त रत्नों के साथ निम्नलिखित रत्न भी धारण करना चाहिए-

 

लग्न/राशि और उत्तम रत्न

मेष – मूँगा
वृष – हीरा/ओपल
मिथुन – पन्ना
कर्क – मोती
सिंह – माणिक्य
कन्या – पन्ना
तुला – हीरा/ओपल
वृश्चिक – मूँगा
धनु – पुखराज
मकर – नीलम
कुम्भ – नीलम
मीन – पुखराज

 

राहु और केतु यह दोनों आकस्मिक परिणाम देने वाले ग्रह हैं।उनके रत्न भी उनकी दशा/ महादशा में धारण किये जा सकते हैं। राहु ग्रह का रत्न गोमेद और केतु ग्रह का रत्न लहसुनिया है। यदि राहु केतु लग्न, द्वितीय, पंचम, नवम, दशम, या एकादश स्थान/भाव में हैं और उनकी दशा भी चल रही हो तो इन रत्नों को धारण कर आकस्मिक शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है, और अपनी सोई हुई किस्मत को जगाया जा सकता है।

यहाँ एक बात् महत्वपूर्ण है कि रत्न योग्य एवम अनुभवी ज्योतिषी के दिशानिर्देश के अनुसार ही धारण करना चाहिए,अन्यथा इनका नकारात्मक असर भी पड़ सकता है। ग्रहों के रत्नों को सदैव उनके लिए निर्धारित धातुओं में ही धारण करना चाहिए।

ग्रहों के रत्न और उत्तम धातु-

माणिक्य को सोना या तांबा, मोती को चाँदी, मूँगा को सोना या तांबा, पन्ना को सोना या त्रिधातु, पुखराज को सोना या चाँदी, हीरा को प्लेटिनम और चाँदी में, नीलम को त्रिलोह,पंचधातु और अष्टधातु में, गोमेद को पँचधातु या अष्टधातु में और लहसुनिया को भी पँचधातु या अष्टधातु में बनवाना चाहिए।

रत्न और अँगुली-

माणिक्य, मोती, मूँगा अनामिका अँगुली में, पन्ना कनिष्ठिका में, पुखराज को तर्जनी में धारण करना चाहिए। जबकि हीरा, नीलम, गोमेद,लहसुनिया को मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए। तभी रत्नों का सही असर प्राप्त होता है।

रत्न का वजन-

प्रायः रत्न का धारण सवाई ईकाई में किया जाता है। जैसे- सवा 7 रत्ती, सवा पांच रत्ती आदि।

इसके पीछे यह धार्मिक मान्यता है कि सवाया होने पर वृद्धि होती है। इसी प्रकार से पौना वजन का रत्न नहीं धारण किया जाता है। इसके पीछे यह मान्यता है कि पौना कमतर का प्रतीक है। ध्यान रहे कि सवाया का अर्थ 0.10 से लेकर 0.40 माना जाता है। इसी प्रकार पौना का अर्थ 0.7 से 0.9 तक माना जाता है। इस प्रकार 5.1 से लेकर 5.4 रत्ती तक का रत्न 5.25 रत्ती में माना जाता है।

-ज्योतिषाचार्य ऋचा श्रीवास्तव

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++

These nine gems are very precious(Hindi & English)

Om-Shiva 

Aushadhi Mani Mantranam, Graha-Nakshatra Taarika.

Bhagyakaale Bhavet Siddhih, Abhagyam Nisphalam Bhavet.

That is, medicine, gem and mantra cure the diseases caused by planets and stars. If the time is right, then auspicious results are obtained, whereas in adverse times, all these become ineffective. In our astrology science, the gems of planets have the same importance as medicines have in modern medical science. Actually, the gems of planets increase the energy in our body by absorbing the divine rays coming from the planets in our body. They increase the auspicious results related to that planet. Therefore, the planets in your horoscope which are auspicious but weak, can be made strong by wearing their gems. This is also the reason that the gems of inauspicious planets are completely discarded.
Similarly, in many astrological texts, instructions have been given to donate gems and other things along with various related gems to appease the malefic planets like Sun etc. due to bad position in the horoscope of the person, while instructions have also been given to wear gems to get auspicious results. This sentence of “Jyotishatattva Sudhanava” also clearly says that when Suryaadi planet is inauspicious, then for their peace one should wear Ruby, Emerald, Coral, Topaz, Pearl, Diamond, Sapphire, Onyx, and Emerald (Lahsuniya) respectively:

Manikyaam Vigune Suryaye Vaiduryaam Shashlacchane.

Pravalam Bhoomiputre Cha Padmaragam Shashankje.

Guru Muktam Bhrigau Vrajam Indranilam Shanaishchare.

Raho Gomedkan Dharyam Ketau Marktam Tath..

Similarly, Shri Kashyap Muni and Shripati also suggest wearing their respective gems to calm the wrath of inauspicious planets.
Now the question arises that how should the gems of the nine planets be worn so that our sleeping luck wakes up again. Different astrologers have their own different theories in this regard. Some make us wear the gem of Bhagyesh, some make us wear the gem of the current condition. Some make us wear the gem of the lord of the birth moon sign, while some suggest wearing the gem according to the Sun’s side sign. Here we are suggesting you to wear the gems that awaken luck according to the age. For which we have divided the life span into 3 parts.

First part-

The first part in this is the period of primary and higher education. In this, people with different birth moon signs and ascendants should wear the gems as follows-

Ascendant/Zodiac sign and best gemstone

01. Aries – Ruby
02. Taurus – Emerald
03. Gemini – Diamond/Opal
04. Cancer – Coral
05. Leo – Topaz
06. Virgo – Blue Sapphire
07. Libra – Blue Sapphire
08. Scorpio – Topaz
09. Sagittarius – Coral
10. Capricorn – Diamond
11. Aquarius – Emerald
12. Pisces – Pearl

Second Part –

When there is an opportunity for competitive examination and career advancement thereafter, then the following gems should also be worn along with the above gems-

Ascendant/Zodiac Sign and Best Gemstones

Aries – Topaz
Taurus – Blue Sapphire
Gemini – Blue Sapphire
Cancer – Topaz
Leo – Coral
Libra – Emerald
Scorpio – Pearl
Sagittarius – Ruby
Capricorn – Emerald
Aquarius – Diamond
Pisces – Coral

Third Part –

In the third part of life, when our responsibilities start increasing, then the need for compatibility is felt in almost all areas. In such a situation, the following gems should also be worn along with the above gems.

Lagna/Zodiac Sign and Best Gemstones

Aries – Coral
Taurus – Diamond/Opal
Gemini – Emerald
Cancer – Pearl
Leo – Ruby
Virgo – Emerald
Libra – Diamond/Opal
Scorpio – Coral
Sagittarius – Topaz
Capricorn – Blue Sapphire
Aquarius – Blue Sapphire
Pisces – Topaz
Rahu and Ketu are both planets that give unexpected results. Their gemstones can also be worn in their Dasha/Mahadasha. The gemstone of Rahu is Onyx and the gemstone of Ketu is Cat’s Eye. If Rahu and Ketu are in the Lagna, second, fifth, ninth, tenth or eleventh house and their Dasha is also going on, then by wearing these gemstones, unexpected auspicious results can be obtained and one can awaken one’s sleeping luck.
One important thing here is that gems should be worn only under the guidance of a qualified and experienced astrologer, otherwise they can have negative effects. The gems of planets should always be worn in the metals prescribed for them.

Gems of planets and best metals-

Ruby should be made in gold or copper, pearl in silver, coral in gold or copper, emerald in gold or tri-metal, topaz in gold or silver, diamond in platinum and silver, blue sapphire in tri-metal, panchdhatu and ashtadhatu, onyx in panchdhatu or ashtadhatu and cat’s eye should also be made in panchdhatu or ashtadhatu.

Gems and finger-

Ruby, pearl, coral should be worn in ring finger, emerald in little finger, topaz in index finger. Whereas diamond, sapphire, onyx, cat’s eye should be worn in the middle finger. Only then the gems give the right effect.

Weight of gems-

Usually gems are worn in savaai units. Like- 7 and a quarter ratti, 5 and a quarter ratti etc.
The religious belief behind this is that there is an increase in the weight of savaai. Similarly, gems of paunna weight are not worn. The belief behind this is that paunna is a symbol of less. Keep in mind that savaai means 0.10 to 0.40. Similarly paunna means 0.7 to 0.9. Thus a gem of 5.1 to 5.4 ratti is considered to be 5.25 ratti.
-Astrologer Richa Shrivastava