मकर संक्रांति 2025 (Hindi & English)
Om-Shiva
मकर संक्रांति सूर्यदेव और शनिदेव की पूजा, उपासना तथा दान से जुड़ा एक महापर्व है। इसी दिन के बाद सूर्यदेव धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करते हैं जिसे सूर्यदेव का उत्तरायण होना भी कहा जाता है। यही वह महत्वपूर्ण दिन है जब मलमास समाप्त हो जाता है और विवाह आदि शुभ मांगलिक कार्य सम्पन्न किए जाते हैं। महाभारत में भी वर्णन है कि युद्ध के समय शर-शैय्या पर पड़े भीष्म पितामह नें सूर्यदेव की मकर संक्रांति के दिन ही अपनी मृत्यु की इच्छा जताई थी। उन्होनें बताया था कि, इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं, अतः इस दिन प्राण त्यागने पर अवश्य मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसी प्रकार से एक अन्य स्थान पर वर्णन है कि मकर संक्रांति के दिन ही माँ गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, और महाराज भगीरथ का अनुसरण करते हुए सागर में विलीन हुई थीं। इस दिन पश्चिम बंगाल में स्थित गंगासागर तट पर बड़ा मेला लगता है। लोग आज के दिन स्नान, ध्यान तर्पण इत्यादि करके पुण्य फलों की प्राप्ति करते हैं।
भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से मकर संक्रांति का बहुत महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की मकर राशि में पधारते हैं। अतः यह दिन पिता-पुत्र के मिलन से भी जुड़ा हुआ है।
श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णुजी नें पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार करने के पश्चात मंदार पर्वत पर उनके सिरों को काटकर गाड़ दिया था। तभी से भगवान श्रीहरि विष्णुजी की विजय को मकर सक्रांति के दिन मनाया जाता है।
भारत में मकर सक्रांति के दौरान नई फसलों को काटने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। फसल कटाई के बाद प्रत्येक राज्य में अलग अलग नामों से इस त्योहार को मनाते हैं। दक्षिण भारत में इसे पोंगल और उत्तर भारत में खिचड़ी, उत्तरायण, लोहड़ी और भोगली बिहू के नाम से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति शुभ पूजन मुहूर्त?
पुण्य काल मुहूर्त-
प्रातः 14 जनवरी की सुबह 09:03 से शाम 05:46 बजे तक मान्य रहेगा। इस अवधि में स्नान, ध्यान, पूजा, तप, दान कर सकते हैं।
महापुण्य काल मुहूर्त-
14 जनवरी की सुबह 09:03 से सुबह 10:48 तक मान्य रहेगा। इस अवधि में पूजा और दान करने से सूर्यदेव की अति विशिष्ट कृपा प्राप्त होती है।
आपकी राशि के अनुसार उत्तम दान?
01. मेष राशि (Aries)
गुड़, मूंगफली, तिल।
02. वृष राशि (Taurus)
सफेद कपड़ा, दही, सफेद तिल।
03. मिथुन राशि (Gemini)
मूंगदाल, चावल, कम्बल, हरी सब्जी।
04. कर्क राशि (Cancer)
चावल, चांदी,दूध, सफ़ेद तिल।
05. सिंह राशि (Leo)
गेहूं, जौ, गुड़, तांबा।
06. कन्या राशि (Virgo)
खिचड़ी, कम्बल,हरे वस्त्र,काले तिल।
07. तुला राशि (Libra)
शक्कर या मिस्री, सफेद तिल, चावल, सफेद ऊनी वस्त्र।
08. वृश्चिक राशि (Scorpio)
मसूर दाल, मूँगा, लाल वस्त्र, तिल।
09. धनु राशि (Sagittarius)
पीतल की वस्तु, खिचड़ी,खड़ी हल्दी, पीला वस्त्र।
10. मकर राशि (Capricorn)
काला कम्बल, लोहा, काली उड़द, तिल, सरसों तेल।
11. कुम्भ राशि (Aquarius)
काला वस्त्र, काली उडद, खिचड़ी और तिल।
12. मीन राशि (Pisces)
चावल, केले, चने की दाल, पीला रेशमी वस्त्र, तिल।
धन्यवाद एवम आभार।
– ज्योतिषाचार्य ऋचा श्रीवास्तव (ज्योतिष केसरी)
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Makar Sankranti 2025 (Hindi & English)
Om-Shiva
Makar Sankranti is a great festival associated with the worship, worship and charity of Sun God and Shani Dev. After this day, the Sun God enters the northern hemisphere of the earth, which is also called the Uttarayan of the Sun God. This is the important day when Malmas ends and auspicious works like marriage etc. are performed. It is also described in the Mahabharata that Bhishma Pitamah, lying on the bed of arrows during the war, expressed his wish to die on the day of Makar Sankranti of Sun God. He had told that, on this day the Sun becomes Uttarayan, hence one definitely attains salvation by giving up life on this day.
Similarly, it is described at another place that on the day of Makar Sankranti, Mother Ganga descended from heaven to earth, and merged into the ocean following Maharaja Bhagirath. On this day a big fair is held on the Gangasagar coast in West Bengal. People attain virtuous fruits by taking bath, meditating, offering tarpan etc. on this day.
Makar Sankranti is very important in India from religious and cultural point of view. According to mythological beliefs, on this day the Sun God enters the Capricorn sign of his son Saturn. Hence, this day is also associated with the meeting of father and son.
According to Shrimad Bhagwat Purana, on this day Lord Vishnu had killed the demons on earth and after cutting their heads, buried them on Mandara mountain. Since then, the victory of Lord Vishnu is celebrated on the day of Makar Sankranti.
In India, the process of harvesting new crops begins during Makar Sankranti. After harvesting, this festival is celebrated by different names in each state. In South India, it is celebrated as Pongal and in North India as Khichdi, Uttarayan, Lohri and Bhogali Bihu.
Makar Sankranti auspicious worship time?
Punya Kaal Muhurat-
will be valid from 09:03 am to 05:46 pm on 14th January. During this period, you can take bath, meditate, do pooja, tapasya, donate.
Mahapunya Kaal Muhurat-
will be valid from 09:03 am to 10:48 am on 14th January. By doing pooja and donation during this period, you get the special blessings of Sun God.
Best donation according to your zodiac sign?
01. Aries
Jaggery, peanuts, sesame.
02. Taurus
White cloth, curd, white sesame.
03. Gemini
Mung daal, rice, blanket, green vegetables.
04. Cancer
Rice, silver, milk, white sesame.
05. Leo
Wheat, barley, jaggery, copper.
06. Virgo
Khichdi, blanket, green clothes, black sesame seeds.
07. Libra
Sugar or Misri, white sesame seeds, rice, white woolen clothes.
08. Scorpio
Lentils, coral, red clothes, sesame seeds.
09. Sagittarius
Brass items, Khichdi, raw turmeric, yellow clothes.
10. Capricorn
Black blanket, iron, black urad, sesame seeds, mustard oil.
11. Aquarius
Black clothes, black urad, khichdi and sesame seeds.
12. Pisces
Rice, bananas, gram dal, yellow silk clothes, sesame seeds.
Thanks and gratitude.
– Astrologer Richa Shrivastava (Jyotish Kesari)
Richa Srivastava
January 13, 2025 at 4:26 pm
Very well presented. Thanks sir 🙏🌹🙏om shiva!💐