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Author: Guru Satyaram

आपके व्यक्तित्व की पहचान आपकी हथेली (Hindi & English)

आपके व्यक्तित्व की पहचान आपकी हथेली (Hindi & English)

Om-Shiva
ज्योतिष शास्त्र में अगर सामुद्रिक शास्त्र की बात की जाए तो उसके अनुसार मानव शरीर में उसकी हथेली उसके व्यक्तित्व विश्लेषण का महत्वपूर्ण अंग होती है। व्यक्ति की हथेली जितनी सुगठित और अच्छे आकार में होगी, उसकी हस्त रेखाएं उसके भाग्य निर्माण में उतना अच्छा योगदान देंगी।

हथेली द्वारा व्यक्तित्व के बारे में ज्ञात करने के कुछ विशेष नियम है, जो निम्न प्रकार से लिखित हैं।

01. हथेली को फैलाने पर जातक की उंगलियां जितना करतल की ओर झुकी रहेंगी उतनी ही उसमें बुद्धिमत्ता कम होगी। अगर उंगलियां हथेली फैलाने पर हथेली की पृष्ठ भाग की तरफ झुकती हैं, तो कहा जा सकता है कि व्यक्ति में तार्किकता और चिंतनशीलता है।

02. उंगलियों को मिलाने पर यदि अंगूठा, तर्जनी(इंडेक्स फिंगर) के सबसे नीचे वाले तृतीय रेखा या पर्व को पार कर जाए, और कनिष्ठिका उंगली(सबसे छोटी उंगली), अनामिका उंगली(रिंग फिंगर) के प्रथम पर्व को या सबसे ऊपर वाली रेखा को पार कर ले तो ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान, उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु एवं समाज में प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति होता है।

03. यदि उंगलियों को परस्पर जोड़ा जाए और कनिष्ठा(सबसे छोटी उंगली) एवं अनामिका(रिंग फिंगर) के बीच कोई गैप आ रहा हो तो जातक की उन्नति अधिक उम्र में होती है। यदि अनामिका और मध्यमा(मिडिल फिंगर) के बीच गैप आ रहा हो तो जातक की उन्नति मध्य आयु यानी अंधेरा अवस्था में होती है। और यदि मिडिल फिंगर और इंडेक्स फिंगर के बीच गैप रहे तो जातक की तरक्की युवा अवस्था में होती है।

04. उंगलियों को आपस में मिलाने पर यदि सभी उंगलियों के बीच में अधिक गैप आ रहा हो तो ऐसे जातक की आर्थिक स्थिति उतार-चढ़ाव वाली होती है और उसे समाज में भी उतनी प्रतिष्ठा नहीं मिलती। अगर उंगलियों में गैप नहीं होता है तो ऐसा जातक प्रतिभाशाली और तीक्ष्ण बुद्धि से संपन्न होता है।

05. उंगलियों का झुकाव

यदि हथेली में उंगलियों को आपस में लगाकर देखा जाए तो कुछ बातें पता चलती हैं।

(क) तर्जनी यदि मध्यमा की ओर झुकी हुई हो तो जातक संकुचित मनोभाव वाला और कम समझदार होता है।

(ख) यदि मध्यमा तर्जनी की ओर झुकी हुई हो तो जातक किसी भी काम में गलत निर्णय लेने के कारण कष्ट में आ जाता है।

(ग) यदि मध्यमा अनामिका की ओर झुकी हुई हो तो जातक सुखी और आनंदित रहता है।

(घ) यदि अनामिका मध्यमा की ओर झुकी हुई हो तो जातक में अतींद्रिय शक्ति होती है।

(च) यदि अनामिका कनिष्ठका की ओर झुकी हुई हो तो जातक थोड़ा सा स्वार्थी होता है लेकिन उसमें छुपी हुई प्रतिभाएं होती हैं।

(छ) यदि कनिष्ठका उंगली अनामिका की ओर झुकी हुई हो तो जातक की मनोवृत्ति बहुत प्रोफेशनल होगी और वह कला में रुचि वाला व्यक्ति होगा।

(ज) यदि कनिष्ठका और अनामिका दोनों का ही झुकाव मध्यमा उंगली की तरफ हो तो जातक एकांत प्रिय और अंतर्मुखी होता है।

06. उंगलियों के बीच फैलाव

पूरी हथेली खोलकर उंगलियों को फैलाकर देखने से निम्नलिखित कुछ बातें पता चलती हैं।

(क) तर्जनी और मध्यमा के बीच फैलाव यदि अन्य उंगलियों की अपेक्षा ज्यादा हो तो अधिकतर जातक स्वाधीन और स्वतंत्र विचारधारा के होते हैं।

(ख) यदि मध्यमा और अनामिका के बीच फैलाव ज्यादा हो तो जातक सामाजिक रीति रिवाज से हटकर, गैर पारंपरिक कार्य करने वाले होते हैं।

(ग) यदि अनामिका और कनिष्ठा के बीच अधिक फैलाव हो तो जातक स्वतंत्र रूप से काम करने के आदी होते हैं और वह अपने काम में किसी तरह का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते हैं।

07. उंगली की लंबाई

उंगलियों की लंबाई के अनुसार हमें व्यक्ति के बारे में निम्नलिखित बातें पता चलती हैं।

(क) यदि तर्जनी मध्यमा से बड़ी हो तो जातक अहंकारी और दूसरों पर शासन चलाने वाला होता है। उसकी थोड़ी सी तानाशाही प्रवृत्ति होती है।

(ख) यदि मध्यमा सभी उंगलियों से अपेक्षा से अधिक बड़ी होती है तो ऐसा व्यक्ति विवेकशील, सावधानी से काम करने वाला और एकांतप्रिय होता है।

(ग) यदि अनामिका, मध्यमा और तर्जनी से अनुपातिक रूप से अधिक लंबी हो तो जातक के भीतर शिल्पकला के गुण होते हैं और वह पराक्रमी, साहसी, तथा खतरों का सामना करने वाला व्यक्ति होता है।

(घ) यदि कनिष्ठका यानी की सबसे छोटी उंगली, सभी उंगलियों के अनुरूप, अपेक्षा से अधिक लंबी होती है तो ऐसा व्यक्ति तीक्ष्ण बुद्धि वाला तथा उच्च कोटि का व्यापारी होता है और अपनी विचारधारा के अनुरूप समाज को चलाने की क्षमता रखता है।

उपर्युक्त बिंदुओं के अलावा यदि हथेली देखने में स्वस्थ, मुलायम, चमकदार नाखून वाली और गुलाबी आभा वाली होती है, तो ऐसा जातक भाग्यशाली और अच्छे व्यक्तित्व वाला माना जाता है।

उपर्युक्त आलेख में मैंने हथेली अथवा करतल के अनुसार किसी जातक के व्यक्तित्व के बारे में आँकलन प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। आशा करती हूं कि आप पाठकों को मेरा यह प्रयास पसंद आया होगा। कृपया कमेंट के जरिए अपनी राय अवश्य दें।

धन्यवाद और आभार।

एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव(ज्योतिष केसरी)

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Your Personality is Identified by Your Palm (Hindi & English)

Om-Shiva

If we talk about Samudrik Shastra in astrology, then according to it, the palm of a human body is an important part of his personality analysis. The more well-formed and in good shape the palm of a person is, the more his palm lines will contribute in shaping his destiny.

There are some special rules for knowing about personality through palm, which are written as follows.

01. The more the fingers of the person are bent towards the palm when the palm is spread, the less intelligence he will have. If the fingers are bent towards the back of the palm when the palm is spread, then it can be said that the person is logical and thoughtful.

02. On joining the fingers, if the thumb crosses the bottom third line or joint of the index finger, and the little finger crosses the first joint or the topmost line of the ring finger, then such a person is intelligent, has good health, longevity and prestige in the society.

03. If the fingers are joined together and there is a gap between the little finger and the ring finger, then the progress of the person happens at an older age. If there is a gap between the ring finger and the middle finger, then the progress of the person happens in middle age i.e. dark age. And if there is a gap between the middle finger and the index finger, then the progress of the person happens in youth.

04. On joining the fingers together, if there is a lot of gap between all the fingers, then the financial condition of such a person is fluctuating and he does not get much prestige in the society. If there is no gap in the fingers, then such a person is talented and endowed with sharp intellect.

05. Inclination of fingers

If the fingers are seen together in the palm, then some things can be known.

(a) If the index finger is inclined towards the middle finger, then the person is narrow-minded and less intelligent.

(b) If the middle finger is inclined towards the index finger, then the person gets into trouble due to taking wrong decisions in any work.

(c) If the middle finger is inclined towards the ring finger, then the person remains happy and joyful.

(d) If the ring finger is inclined towards the middle finger, then the person has extrasensory power.

(e) If the ring finger is inclined towards the little finger, then the person is a bit selfish but has hidden talents.

(f) If the little finger is inclined towards the ring finger, then the person’s attitude will be very professional and he will be a person interested in art.

(j) If both the little finger and the ring finger are inclined towards the middle finger, then the person is a loner and an introvert.

06. Spread between the fingers

By opening the palm completely and looking at the spread fingers, the following things can be known.

(a) If the spread between the index finger and the middle finger is more than that of other fingers, then most of the people are independent and of free thinking.

(b) If the spread between the middle finger and the ring finger is more, then the person does non-traditional work, away from social customs.

(c) If there is more spread between the ring finger and the little finger, then the person is used to working independently and does not like any kind of interference in his work.

07. Length of the finger

According to the length of the fingers, we come to know the following things about the person.

(a) If the index finger is bigger than the middle finger, then the person is arrogant and rules over others. He has a little dictatorial tendency.

(b) If the middle finger is bigger than all the fingers, then such a person is prudent, cautious and fond of solitude.

(c) If the ring finger is proportionately longer than the middle finger and the index finger, then the native has the qualities of craftsmanship and he is valiant, courageous and a person who faces dangers.

(d) If the smallest finger, i.e. the little finger, is longer than expected in comparison to all the fingers, then such a person is sharp-minded and a high-class businessman and has the ability to run the society according to his ideology.

Apart from the above points, if the palm looks healthy, soft, has shiny nails and pink aura, then such a native is considered lucky and of good personality.

In the above article, I have tried to present an assessment of the personality of a native according to the palm or palm. I hope that you readers would have liked my effort. Please give your opinion through comments.

Thanks and gratitude.

Astro Richa Shrivastava(Jyotish Kesari)

साप्ताहिक राशिफल 01 दिसम्बर 2024 से 07 दिसम्बर 2024. 12 राशियों का फल उपाय सहित (Hindi & English)

साप्ताहिक राशिफल 01 दिसम्बर 2024 से 07 दिसम्बर 2024. 12 राशियों का फल उपाय सहित (Hindi & English)

Om-Shiva

इस चलायमान संसार में सबका समय एक समान नहीं रहता है। इसी संदर्भ में मैं आपके लिए दिसम्बर 2024 के प्रथम हफ़्ते का साप्ताहिक राशिफल लेकर उपस्थित हुई हूँ। आइए जानते हैं कि यह सप्ताह आपके जीवन में क्या परिवर्तन को लेकर आया है।

01. मेष(Aries)

इस सप्ताह आप घर में कुछ धार्मिक आयोजनों में व्यस्त रहेंगे, इससे आपके घर का माहौल खुशनुमा बना रहेगा। व्यापार में कुछ हद तक बढोत्तरी देखने को मिल सकती है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। नौकरीपेशा वालों को कार्यस्थल पर लाभ मिल सकता है। धनागमन, शिक्षा और रोजगार को लेकर यह सप्ताह सामान्य रहने वाला है।

उपाय- हनुमानजी और प्रभु श्रीरामजी की पूजा आराधना करें।

02. वृषभ(Taurus)

इस सप्ताह आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। अनावश्यक खर्च से बचें और फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें। कोई बड़ा धन निवेश बहुत सोच समझकर करें। व्यापार में कुछ बेहतर सुधार करने का प्रयास करेंगे। आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी। आप अपने ऋण चुकता करने में सफल होंगे, किंतु गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें।

उपाय- माँ दुर्गा की पूजा आराधना से लाभ होगा।

03. मिथुन(Gemini)

घर परिवार में शांति का माहौल बनाये रखें। अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें नहीं तो रिश्तों में तनाव आ सकता है। साझेदारी के व्यापार में कोई धोखा मिल सकता है। अनावश्यक दूसरों की आलोचना करने से तनाव बढ़ेगा। किसी धार्मिक यात्रा पर जाने से मन को शांति मिलेगी। अपने काम से काम रखें।

उपाय- गणेशजी की पूजा आराधना से लाभ होगा।

04. कर्क(Cancer)

इस सप्ताह काम के सिलसिले में महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात होगी। बिजनेस व्यापार में मुनाफ़ा होगा। साझेदारी के कार्यों में सफलता मिलेगी। लव लाइफ के लिए यह सप्ताह खास साबित होगा। अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक टाइम व्यतीत करेंगे।दाम्पत्य जीवन सुखद रहेगा। कोई नया रिश्ता शुरू हो सकता है।

उपाय- महादेव की पूजा करें। शिवलिंग का अभिषेक करें।

05. सिंह(Leo)

इस सप्ताह दोस्तों और पारिवारिक लोगों के साथ अच्छा समय व्यतीत करने वाले हैं। नए लोगों से मिलकर मन हर्षित रहेगा। धन के लेनदेन और कामकाज के लिए यह सप्ताह अच्छा साबित होने वाला है। आपके सामाजिक जीवन में आपकी प्रतिष्ठा वृद्धि हो सकती है।

उपाय- सूर्यदेव की आराधना करें। उगते सूरज को जल चढ़ाएं।

06. कन्या(Vergo)

इस सप्ताह आपके जीवन में बहुत अधिक परिवर्तन होने वाला है। बदलाव से आपके जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। नौकरी या व्यापार में तरक्की देखने को मिल सकती है। व्यापार में किसी नई योजना की शुरुआत कर सकते हैं।अत्यधिक व्यस्तता में भी परिजनों का ख्याल बनाएं रखें।

उपाय- भगवान श्रीहरि विष्णुजी की पूजा उपासना करें। पीले फूल और मिठाई चढ़ाएं।

07. तुला(Libra)

इस सप्ताह व्यापार में कुछ सकारात्मक परिवर्तन होने वाला है। व्यावसायिक कार्यों को बहुत अच्छे से अंजाम देने में सफल होंगे। स्वास्थ का ध्यान रखिये। सेहत में उतार-चढ़ाव होने वाला है। नए कार्य के लिए यह समय बहुत अच्छा साबित होगा। दाम्पत्य जीवन मधुर रहेगा।

उपाय- माँ लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें।

08. वृश्चिक(Scorpio)

व्यापार में कुछ हानि हो सकती है। नौकरी पेशा वालों को ऑफिस में वाद-विवाद से बचना होगा। परिवार में किसी सदस्य की सेहत को लेकर चिंतित रहने वाले हैं। लंबी यात्राओं के योग हैं। लेकिन किसी अनजान के साथ धन आदान-प्रदान के चक्कर में फंस सकते हैं। ऑनलाइन फ्रॉड से भी सावधानी रखें।

उपाय- संकट मोचन हनुमानजी और गणेशजी की पूजा आराधना से आराम मिलेगा।

09. धनु(Sagittarius)

नौकरी के परिवर्तन के बारे में सोच सकते हैं। संभव है किसी दूसरे स्थान पर जाएं या कोई ट्रांसफर हो जाय। इस सप्ताह आपके दैनिक खर्च में बढ़ोतरी होने वाली है। परिवार और सेहत पर अनावश्यक धन खर्च होगा। अतिरिक्त धन कमाने के ज़रिए पर ध्यान देंगे। सन्तान सम्बन्धी शुभ सूचना मिलेगी। बॉस से तालमेल बनाये रखिये।

उपाय- माँ पार्वती और महादेवजी की पूजा से बिगड़े काम बनेंगे।

10. मकर(Capricorn)

इस सप्ताह कार्यस्थल पर साथियों के साथ आपसी संबंध अच्छा रहेगा। पारिवारिक लोगों के साथ अच्छा समय व्यतीत करने वाले हैं। घर-परिवार में सुख और शांति का महौल बना रहेगा।लेकिन व्यापार में आर्थिक नुकसान हो सकता है। जोखिम के कार्यों से बचें। छोटी-मोटी यात्राएं लाभ देंगी।

उपाय- शिव परिवार के पूजन से लाभ होगा। वट वृक्ष पर जल अर्पित करें।

11. कुंभ(Aquarius)

यह सप्ताह कठिनाइयों से भरा रहने वाला है। आवश्यक कामों में देरी होगी। जिस कारण अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि आपनी क्षमता की बदौलत परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं। करियर के मामले में यह सप्ताह अच्छा परिणाम देगा। अपने सेहत और सन्तान को लेकर चिंताएं बनी रहेंगी।

उपाय- शनिदेव की पूजा आराधना करें। पीपल वृक्ष पर जल चढ़ाएं।

12. मीन(Pisces)

इस सप्ताह आपको लगभग हर काम में सफलता मिलेगी। बिजनेस से लेकर लव लाइफ तक आ रही अभी परेशानियों को दूर कर पाएंगे। इस सप्ताह कार्यस्थल पर भी आपका प्रदर्शन अच्छा रहेगा। घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वातावरण बना रहेगा। बस, सेहत को लेकर चिंता बनी रहेगी। अस्पताल पर थोड़ा धन खर्च हो सकता है।

उपाय- शनिवार को सुन्दरकाण्ड और शनि चालीसा पाठ करें।पीपल पेड़ की जल और तेल से सेवा करें।

उपर्युक्त आलेख में मैंने दिसम्बर 2024 के प्रथम सप्ताह के राशिफल बताने का प्रयास किया है। आशा करती हूँ आंकलन आपको पसन्द आएगा। कृपया कमेंट के ज़रिए राय दें।

धन्यवाद और आभार

ऐस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव (ज्योतिष केसरी)

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Weekly Horoscope 01 December 2024 to 07 December 2024. Results of 12 zodiac signs with remedies (Hindi & English)

Om-Shiva

In this dynamic world, everyone’s time is not the same. In this context, I have come to you with the weekly horoscope for the first week of December 2024. Let us know what changes this week has brought in your life.

01. Aries

This week you will be busy in some religious events at home, due to which the atmosphere of your house will remain pleasant. There may be some increase in business. There is a need to be aware of health. Employed people can get benefits at the workplace. This week is going to be normal regarding income, education and employment.

Remedy – Worship Hanumanji and Lord Shri Ramji.

02. Taurus

This week your courage and valor will increase. Avoid unnecessary expenses and control wasteful expenditure. Make any big investment very thoughtfully. You will try to make some better improvements in business. Financial condition will be better. You will be successful in repaying your loan, but beware of hidden enemies.

Remedy- You will benefit from worshiping Maa Durga.

03. Gemini

Maintain a peaceful environment at home. Control your anger otherwise there can be tension in relationships. You can get cheated in partnership business. Unnecessarily criticizing others will increase tension. Going on a religious journey will give peace to the mind. Mind your own business.

Remedy- You will benefit from worshiping Lord Ganesha.

04. Cancer

This week you will meet important people in connection with work. There will be profit in business. You will get success in partnership work. This week will prove to be special for love life. You will spend romantic time with your partner. Married life will be pleasant. A new relationship can start.

Remedy- Worship Mahadev. Perform Abhishek of Shivling.

05. Leo

This week you are going to spend a good time with friends and family. You will be happy to meet new people. This week is going to prove to be good for money transactions and work. Your reputation can increase in your social life.

Remedy- Worship the Sun God. Offer water to the rising sun.

06. Virgo

This week there is going to be a lot of change in your life. Due to the change, you can see ups and downs in your life. You can see progress in job or business. You can start a new plan in business. Take care of your family even when you are very busy.

Remedy- Worship Lord Vishnu. Offer yellow flowers and sweets.

07. Libra

This week there is going to be some positive change in business. You will be successful in carrying out business tasks very well. Take care of your health. There is going to be ups and downs in health. This time will prove to be very good for new work. Married life will be sweet.

Remedy- Worship Maa Lakshmi and Kuber.

08. Scorpio

There may be some loss in business. Those who are employed will have to avoid arguments in the office. You will be worried about the health of a family member. There are chances of long journeys. But you may get trapped in the exchange of money with a stranger. Be careful of online fraud as well.

Remedy- You will get relief by worshipping Sankat Mochan Hanumanji and Ganeshji.

09. Sagittarius

You can think about changing your job. It is possible that you may go to some other place or get transferred. This week your daily expenses are going to increase. Unnecessary money will be spent on family and health. You will focus on the means of earning extra money. You will get good news related to children. Maintain coordination with the boss.

Remedy- Spoiled work will be done by worshipping Maa Parvati and Mahadevji.

10. Capricorn

This week, mutual relations with colleagues at the workplace will be good. You are going to spend good time with family members. There will be an atmosphere of happiness and peace in the home and family. But there may be financial loss in business. Avoid risky tasks. Short trips will be beneficial.

Remedy- Worshiping the Shiva family will be beneficial. Offer water to the Banyan tree.

11. Aquarius

This week is going to be full of difficulties. There will be delay in important work. Due to which you will have to face many types of challenges. However, you can get rid of problems due to your ability. This week will give good results in terms of career. There will be concerns about your health and children.

Remedy- Worship Lord Shani. Offer water to the Peepal tree.

12. Pisces

This week you will get success in almost every work. You will be able to overcome the problems coming from business to love life. This week your performance will also be good at the workplace. There will be an atmosphere of happiness and prosperity in the home and family. But, there will be concern about health. Some money may be spent on hospital.

Remedy- Read Sundarkand and Shani Chalisa on Saturday. Serve Peepal tree with water and oil.

In the above article, I have tried to tell the horoscope of the first week of December 2024. I hope you will like the assessment. Please give your opinion through comments.

Thanks and gratitude.

Astro Richa Srivastava (Jyotish Kesari)

Love राशिफल December 2024 12 राशियां (Hindi & English)

Love राशिफल, December 2024, 12 राशियां (Hindi & English)

Om-Shiva

दिसंबर 2024 का महीना कुछ लोगों के प्रेम जीवन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव और अवसर लेकर आ सकता है। यह महीना कुछ लोगों के प्रेम जीवन में जहां बहुत रोमांस से भरा होगा तो कुछ लोगों को मिश्रित खट्टे-मीठे अनुभव हो सकते हैं। प्रत्येक राशि पर प्रभाव आपकी राशि और ग्रहों की स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकता है। आइए, जानें कि प्रत्येक राशि के लिए दिसंबर 2024 का मासिक लव राशिफल कैसा रहेगा?

01. मेष लव राशिफल

दिसंबर में आपके प्रेम जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव बने रहेंगे। आप और आपके पार्टनर के बीच कुछ गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस महीने अपने रिश्ते में ईमानदारी और स्पष्टता के साथ अपनी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करिये। सिंगल लोग किसी नए लव रिलेशनशिप में आ सकते हैं, लेकिन किसी नए रिश्ते में कूदने से पहले सब कुछ जांच-परख लीजिये।

02. वृष लव राशिफल

वृषभ राशि वालों के लिए दिसंबर का महीना प्यार और रोमांस से भरा रहेगा। किसी खास व्यक्ति के साथ सम्बन्धों में आगे बढ़ने से पहले उसे भली-भांति और गहराई से जान-समझ लें। प्रेमी-प्रेमिका के बीच आपसी समझ और सामंजस्य बढ़ेगा। सिंगल लोगों के लिए यह महीना बहुत अच्छा हो सकता है क्योंकि हो सकता है आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिल सकते हैं जो आपके विचारों और भावनाओं के साथ मेल खाता होगा। और नया प्रेम सम्बन्ध पनप सकता है।

03. मिथुन लव राशिफल

मिथुन राशि वालों के लिए इस महीने का प्रेम जीवन थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कुछ पुरानी अनसुलझी समस्याएं वापस आ सकती हैं और आपके रिश्ते में तनाव उत्पन्न कर सकती हैं। आपको अपने पार्टनर से संवाद कायम करने की जरूरत होगी ताकि आप अपने मतभेदों को सुलझा सकें। सिंगल लोगों को इस महीने प्रेम के मामलों में धैर्य रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बाद में पछतावे का कारण बन सकता है।

04. कर्क लव राशिफल

इस महीने आपके प्रेम सम्बन्धों में नई गहराई आएगी। आप और आपका पार्टनर एक-दूसरे के साथ समय बिताएंगे और एक-दूसरे के करीब आएंगे। पुराने रिश्तों में रोमांटिक उबाल आएगा और आपको रिश्ते में कुछ नयापन महसूस होगा। सिंगल कर्क राशि वालों के लिए यह महीना अच्छा है क्योंकि आप किसी के साथ नया रोमांटिक रिलेशन शुरू कर सकते हैं। प्यार के मामले में यह महीना सुखद साबित होगा।

05. सिंह लव राशिफल

सिंह राशि के लिए यह महीना प्रेम संबंधों में कुछ अस्थिरता लेकर आ सकता है। यदि आपके और पार्टनर की विचारधारा अलग हो तो रिश्तों में तनाव हो सकता है। आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने की जरूरत होगी। और रिश्ते में किसी तीसरे व्यक्ति की दखलंदाजी न आने दें। सिंगल सिंह राशि के जातकों के लिए कुछ नए प्रपोजल मिल सकते हैं लेकिन जल्दबाजी से बचना होगा।

06. कन्या लव राशिफल

कन्या राशि वालों के लिए दिसंबर का महीना प्रेम जीवन में बहुत अच्छा साबित हो सकता है। यह समय आपके रिश्ते को और मजबूत बनाने का है। आप और आपके पार्टनर दोनों के बीच सामंजस्य और समझ बढ़ेगी। इस महीने आपके पार्टनर कुछ खास योजना बनाएंगे, जो आपके रिश्ते को और गहरा करेंगे।सिंगल कन्या राशि के जातकों को इस महीने अच्छे रिश्ते मिलने की संभावना हो सकती है। बशर्ते आपको अपना सामाजिक दायरा भी बढाना होगा।

07. तुला लव राशिफल

तुला राशि के लिए दिसंबर में प्यार और रोमांस के मामले में बहुत अच्छे परिणाम आ सकते हैं। यदि आप किसी के साथ संबंध बना रहे हैं, तो यह समय उसे एक नई दिशा देने का है। यह महीना आपको अपने दिल की बात कहने और अपने पार्टनर के साथ नए अनुभव करने का मौका देगा। सिंगल तुला वाले जातकों को इस महीने प्यार में सफलता मिल सकती है। खासकर किसी खास मुलाकात के जरिए।

08. वृश्चिक लव राशिफल

वृश्चिक राशि के लिए यह महीना प्रेम जीवन में गहरे बदलाव लेकर आ सकता है। आप और आपका पार्टनर पुराने मुद्दों को सुलझाने की दिशा में काम करेंगे और यह संबंधों में नई ताजगी लेकर आएगा। रिश्ते में गहरी समझ और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ेगा। सिंगल वृश्चिक जातकों के लिए यह समय अपनी भावनाओं पर ध्यान देने का है। कोई पुरानी मित्रता रोमांटिक मोड़ ले सकती है।

09. धनु लव राशिफल

धनु राशि के लिए इस महीने का प्रेम जीवन थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने और रिश्तों में समझदारी से काम लेने की जरूरत होगी। अगर आप अपने पार्टनर के साथ विवाह जैसा कोई महत्वपूर्ण कदम उठाने का सोच रहे हैं, तो आपको सही समय का इंतजार करना चाहिए। सिंगल धनु राशि के जातकों के लिए यह महीना अपने व्यक्तित्व को निखारने पर ध्यान केंद्रित करने का है, ताकि भविष्य में आपके लिए बेहतर अवसर सामने आ सकें।

10. मकर लव राशिफल

मकर राशि के लिए दिसंबर का महीना प्रेम जीवन में स्थिरता लाने वाला रहेगा। आप और आपका पार्टनर एक दूसरे के साथ अच्छे से सामंजस्य बनाएंगे। रिश्ते में विश्वास और पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे आपका संबंध और मजबूत होगा। सिंगल मकर राशि के जातकों के लिए यह महीना प्यार के मामले में अच्छा है, खासकर यदि आप किसी नए व्यक्ति से मिलते हैं।

11. कुंभ लव राशिफल

कुंभ राशि वालों के लिए इस महीने का प्रेम जीवन एक नए मोड़ पर आ सकता है। यदि आप किसी रिश्ते में हैं, तो आप दोनों के बीच एक नई समझ और सहयोग की भावना उत्पन्न होगी। आप अपने पार्टनर के साथ नए रोमांटिक अनुभव करेंगे। सिंगल कुंभ राशि के जातकों के लिए यह समय नए रिश्ते की शुरुआत का है। आप किसी विशेष व्यक्ति से मिल सकते हैं, जो आपके जीवन में बदलाव ला सकता है।

12. मीन लव राशिफल

मीन राशि के लिए दिसंबर का महीना प्रेम जीवन में थोड़ी कठिनाइयों का सामना करवा सकता है। रिश्ते में कुछ तनावपूर्ण बातें हो सकती हैं, अतः आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता रहेगी। हालांकि, अगर आप समय रहते स्थिति को संभालने में सफल हो जाते हैं, तो यह रिश्ता और अधिक मजबूत हो सकता है। सिंगल मीन राशि के जातकों को इस महीने प्रेम के मामले में कुछ सतर्कता बरतने की आवश्यकता रहेगी। किसी भी रिलेशनशिप में पड़ने से पहले भली-भांति विचार ज़रूर कर लें।

उपर्युक्त आलेख में मैनें ग्रहों की गोचरीय परिस्थितियों के आधार पर सभी राशियों के प्रेम जीवन के बारे में मासिक राशिफल बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको यह कोशिश पसन्द आयी होगी। कृपया कमेंट के ज़रिए अपनी राय ज़रूर दें।

धन्यवाद और आभार।

ऐस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव (ज्योतिष केसरी)

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Love Horoscope, December 2024, 12 Zodiac Signs (Hindi & English)

Om-Shiva

The month of December 2024 can bring some important changes and opportunities in the love life of some people. While this month will be full of romance in the love life of some people, some people may have mixed sour-sweet experiences. The effect on each zodiac may vary depending on your zodiac and the position of the planets. Let’s know how will be the monthly love horoscope of December 2024 for each zodiac sign?

01. Aries Love Horoscope

There will be some ups and downs in your love life in December. Some misunderstandings may arise between you and your partner. This month try to solve your problems with honesty and clarity in your relationship. Single people can get into a new love relationship, but check everything before jumping into a new relationship.

02. Taurus Love Horoscope

The month of December will be full of love and romance for Taurus people. Before moving forward in a relationship with a special person, know him/her well and deeply. Mutual understanding and harmony will increase between lovers. This month can be very good for singles as you may meet someone who will match your thoughts and feelings. And a new love relationship can blossom.

03. Gemini Love Horoscope

This month’s love life can be a little challenging for Gemini people. Some old unresolved problems may come back and create tension in your relationship. You will need to communicate with your partner so that you can resolve your differences. Singles are advised to be patient in love matters this month as a hasty decision may cause regret later.

04. Cancer Love Horoscope

This month your love relationship will gain new depth. You and your partner will spend time with each other and come closer to each other. There will be a romantic boil in old relationships and you will feel something new in the relationship. This month is good for single Cancerians as you can start a new romantic relationship with someone. This month will prove to be pleasant in terms of love.

05. Leo Love Horoscope

This month can bring some instability in love relationships for Leos. If you and your partner have different ideologies, there can be tension in the relationship. You will need to keep your emotions under control. And do not let any third person interfere in the relationship. Single Leos may get some new proposals but haste should be avoided.

06. Virgo Love Horoscope

The month of December can prove to be very good in love life for Virgos. This is the time to make your relationship stronger. Harmony and understanding will increase between you and your partner. This month your partner will make some special plans, which will deepen your relationship. Single Virgos may have the possibility of getting good relationships this month. Provided you also have to increase your social circle.

07. Libra Love Horoscope

For Libra, December can bring very good results in terms of love and romance. If you are in a relationship with someone, then this is the time to give it a new direction. This month will give you a chance to speak your heart out and have new experiences with your partner. Single Libra natives can get success in love this month. Especially through a special meeting.

08. Scorpio Love Horoscope

For Scorpio, this month can bring deep changes in love life. You and your partner will work towards resolving old issues and this will bring new freshness in the relationship. Deep understanding and emotional connection will increase in the relationship. For single Scorpio natives, this is the time to focus on their feelings. An old friendship can take a romantic turn.

09. Sagittarius Love Horoscope

For Sagittarius, this month’s love life can be a bit challenging. You will need to keep your emotions under control and act wisely in relationships. If you are thinking of taking an important step like marriage with your partner, then you should wait for the right time. For single Sagittarius people, this month is to focus on improving your personality, so that better opportunities can come up for you in the future.

10. Capricorn Love Horoscope

For Capricorn, the month of December will bring stability in love life. You and your partner will harmonize well with each other. Trust and transparency will increase in the relationship, which will make your relationship stronger. For single Capricorn people, this month is good in terms of love, especially if you meet someone new.

11. Aquarius Love Horoscope

For Aquarius people, this month’s love life can come to a new turn. If you are in a relationship, a new understanding and sense of cooperation will arise between you two. You will have new romantic experiences with your partner. For single Aquarius people, this is the time to start a new relationship. You can meet someone special, who can bring changes in your life.

12. Pisces Love Horoscope

The month of December can bring some difficulties in love life for Pisces. There can be some stressful things in the relationship, so you will need to control your emotions. However, if you are able to handle the situation in time, then this relationship can become stronger. For single Pisces natives will need to be cautious in matters of love this month. Think well before getting into any relationship.

In the above article, I have tried to tell the monthly horoscope about the love life of all zodiac signs based on the transit conditions of the planets. I hope you liked this effort. Please give your opinion through comments.

Thanks and gratitude.

Astro Richa Srivastava (Jyotish Kesari)

ज्योतिष में कुछ प्रमुख योग- भाग 04 (Hindi & English)

ज्योतिष में कुछ प्रमुख योग- भाग 04 (Hindi & English)

Om-Shiva

आज मैं जन्म कुंडली में बनने वाले प्रमुख शुभ योगों की श्रृंखला की चौथी कड़ी प्रस्तुत करने जा रही हूं। ऐसे तो ज्योतिष शास्त्र में अनगिनत शुभ योगों की चर्चा है। किंतु मैं यहां सभी योगों में से सर्वाधिक प्रचलित योगों की प्रस्तुति करने जा रही हूं।

01. सौभाग्य योग

यदि पत्रिका के नवम भाव में शुभ ग्रह हों और नवम का स्वामी नीच अथवा अस्तगत ना हो, और वह किसी शुभ घर में बैठा हो। साथ ही नवम भाव पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि हो तो सौभाग्य योग बनता है। ऐसे योग वाला जातक धार्मिक, ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ होता है। जीवनभर उसे भाग्य का साथ मिलता रहता है और वह सुखमय जीवन व्यतीत करता है।

02. मान योग

यदि जन्म कुंडली के दसवें भाव में शुभ ग्रह हों, और दसवें भाव का स्वामी नीच अथवा अस्तगत ना हो। दसवें भाव का स्वामी स्वक्षेत्रीय हो या उच्च के घर में हो, तो ऐसा व्यक्ति समाज में उच्च प्रतिष्ठा प्राप्त नेता या अफसर होता है। वह अपने विरासत को आगे बढ़ाता है। समाज में उसका बहुत मान सम्मान रहता है।

03. शुभ लाभ योग

यदि पत्रिका के एकादश भाव में शुभ ग्रह हों, और एकादश का स्वामी अपने उच्च के घर में हों, और उसे शुभ ग्रह देखते हों, तो ऐसे योग वाले जातक को आजीवन व्यापार से, मित्रों से और रिश्तेदारों से किसी न किसी रूप में लाभ प्राप्त होता रहता है।

04. नीच भंग राजयोग

ज्योतिष शास्त्र में यह अत्यंत प्रसिद्ध और क्रियामूलक(functional) राजयोग है। नीच भंग राजयोग बनने की कई सारी शर्ते हैं। जो निम्न प्रकार से हैं।

(क) जब कोई नीच का ग्रह जिस घर में बैठता है उस घर का मालिक यदि अपने उच्च के घर में हो, और केंद्र में स्थित हो तो नीच भंग राजयोग का निर्माण होता है

(ख) यदि कोई ग्रह अपने नीच के घर पर बैठा हो, और उस घर का मालिक उस नीच ग्रह को पूर्ण दृष्टि से देखता है तो नीच भंग राजयोग बनता है।

(ग) यदि नीच की राशि में स्थित ग्रह नवांश कुंडली में अपने उच्च राशि में हो, तो भी नीच भंग हो जाता है।

(घ) कोई ग्रह जिस भी नीच राशि में हो, उस नीच राशि का स्वामी जन्म लग्न से केंद्र में हो, साथ ही जो ग्रह नीच हो रहा हो, उस ग्रह की उच्च राशि का स्वामी भी केंद्र भाव में कहीं भी उपस्थित हो, तब यह प्रबल नीच भंग राजयोग का निर्माण करेगा।

(च) नीच राशि के स्वामी तथा नीच ग्रह जहां उच्च राशि का होता है उसका स्वामी दोनो ही, चंद्रमा ग्रह से केंद्र भावों में कहीं भी स्थिति हों तब भी पूर्ण नीच भंग राजयोग होता है।

(छ) एक नीच राशि में स्थित ग्रह परस्पर अपने से सातवीं राशि में स्थित नीच ग्रह को पूर्ण दृष्टि से देख रहा हो, ऐसी स्थिति में दोनों नीच स्थित ग्रहों का पूर्ण नीच भंग हो जाएगा।

(ज) नीच राशि में स्थित ग्रह के साथ यदि उस राशि का स्वामी दृष्टि अथवा युति संबंध बनाता हो, ऐसे में नीच राशि ग्रह का पूर्ण नीच भंग हो जाएगा।

नीच भंगराज योग के प्रभाव का अध्ययन करने से यह पता चलता है कि ऐसे जातक जीवन के पूर्वार्ध में संघर्ष व अभाव की अग्नि में तपकर, धीरे-धीरे अपने लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग पर चलते हुए अपनी इच्छा अनुरूप समाज में अपने स्थान को बनाते हैं। ऐसे व्यक्तियों के भीतर उत्तरोत्तर धार्मिक प्रवृत्ति का विकास होता है। उसमें दान, परोपकार आदि सात्विक गुणों की वृद्धि होती रहती है। प्राय: ऐसे जातक प्रतिष्ठित संत, मठाधीश, तपस्वी, समाजसेवी, राजनेता और चिकित्सक के रूप में अधिक सफलता प्राप्त करते देखे गए हैं।

आज के उपर्युक्त आलेख में मैनें ज्योतिष के कुछ प्रमुख शुभ योगों का उल्लेख किया है। आशा करती हूं कि आप पाठकों को मेरा यह प्रयास पसंद आया होगा। कृपया कमेंट के जरिए अपनी राय अवश्य दें।

धन्यवाद और आभार।

एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव (ज्योतिष केसरी)

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Some major yogas in astrology – Part 04 (Hindi & English)

Om-Shiva

Today I am going to present the fourth part of the series of major auspicious yogas formed in the birth chart. There are countless auspicious yogas discussed in astrology. But here I am going to present the most popular yogas among all the yogas.

01. Saubhagya Yoga

If there are auspicious planets in the ninth house of the horoscope and the lord of the ninth house is not low or setting, and it is sitting in an auspicious house. Also, if there is an auspicious planet’s sight on the ninth house, then Saubhagya Yoga is formed. A person with such yoga is religious, honest and dutiful. He gets the support of luck throughout his life and he lives a happy life.

02. Maan Yoga

If there are auspicious planets in the tenth house of the birth chart, and the lord of the tenth house is not low or setting. If the lord of the tenth house is in its own house or in an exalted house, then such a person is a leader or officer with high reputation in the society. He takes his legacy forward. He is respected a lot in the society.

03. Shubh Labh Yoga

If there are auspicious planets in the eleventh house of the horoscope, and the lord of the eleventh house is in its exalted house, and auspicious planets are looking at it, then the person with such yoga keeps getting benefits in some form or the other from business, friends and relatives throughout his life.

04. Neech Bhang Rajyoga

This is a very famous and functional Rajyoga in astrology. There are many conditions for the formation of Neech Bhang Rajyoga. Which are as follows.

(a) When the owner of the house in which a debilitated planet sits, is in its exalted house, and is situated in the center, then Neech Bhang Rajyoga is formed.

(b) If a planet is sitting in its debilitated house, and the owner of that house looks at that debilitated planet with full sight, then Neech Bhang Rajyoga is formed.

(c) If a planet situated in a debilitated sign is in its exalted sign in the Navamsha Kundli, then also the debilitation gets dissolved.

(d) If the lord of the debilitated sign in which a planet is debilitated is in the center from the birth lagna, and also if the lord of the exalted sign of the planet which is getting debilitated is also present anywhere in the center house, then this will create a strong Neech Bhang Rajyoga.

(f) If the lord of the debilitated sign and the lord of the exalted sign of the debilitated planet are both situated anywhere in the center houses from the Moon, then also complete Neech Bhang Rajyoga takes place.

(g) If a planet situated in a debilitated sign is looking at the debilitated planet situated in the seventh sign from it with full sight, then in such a situation the complete debilitation of both the planets situated in the debilitated sign will be dissolved.

(h) If the lord of that sign makes a sight or Yuti relation with the planet situated in the debilitated sign, then the complete debilitation of the planet in the debilitated sign will be dissolved.

By studying the effect of Neech Bhangraj Yoga, it is known that such natives, after suffering in the fire of struggle and deprivation in the first half of their life, gradually walk on the path of achieving their goals and make their place in the society according to their wish. Such persons gradually develop a religious tendency. Satvik qualities like charity, philanthropy etc. keep on increasing in them. Usually such natives have been seen achieving more success as renowned saints, heads of religious monasteries, ascetics, social workers, politicians and doctors.

In today’s above article, I have mentioned some major auspicious yogas of astrology. I hope that you readers would have liked my effort. Please give your opinion through comments.

Thanks and gratitude.

Astro Richa Srivastava (Jyotish Kesari)

ज्योतिष में कुछ प्रमुख योग- भाग 03 (Hindi & English)

ज्योतिष में कुछ प्रमुख योग- भाग 03 (Hindi & English)

Om-Shiva

आइए, आज हम जन्मपत्री में बनने वाले अन्य प्रकार के विभिन्न शुभ योगों को जानने का प्रयास करते हैं।

01. नीलकंठ योग

यदि लग्नेश, सूर्य और चंद्रमा तीनों केंद्र अथवा त्रिकोण में स्थित होते हुए अपने मित्र, अथवा अपने स्वयं के, अथवा अपने उच्च के घर में हों, तो नीलकंठ योग का निर्माण होता है। ऐसा जातक शिव भक्त होता है और उसके ऊपर महादेव की कृपा आजीवन बनी रहती है।

02. श्रीनाथ योग

यदि बुध, शुक्र और नवमेश केंद्र में होते हुए अपने मित्र, अपने स्वयं के घर या अपने उच्च के घर में हों तो श्रीनाथ योग बनता है। ऐसा व्यक्ति विष्णु भक्त होता है और धर्म परायण रहता है। भगवान विष्णु की कृपा से उसको सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

03. वीरांची योग

यदि छठे भाव का स्वामी एवम गुरु और शनि केंद्र अथवा त्रिकोण में होते हुए अपने स्वयं के घर में हों, अथवा अपने मित्र के घर में हों, अथवा अपने उच्च के घर में हों, तो ऐसे जातक में अपार विद्या होती है। वह वेद पुराणों का आचार्य या ज्ञाता हो सकता है। ऐसे जातक पर ब्रह्मा भगवान की कृपा होती है।

04. काहल योग

लग्नपति जिस राशि में बैठता है, उसका मालिक केंद्र या त्रिकोण में होते हुए अपने उच्च के घर में हो, अपने खुद के घर में हो या अपने मित्र के घर में हो, तो पत्रिका में काहल योग बनता है। ऐसा जातक यशस्वी व कुशाग्र बुद्धि का होता है। अक्सर ऐसा व्यक्ति फैक्ट्री बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन के कार्य में लगा रहता है।

05. वीणा योग

यदि कुंडली में राहु-केतु को छोड़कर, अन्य सातों ग्रह विभिन्न सात राशियों में हों, तो वीणा योग बनता है। ऐसे जातक को संगीत में बहुत रुचि होती है। वह संगीत का अच्छा ज्ञाता होता है। और संगीत विद्या के माध्यम से वह धनवान भी बनता है।

06. चामर योग

यदि लग्न में शुभ ग्रह बैठा हो, तथा लग्न पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, परंतु लग्न का मालिक नीच का अथवा अस्तगत ना हो, और वह किसी शुभ घर में बैठा हो, तब पत्रिका में चामर योग बनता है। ऐसा जातक अपने भाग्य को स्वयं अपने शुभ कर्मों से चंद्रमा की भांति चमकाता है।

07. धन योग

यदि जन्मपत्री के द्वितीय घर में शुभ ग्रह हों, और उस पर ऐसे शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो, जो अपने घर या अपने उच्च के घर में बैठे हों तो धन योग बनता है। ऐसे योग वाले जातकों को धन की कभी कमी नहीं होती और उन्हें कुटुंब का सुख भी मिलता रहता है।

08. शौर्य योग

यदि जन्मपत्री के तीसरे घर में शुभ ग्रह हों, और उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो। दृष्टि डालने वाले ग्रह अपने घर या अपने उच्च के घर में स्थित हों तो शौर्य योग बनता है। ऐसा व्यक्ति वीर, साहसी, पराक्रमी होता है। अक्सर ऐसे योग वाले व्यक्ति पुलिस अथवा सेना या रक्षा सेवा में पाए जाते हैं। या उच्च स्तर के खिलाड़ी होते हैं।

09. जलधि योग

यदि चतुर्थ घर में शुभ ग्रह हों या शुभ ग्रहों की दृष्टि हो परंतु चतुर्थ का मालिक अस्तगत ना हो, और वह अपने घर अथवा अपने उच्च के घर में बैठा हो तो जलधि योग बनता है। ऐसा जातक सुख के सागर में डुबकियां लगता है, उसे अच्छे मित्र प्राप्त होते हैं।

10. काम योग

यदि पत्रिका में सातवें घर में शुभ ग्रह हों, और उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, लेकिन सातवें घर का मालिक अस्तगत ना हो। साथ ही वह अपने घर अथवा उच्च के घर में हो तो ऐसे व्यक्ति को अत्यंत सुंदर, सुशील जीवनसाथी प्राप्त होता है। और समाज में अपने पिता से भी ज्यादा मान-सम्मान प्राप्त करता है।

उपर्युक्त आलेख में मैं ज्योतिष में बनने वाले कुछ शुभ योगों की श्रृंखला की तीसरी कड़ी प्रस्तुत की है। आशा करती हूं आप पाठकों को मेरा यह प्रयास पसंद आया होगा। कृपया कमेंट के जरिए अपनी राय अवश्य दें।

धन्यवाद एवं आभार।

एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव (ज्योतिष केसरी)

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Some important yogas in astrology – Part 03 (Hindi & English)

Om-Shiva

Let us try to know about the other types of auspicious yogas formed in the birth chart today.

01. Neelkanth Yoga

If Lagneshwar, Sun and Moon are situated in the centre or triangle and are in their friend’s house, or their own house, or their exalted house, then Neelkanth Yoga is formed. Such a person is a Shiva devotee and the grace of Mahadev remains on him throughout his life.

02. Shrinath Yoga

If Mercury, Venus and Navamesh are situated in the centre and are in their friend’s house, their own house or their exalted house, then Shrinath Yoga is formed. Such a person is a Vishnu devotee and is devoted to religion. He gets happiness and prosperity by the grace of Lord Vishnu.

03. Veeranchi Yoga

If the lord of the sixth house and Jupiter and Saturn are in the center or triangle and are in their own house, or in their friend’s house, or in their exalted house, then such a person has immense knowledge. He can be an Acharya or a knower of Vedas and Puranas. Such a person is blessed by Lord Brahma.

04. Kahal Yoga

If the lord of the sign in which the Lagnapati sits is in the center or triangle and is in his exalted house, in his own house or in his friend’s house, then Kahal Yoga is formed in the horoscope. Such a person is famous and sharp minded. Often such a person is engaged in factory building and construction work.

05. Veena Yoga

If in the horoscope, except Rahu-Ketu, the other seven planets are in different seven signs, then Veena Yoga is formed. Such a person is very interested in music. He is a good knower of music. And through the knowledge of music, he also becomes rich.

06. Chamar Yog

If auspicious planets are placed in the Lagna, and auspicious planets are aspecting the Lagna, but the lord of the Lagna is not low or setting, and it is placed in an auspicious house, then Chamar Yog is formed in the horoscope. Such a person makes his fortune shine like the moon with his own good deeds.

07. Dhan Yog

If auspicious planets are placed in the second house of the birth chart, and auspicious planets are aspecting it, which are sitting in their own house or their exalted house, then Dhan Yog is formed. People with such Yog never have any shortage of money and they also get happiness in the family.

08. Shaurya Yog

If auspicious planets are placed in the third house of the birth chart, and auspicious planets are aspecting it. The planets aspecting it are located in their own house or their exalted house, then Shaurya Yog is formed. Such a person is brave, courageous, valiant. Often people with such yoga are found in police or army or defense service. Or are high level sportsmen.

09. Jaladhi Yoga

If there are auspicious planets in the fourth house or auspicious planets are aspecting it, but the lord of the fourth house is not setting, and he is sitting in his own house or his exalted house, then Jaladhi Yoga is formed. Such a person dives into the ocean of happiness, he gets good friends.

10. Kaam Yoga

If there are auspicious planets in the seventh house in the horoscope, and auspicious planets are aspecting it, but the lord of the seventh house is not setting. Also, he is in his own house or exalted house, then such a person gets a very beautiful, well-mannered life partner. And in the society, he gets more respect than his father.

In the above article, I have presented the third part of the series of some auspicious yogas formed in astrology. I hope you readers would have liked my effort. Please give your opinion through comments.

Thanks and gratitude.

Astro Richa Shrivastava (Jyotish Kesari)

ज्योतिष में कुछ प्रमुख योग- भाग 02 (Hindi & English)

ज्योतिष में कुछ प्रमुख योग- भाग 02 (Hindi & English)

Om-Shiva

आज हम चर्चा करते हैं ज्योतिष के कुछ अन्य प्रमुख योगों की, जिनकी कुंडली विश्लेषण में बहुत उपयोगिता होती है।

01. कर्तरी योग

कर्तरी का अर्थ होता है कैंची। जिस प्रकार से कैंची के दो फलक होते हैं, और उन फलों के बीच में आने पर कोई वस्तु कट जाती है, या फिर कोई आकार लेती है। इस प्रकार से कुंडली के किसी भी भाव अथवा घर के दोनों तरफ कोई ग्रह विराजमान हों तो कर्तरी योग बनता है और उस भाव पर अपना असर डालता है। यदि किसी घर के अथवा भाव के दोनों ओर शुभ ग्रह बैठे हों तो शुभ कर्तरी योग बनता है। यह शुभ कर्तरी उस भाव के शुभ परिणाम को बढ़ा देता है। और यदि किसी घर के अथवा भाव के दोनों ओर अशुभ ग्रह बैठे हों तो अशुभ कर्तरी या पाप कर्तरी योग बनता है। यह योग उस घर के शुभ प्रभाव को कम कर देता है और ऐसा जातक अपने जीवन में दुःख पाता है।

02. अमला योग

यदि लग्न से या चंद्रमा से दशम स्थान में कोई शुभ ग्रह बैठा हो तो अमला योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक अपने संपूर्ण जीवन में यश और मान पाता है, और उसका चरित्र भी अच्छा होता है।

03. महाभाग्य योग

यह योग दो प्रकार से विभाजित है।

(क) पुरूष जातक के लिए, यदि दिन का जन्म हो और लग्नेश, सूर्य तथा चंद्रमा विषम राशि में हों, ऐसे जातक महाभाग्यशाली होते हैं।

(ख) स्त्री जातिका के लिए रात्रि का जन्म हो और लग्नेश, सूर्य तथा चंद्रमा सम राशि में बैठे हो, ऐसी स्त्री महा भाग्यशाली होती हैं।

महाभाग्य योग वाले जातकों को आजीवन सुख और सुविधाओं की कोई कमी नहीं रहती है। वें अपने जीवन में अधिकतर सुखी और खुशहाल रहते हैं।

04. वसुमान योग

यदि लग्न से या चंद्रमा से उपचय स्थान में यानी जन्म कुंडली के तीसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में सभी शुभ ग्रह हों तो वसुमान योग बनता है। ऐसे व्यक्ति का अपना घर होता है और वह धन-धान्य से संपन्न बना रहता है।

05. पुष्कल योग

यदि लग्न और जन्म चंद्र राशि, दोनों के स्वामी एक साथ युक्त होकर केंद्र स्थान में बैठे हों, और वह घर उनके मित्र का हो, तथा लग्न स्थान को कोई बलवान शुभ ग्रह देखता हो तो पुष्कल योग बनता है। ऐसा जातक अत्यंत धनी और यशस्वी होता है और समाज के उच्च और संपन्न वर्ग में उसकी प्रतिष्ठा होती है।

06. लक्ष्मी योग

यदि नवमपति और शुक्र दोनों ही अपने या अपने उच्च के घर में बैठकर लग्न से केंद्र या त्रिकोण में हों, तो लक्ष्मी योग बनता है। ऐसे जातक को सुशील पत्नी मिलती है और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। यह एक अच्छा राजयोग माना जाता है।

07. गौरी योग

यदि चंद्रमा अपने घर में या अपने उच्च के घर में बैठकर लग्न से केंद्र या त्रिकोण में हो, और उस पर बृहस्पति की दृष्टि हो तो गौरी योग बनता है। ऐसे योग वाला जातक या जातिका खुशहाल दाम्पत्य जीवन, सुखी गृहस्थी, पुत्र-पौत्र, धन-धान्य आदि से संपन्न बने रहते हैं।

08. सरस्वती योग

यदि बुध, शुक्र या बृहस्पति केंद्र, त्रिकोण अथवा द्वितीय भाव में हों और वह भाव उनका अपना घर हो, मित्र का घर हो अथवा उच्च का घर हो, ऐसे में सरस्वती योग बनता है। ऐसे जातक कुशाग्र बुद्धि वाले होते हैं। कहानी, कविता अथवा उपन्यास के लेखक होते हैं। प्राय: ऐसे जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं, और समाज में उन्हें उनके ज्ञान के लिए सम्मान मिलता है।

09. विपरीत राजयोग

यह ज्योतिष के प्रसिद्ध राजयोगों में से एक है। यदि छठे भाव का स्वामी, अष्टम भाव का स्वामी, और द्वादश भाव का स्वामी एक दूसरे के साथ आपस में स्थान परिवर्तन करते हैं तो विपरीत राजयोग बनता है। ऐसे राजयोग वाले जातक विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता हासिल करके समाज में उच्च स्थान प्राप्त करते हैं और संघर्ष के साथ अपने भाग्य की उन्नति कर लेते हैं।

10. छत्र योग

यदि कुंडली के पंचम भाव में शुभ ग्रह हों या शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, लेकिन चतुर्थ भाव का स्वामी अस्तगत ना हो। साथ ही चतुर्थ भाव का स्वामी स्वराशि में हो या उच्च के घर में बैठा हो तो छत्र योग का निर्माण होता है। छत्र योग वाला जातक शारीरिक रूप से पुष्ट, बलवान और शत्रुजित होता है। ऐसे योग वाला जातक संपूर्ण जीवन में सुख पाता है और उसे अच्छे मित्रों की संगति मिलती है।

उपर्युक्त आलेख में मैंने ज्योतिष के कुछ बहुचर्चित योगों की चर्चा की है। उम्मीद है ज्योतिष में रुचि रखने वाले पाठकों को मेरा यह प्रयास पसंद आया होगा। कृपया कमेंट के जरिए अपनी राय दें।

धन्यवाद और आभार।

एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव (ज्योतिष केसरी)

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Some major yogas in astrology – Part 02 (Hindi & English)

Om-Shiva

Today we discuss some other major yogas of astrology, which are very useful in horoscope analysis.

01. Kartari Yoga

Kartari means scissors. Just as scissors have two blades, and when an object comes in between those blades, it gets cut or takes a shape. In this way, if any planet is placed on either side of any Bhaav or house of the horoscope, then Kartari Yoga is formed and it affects that house. If auspicious planets are placed on either side of any house or house, then Shubh Kartari Yoga is formed. This Shubh Kartari increases the auspicious results of that house. And if inauspicious planets are placed on either side of any house or house, then inauspicious Kartari or Paap Kartari Yoga is formed. This Yoga reduces the auspicious effects of that house and such a person experiences sorrow in his life.

02. Amala Yoga

If any auspicious planet is placed in the tenth house from the Lagna or the Moon, then Amala Yoga is formed. Due to the effect of this yoga, the native gets fame and respect in his entire life, and his character is also good.

03. Mahabhagya Yoga

This yoga is divided into two types.

(a) For a male native, if the birth is during the day and the Lagnesh, Sun and Moon are in odd zodiac signs, such a native is very fortunate.

(b) For a female native, if the birth is during the night and the Lagnesh, Sun and Moon are in even zodiac signs, such a woman is very fortunate.

The natives with Mahabhagya Yoga have no dearth of happiness and facilities throughout their life. They are mostly happy and content in their life.

04. Vasuman Yoga

If all the auspicious planets are in the Upachaya Sthan from the Lagna or the Moon, i.e. in the third, sixth, tenth and eleventh houses of the birth chart, then Vasuman Yoga is formed. Such a person has his own house and remains rich in wealth.

05. Pushkal Yoga

If the lords of the Lagna and the birth Moon sign are together and sitting in the center house, and that house belongs to their friend, and the Lagna house is seen by a strong auspicious planet, then Pushkal Yoga is formed. Such a person is very rich and famous and has prestige in the high and rich class of the society.

06. Lakshmi Yoga

If both the Navampati and Venus are sitting in their own or their exalted house and are in the center or triangle from the Lagna, then Lakshmi Yoga is formed. Such a person gets a good wife and gets the blessings of Goddess Lakshmi. This is considered a good Rajyoga.

07. Gauri Yoga

If the Moon is sitting in its own house or in its exalted house and is in the center or triangle from the Lagna, and Jupiter is aspecting it, then Gauri Yoga is formed. A person having such yoga has a happy married life, happy household, children, grandsons, wealth etc.

08. Saraswati Yoga

If Mercury, Venus or Jupiter are in the center, triangle or second house and that house is their own house, friend’s house or exalted house, then Saraswati Yoga is formed. Such people are sharp minded. They are writers of stories, poems or novels. Usually such people get higher education and are respected in the society for their knowledge.

09. Vipreet Raj Yoga

This is one of the famous Raj Yogas of astrology. If the lord of the sixth house, the lord of the eighth house and the lord of the twelfth house exchange places with each other, then Vipreet Raj Yoga is formed. People having such Raj Yoga achieve success even in adverse circumstances and achieve a high position in the society and improve their fortune with struggle.

10. Chhatra Yoga

If there are auspicious planets in the fifth house of the horoscope or there is a sight of auspicious planets, but the lord of the fourth house is not setting. Also, if the lord of the fourth house is in its own sign or sitting in a high house, then Chhatra Yoga is formed. The person with Chhatra Yoga is physically strong, powerful and victorious over enemies. A person with such yoga finds happiness in his entire life and gets the company of good friends.

In the above article, I have discussed some of the most discussed yogas of astrology. Hope the readers interested in astrology would have liked my effort. Please give your opinion through comments.

Thanks and gratitude.

Astro Richa Srivastava (Jyotish Kesari)

ज्योतिष में कुछ प्रमुख योग- भाग 01 (Hindi & English)

ज्योतिष में कुछ प्रमुख योग- भाग 01 (Hindi & English)

Om-Shiva

ऐसा कहते हैं कि शरीर में रोगों की, धनवान को भोगों की और ज्योतिष में योगों की कोई कमी नहीं है। योग का अर्थ होता है जुड़ना या संयुक्त होना। जब कोई ग्रह जन्मपत्री में किसी घर में स्थित होता है, या किसी ग्रह पर दृष्टि डालता है, अथवा एक दूसरे से किसी खास दूरी पर बैठता है, तब उनका यह सम्बन्ध या युति किसी खास परिणाम को इंगित करता है। इसे ही योग कहते हैं।

आइए, आज हम चर्चा करते हैं सूर्यग्रह और चन्द्रग्रह से बनने वाले कुछ प्रमुख योगों की। नवग्रहों की व्यवस्था में सूर्यदेव को ग्रहों का राजा और चंद्रदेव को रानी का दर्ज़ा प्राप्त है। सूर्यदेव जहां आत्मकारक ग्रह है, वहीं चंद्रमाग्रह को मन का स्वामी या मन का कारक ग्रह माना गया है। जहां सूर्य राजा, पिता और शासन को इंगित करते हैं, वहीं चंद्रमा जनता, माता और पोषण-सेवा को प्रस्तुत करते हैं।

सबसे पहले हम जानते हैं सूर्यग्रह द्वारा निर्मित होने वाले प्रमुख योगों को।

01. वेशि योग

यदि सूर्य से द्वितीय भाव में चंद्रमा को छोड़कर अन्य कोई भी ग्रह हों तो यह योग बनता है। यदि सूर्य से दूसरे घर में कोई शुभ ग्रह विराजमान हो तो शुभ वेशि योग बनता है। ऐसा व्यक्ति देखने मे सुंदर, आकर्षक और धर्मिक स्वभाव वाला, नेतृत्व प्रधान व्यक्ति होता है। जब सूर्य से दूसरे घर में कोई अशुभ ग्रह बैठता है तब अशुभ वेशि योग बनता है। ऐसा जातक देखने में अनाकर्षक, झूठ बोलने वाला, और निम्न मानसिकता वाला होता है।

02. वाशी योग

यदि सूर्य से, बारहवें घर में चंद्रमा को छोड़कर कोई अन्य ग्रह बैठता है तो वाशी योग बनता है। यदि कोई शुभ ग्रह हो तो शुभ वाशी और कोई अशुभ ग्रह हो तो अशुभ वाशी योग बनता है। शुभ वाशी योग वाला जातक भी अच्छे स्तर का गुणवान, प्रसिद्ध और लोकप्रिय होता है। जबकि अशुभ वाशी वाला जातक दुष्ट प्रकृति का और बात-बात में कुतर्क करने वाला व्यक्ति होता है। अभिमान की मात्रा अधिक रहती है।

03. उभयचरी योग

जब सूर्य से दूसरे और बारहवें भाव में (चंद्रमा के अलावा) अन्य ग्रह बैठे हों तो उभयचरी योग बनता है। इसमें भी 02 श्रेणियां हैं। शुभ और अशुभ उभयचरी। यदि सूर्य के दोनों तरफ शुभ ग्रह हों तो शुभ उभयचरी योग बनता है। ऐसे जातक सुविख्यात, धनवान और लोकप्रिय व्यक्ति होते हैं। जीवन में सुखी रहते हैं। यदि सूर्य से दोनों तरफ अशुभ ग्रह हों तो अशुभ उभयचरी का निर्माण होता है। ऐसे जातक कम पढेलिखे, दुःखी और दुर्भाग्यशाली होते हैं। अक्सर उन पर झूठे दोषारोपण लगते हैं।

आइए अब हम जानते हैं चंद्रग्रह द्वारा निर्मित होने वाले प्रमुख योगों को।

01. गजकेसरी योग

जब चंद्रमा से बृहस्पति केंद्र स्थान अर्थात प्रथम, चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है। यह योग संपूर्ण जीवन में यश देता है, व्यक्ति को प्रभावशाली बनाता है, सुखी, साधन संपन्न जीवन देता है। और राजनीतिक और धार्मिक क्षेत्र में नेता बनाता है।

02. अधियोग

जब सभी स्वभाविक शुभ ग्रह चंद्रमा से षष्ठम, सप्तम और अष्टम भाव में हों हो तो चंद्र अधियोग बनता है। ऐसे जातक सुखी, शत्रुहीन, उच्च पद पर प्रतिष्ठित, प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले और दीर्घायु होते हैं। लेकिन यहां पर शर्त यह है कि शुभ ग्रहों को अस्त या वक्री नहीं होना चाहिए। यहां स्वाभाविक शुभ ग्रहों से तात्पर्य बुध, शुक्र और बृहस्पति से है।

03. सुनफा योग

यदि चंद्रमा से द्वितीय भाव में कोई ग्रह नहीं हो तथा द्वितीय भाव में सूर्य, राहु, केतु के अतिरिक्त अर्थात मंगल, बुध बृहस्पति, शुक्र या शनि में से कोई एक ग्रह उपस्थित हो तो सुनफा योग बनता है। इस योग वाला जातक तीक्ष्ण बुद्धिशाली, प्रसिद्ध, धनवान और समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति होता है।

04. अनफा योग

सूर्य के अतिरिक्त यदि दो या दो से अधिक ग्रह चंद्रमा से द्वादश घर में हो तो अनफा योग बनता है। ऐसे योग वाले जातक को सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है और उसका स्वभाव मिश्रित होता है, यानी उसमें सगुण और दुर्गुण बराबर मात्रा में पाए जाते हैं।

05. दुरूधरा योग

यदि चंद्रमा से द्वितीय व द्वादश दोनों भावों में सूर्य, राहु, केतु के अतिरिक्त पांच ग्रह (मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र या शनि) में से कोई उपस्थित हो तो दुरुधरा योग बनता है। ऐसे योग वाला व्यक्ति आत्मत्यागी, दूसरों की सेवा करने वाला, धनी और सुख सुविधा संपन्न होता है।

06. केमद्रुम योग

यदि चंद्रमा से द्वितीय और द्वादश दोनों ही भाव में कोई भी ग्रह मौजूद न हो, तो केमद्रुम योग बनता है। यह एक अशुभ योग है जिसके कारण व्यक्ति जीवन में सफलता नहीं प्राप्त कर पाता है, सुखों से दूर होकर दुःखी बना रहता है। किंतु चंद्रमा से केंद्र में यदि कोई भी ग्रह हो तो यह योग रद्द हो जाता है।

07. महालक्ष्मी योग

जब चंद्रमा और मंगल कुंडली में किसी भी भाव में युति करते हैं तब महालक्ष्मी योग उत्पन्न होता है। ऐसे योग वाले व्यक्ति भाग्यशाली और सदैव धन-धान्य से सम्पन्न बने रहते हैं। यह आजीवन किसी न किसी जरिए से धन प्राप्ति करते रहते हैं।

08. शकट योग

यदि चंद्र लग्न से छठे, आठवें या बारहवें भाव में बृहस्पति उपस्थित हों तो इस स्तिथि में जातक शकट योग के कुप्रभाव के आधीन होता है। शकट योग के अंतर्गत जातक दुःख से ग्रस्त बना रहता है तथा उसके जीवन में कई उतार चढ़ाव होते हैं। परंतु यदि लग्न कुंडली में चन्द्रमा केंद्र स्थान पर बैठें हुए हों तो शकट योग का कुप्रभाव नहीं पड़ता है।

इस आलेख में मैंने सूर्य और चंद्र से बनने वाले कुछ प्रमुख योगों की चर्चा की है। आशा है आप पाठकों को मेरा यह आलेख उपयोगी और जानकारी पूर्ण लगा होगा। कृपया कमेंट के जरिए अपनी राय दें।

धन्यवाद और आभार।

एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव(ज्योतिष केसरी)

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Some major yogas in astrology – Part 01 (Hindi & English)

Om-Shiva

It is said that there is no dearth of diseases in the body, pleasures for the rich and yogas in astrology. Yoga means to join or be united. When a planet is situated in a house in the horoscope, or looks at a planet, or sits at a particular distance from each other, then their relation or union indicates a particular result. This is called yoga.

Come, today we will discuss some major yogas formed by the Sun and Moon. In the system of nine planets, the Sun is the king of planets and the Moon is the queen. While the Sun is the self-causing planet, the Moon is considered the lord of the mind or the planet that causes the mind. While the Sun indicates the king, father and governance, the Moon represents the public, mother and nourishment-service.

First of all, we will know the major yogas formed by the Sun.

01. Veshi Yoga

If any planet other than the Moon is present in the second house from the Sun, then this yoga is formed. If any auspicious planet is present in the second house from the Sun, then auspicious Veshi Yoga is formed. Such a person is beautiful, attractive, religious by nature and a leader. When any inauspicious planet is present in the second house from the Sun, then inauspicious Veshi Yoga is formed. Such a person is unattractive, a liar and has a low mentality.

02. Vashi Yoga

If any planet other than the Moon is present in the twelfth house from the Sun, then Vashi Yoga is formed. If any auspicious planet is present, then auspicious Vashi and if any inauspicious planet is present, then inauspicious Vashi Yoga is formed. A person with auspicious Vashi Yoga is also of good quality, famous and popular. Whereas a person with inauspicious Vashi Yoga is of evil nature and gives false arguments on every matter. He is very proud.

03. Ubhayachari Yoga

When other planets (except Moon) are placed in the second and twelfth house from the Sun, then Ubhayachari Yoga is formed. There are 02 categories in this too. Auspicious and inauspicious Ubhayachari. If there are auspicious planets on both sides of the Sun, then auspicious Ubhayachari Yoga is formed. Such natives are well-known, wealthy and popular. They remain happy in life. If there are inauspicious planets on both sides of the Sun, then inauspicious Ubhayachari is formed. Such natives are less educated, unhappy and unfortunate. Often false accusations are made on them.

Let us now know the major yogas formed by the Moon.

01. Gajkesari Yoga

When Jupiter is in the center place i.e. first, fourth, seventh or tenth house from the Moon, then Gajkesari Yoga is formed. This yoga gives fame in the whole life, makes the person influential, gives a happy, prosperous life. And makes a person a leader in political and religious field.

02. Adhiyog

When all the naturally auspicious planets are in the sixth, seventh and eighth house from the moon, then Chandra Adhiyog is formed. Such a person is happy, without enemies, holds a high position, has an influential personality and is long-lived. But the condition here is that the auspicious planets should not be set or retrograde. Here naturally auspicious planets mean Mercury, Venus and Jupiter.

03. Sunapha Yoga

If there is no planet in the second house from the moon and in the second house, apart from Sun, Rahu, Ketu, i.e. one of the planets Mars, Mercury, Jupiter, Venus or Saturn is present, then Sunapha Yoga is formed. The person with this yoga is sharp-witted, famous, wealthy and respected in the society.

04. Anapha Yoga

If apart from the Sun, two or more planets are in the twelfth house from the moon, then Anapha Yoga is formed. A person with such yoga gets worldly pleasures and his nature is mixed, that is, he has good and bad qualities in equal amounts.

05. Durudhara Yoga

If any of the five planets (Mars, Mercury, Jupiter, Venus or Saturn) other than Sun, Rahu and Ketu is present in the second and twelfth houses from the moon, then Durudhara Yoga is formed. A person with such yoga is a self-sacrificing person, serves others, is rich and has plenty of comforts.

06. Kemadrum Yoga

If no planet is present in the second and twelfth house from the moon, then Kemadrum Yoga is formed. This is an inauspicious yoga due to which a person is unable to achieve success in life, remains unhappy by being away from happiness. But if any planet is present in the center from the moon, then this yoga is cancelled.

07. Mahalakshmi Yoga

When Moon and Mars combine in any house in the horoscope, then Mahalakshmi Yoga is formed. People with such yoga are lucky and always remain rich. They keep on getting money through some means throughout their life.

08. Shakat Yoga

If Jupiter is present in the sixth, eighth or twelfth house from the Moon ascendant, then in this situation the person is under the ill effects of Shakat Yoga. Under Shakat Yoga, the person remains suffering from sorrow and there are many ups and downs in his life. But if the Moon is sitting in the center place in the ascendant horoscope, then there is no ill effect of Shakat Yoga.

In this article, I have discussed some major yogas formed by the Sun and Moon. I hope you readers have found this article of mine useful and informative. Please give your opinion through comments.

Thanks and gratitude.

Astro Richa Srivastava (Jyotish Kesari)

कार्तिक पूर्णिमा 2024 (Hindi & English)

कार्तिक पूर्णिमा 2024 (Hindi & English)

कार्तिक पूर्णिमा का महात्म्य

Om-Shiva
साल में कुल 12 पूर्णिमाएं होती हैं। जिसमे कार्तिक पूर्णिमा को श्रेष्ठ माना गया है। भविष्य पुराण के अनुसार मासों में कार्तिक माह, और पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा को सर्वोत्तम माना जाता है। क्योंकि ये पूरा माह भगवान विष्णु को समर्पित है। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों और कुंडों में स्नान करके भगवान श्रीहरि का जप, तप, ध्यान, दान, पूजन आदि किया जाता है तो अन्य तिथियों से अधिक पुण्यफलों की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का क्षय होकर, अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान करने से ग्रह दोषों की भी शांति होती है। इस दिन सिक्खों के प्रथम गुरु, गुरुनानकदेव जी का अवतरण दिवस भी मनाया जाता है। गुरूद्वारों में दिनभर शब्द-कीर्तन और लंगर-भंडारे चलते हैं।

क्यों मनाते हैं कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली?

उत्तर भारत मे कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव-दीपावली मनाई जाती है। क्योंकि इसी दिन भगवान शिव ने अत्याचारी त्रिपुरासुर का वध करके तीनों लोकों को भयमुक्त किया था। तब भगवान विष्णु ने भगवान शिव को “त्रिपुरारी” नाम दिया था। और देवताओं ने प्रसन्न होकर स्वर्ग में दीपावली मनाई थी। तब से पृथ्वी पर भी देव दीपावली मनाने की प्रथा शुरू हुई। इस दिन नदियों में घी के दिये जलाकर प्रवाहित करना सर्वथा शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इससे पार्वती और शिव पुत्र कुमार कार्तिकेय की देखभाल करने वाली छः कृत्तिकाएं प्रसन्न होती हैं और दुर्भाग्य दूर करती हैं।

इसके अतिरिक्त कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने प्रथम अवतार मत्स्य अवतार लिया था। पुराणों के अनुसार इसी दिन गंगा-गण्डकी के संगम पर हाथी और मगरमच्छ में युद्ध हुआ था, तब विष्णुभक्त गज यानि हाथी की करुण पुकार सुनकर मगरमच्छ का वध करके भगवान विष्णु ने गज के जीवन की रक्षा की थी। इस दिन पितरों की शांति के लिए पूजा-उपासना भी शुभ होती है। महाभारत युध्द के पश्चात पांडवों ने मारे गए योद्धाओं की आत्माओं की शांति के लिए पूजन किया था।

कार्तिक पूर्णिमा तिथि

इस बार कार्तिक पूर्णिमा का व्रत, पूजन, स्नान और दान आदि 15 नवम्बर, दिन शुक्रवार को होगा। स्नान-दान का शुभ मुहूर्त प्रातः 05:00 बजे से 06:02 मिनट तक रहेगा।

सत्यनारायण पूजन मुहूर्त

प्रातः 06:45 से प्रातः 10:45 तक होगा। देव दीपावली और दीपदान सायंकाल 04:45 से 06:05 मिनट तक रहेगा।

पूजन विधि-विधान

कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह गंगाजल डालकर स्नान करें। फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के आगे शुध्द घी का दीपक जलाएं। कलश में गंगाजल रखें। पीले फूल, पीले फल, पीली मिठाई, पीला चन्दन और तुलसी दल चढ़ाएं। विधिवत पूजन करें।“ॐ नमो नारायणा” मंत्र का यथा शक्ति जाप करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करें। नवग्रहों और पितरों सहित सभी देवी-देवताओं का ध्यान करें। विधिवत पूजन के बाद श्रीविष्णु, श्रीराम या श्रीकृष्ण मंदिर के वृद्ध ब्राह्मण को दान दें। शाम को भगवान शिव का कच्चे दूध से अभिषेक कर पूजन-अर्चन करें। शाम को नदी या तालाब में देशी घी का दिया प्रवाहित करें। घर और मन्दिर को दीप मालाओं से सजाएं। चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य दें और खीर का भोग लगाकर पूजा करें । इस प्रकार पूजन-अर्चन करने से कुंडली के सूर्य तथा चन्द्र बलवान होते हैं। राहु-केतु जनित दोषों का शमन होता है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अतः यह पूर्णिमा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

कार्तिक पूर्णिमा का पौराणिक संदर्भ

पुराणों में मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा की तिथि पर शिवजी ने त्रिपुरा नामक एक भयंकर राक्षस को मारा था। एक बार त्रिपुरा नामक राक्षस ने प्रयागराज में एक लाख वर्ष तक घोर तप किया। इस तपस्या के प्रभाव से सभी चराचर और देवतागण भयभीत हो उठे। सभी देवताओं ने विभिन्न अप्सराओं को भेजकर उसका तप भंग करने का प्रयास किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। यह देखकर ब्रह्माजी स्वयं उसके पास गए और वर मांगने के लिए कहा। तब त्रिपुर ने अंतरिक्ष में तीन अलग-अलग नगर बसाए और वह अति शक्तिशाली होकर देवताओं और मनुष्यों को प्रताड़ित करने लगा। सभी देवताओं ने मिलकर भगवान शिव से त्रिपुरा और उसके नगरों का नाश करने की प्रार्थना की। जब कार्तिक पूर्णिमा के दिन अभिजीत मुहूर्त में त्रिपुरा और उसके तीनों नगर परिक्रमा करते हुए एक सीध में आए तब भगवान शिव ने अपने दिव्य अस्त्रों से त्रिपुरा सहित उसके तीनों नगरों का सर्वनाश कर दिया। त्रिपुरा के वध के पश्चात सभी देवता अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने भगवान शिव को त्रिपुरारि और त्रिपुरान्तक का नाम दिया। उस दिन देवताओं ने तीनों लोकों में दीप जलाकर दीपावली मनाई। तब से इस दिन का महत्व बहुत बढ़ गया। और इसे देव दीपोत्सव के रूप में भी मनाए जाने लगा। पूर्णिमा तिथि सभी पापों का नाश करके अक्षय पुण्य प्रदान करने की एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव सहित सभी ग्रह नक्षत्र और देवी-देवताओं के पूजन का विशिष्ट फल मिलता है।

उपर्युक्त आलेख में मैंने कार्तिक पूर्णिमा के बारे में कुछ विशेष जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा करती हूं कि आप सुधी पाठकों को मेरा यह प्रयास पसंद आया होगा। कृपया कमेंट के जरिए अपनी राय अवश्य दें।

धन्यवाद और आभार।

एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव(ज्योतिष केसरी)

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Kartik Purnima 2024 (Hindi & English)

Significance of Kartik Purnima

Om-Shiva

There are a total of 12 full moons in a year. In which Kartik Purnima is considered the best. According to Bhavishya Purana, Kartik month is considered the best among the months and Kartik Purnima is considered the best among the full moons. Because this whole month is dedicated to Lord Vishnu. It is said that on this day, if one takes a bath in holy rivers and ponds and chants, meditates, donates, worships Lord Shri Hari, then one gets more virtuous results than on other dates. Ganga bath has special significance on this day. It is believed that by taking a bath in the Ganga on this day, all sins are destroyed and one attains Akshaya Punya. Taking a bath in the Ganga on this day also brings peace from planetary defects. On this day, the incarnation day of the first Guru of the Sikhs, Guru Nanak Dev Ji is also celebrated. Shabad-Kirtan and Langar-Bhandaras go on in the gurudwaras throughout the day.

Why do we celebrate Kartik Purnima and Dev Deepawali?

In North India, Dev-Deepawali is celebrated on the day of Kartik Purnima. Because on this day Lord Shiva freed the three worlds from fear by killing the tyrant Tripurasur. Then Lord Vishnu named Lord Shiva as “Tripurari”. And the Gods were happy and celebrated Deepawali in heaven. Since then, the practice of celebrating Dev Deepawali started on earth as well. On this day, lighting ghee lamps and floating them in the rivers is considered auspicious. It is said that this pleases the six Krittikas who take care of Parvati and Shiva’s son Kumar Kartikeya and removes misfortune.

Apart from this, it is said that on this day Lord Vishnu took the first incarnation Matsya Avatar. According to the Puranas, on this day, there was a war between an elephant and a crocodile at the confluence of Ganga-Gandaki, then on hearing the pathetic cry of Vishnu devotee Gaj i.e. elephant, Lord Vishnu killed the crocodile and saved the life of Gaj. On this day, worship is also auspicious for the peace of ancestors. After the Mahabharata war, the Pandavas performed Puja for the peace of the souls of the slain warriors.

Kartik Purnima Tithi

This time the fast, Puja, bath and donation of Kartik Purnima will be on 15 November, Friday. The auspicious time for bath and donation will be from 05:00 am to 06:02 am.

Satyanarayan Pujan Muhurta

Will be from 06:45 am to 10:45 am. Dev Deepawali and Deepdaan will be from 04:45 to 06:05 pm.

Worship Method

On the day of Kartik Purnima, take a bath by adding Gangajal in the morning. Then light a lamp of pure ghee in front of the idol or picture of Lord Vishnu. Keep Gangajal in the Kalash. Offer yellow flowers, yellow fruits, yellow sweets, yellow sandalwood and Tulsi leaves. Perform worship as per the rituals. Chant the mantra “Om Namo Narayana” as per your capacity. Recite Vishnu Sahasranama. Organise the story of Lord Satyanarayan. Meditate on all the deities including the nine planets and ancestors. After proper worship, donate to an old Brahmin of Shri Vishnu, Shri Ram or Shri Krishna temple. In the evening, worship Lord Shiva by anointing him with raw milk. In the evening, float a lamp of pure ghee in a river or pond. Decorate the house and temple with garlands of lamps. After moonrise, offer water to the moon and worship it by offering kheer. By worshipping in this way, the Sun and Moon in the horoscope become strong. The defects caused by Rahu-Ketu are mitigated and the blessings of ancestors are received. Therefore, this Purnima is considered very important.

Mythological reference of Kartik Purnima

It is believed in the Puranas that on the date of Kartik Purnima, Lord Shiva killed a fierce demon named Tripura. Once a demon named Tripura performed severe penance for one lakh years in Prayagraj. Due to the effect of this penance, all living beings and gods became afraid. All the gods tried to break his penance by sending various Apsaras but they could not succeed. Seeing this, Brahma himself went to him and asked him to ask for a boon. Then Tripura established three different cities in the space and he became very powerful and started torturing the gods and humans. All the gods together prayed to Lord Shiva to destroy Tripura and its cities. When Tripura and its three cities came in a straight line while doing Parikrama in Abhijit Muhurta on the day of Kartik Purnima, then Lord Shiva destroyed Tripura and its three cities with his divine weapons. After the killing of Tripura, all the gods were very happy and they named Lord Shiva as Tripurari and Tripurantak. On that day, the gods celebrated Diwali by lighting lamps in all the three worlds. Since then the importance of this day has increased a lot. And it also started being celebrated as Dev Deepotsav. Purnima Tithi is a very important date for destroying all sins and providing Akshay Punya. On this day, worshiping all the planets, stars and gods and goddesses including Lord Vishnu and Lord Shiva gives special results.

In the above article, I have tried to give some special information about Kartik Purnima. I hope you, the wise readers, liked my effort. Please give your opinion through comments.

Thanks and gratitude.

Astro Richa Srivastava (Jyotish Kesari)

ऐसा करेंगे तो सूर्य ग्रह आजीवन हेतु खराब हो सकते हैं (Hindi & English)

ऐसा करेंगे तो सूर्य ग्रह आजीवन हेतु खराब हो सकते हैं (Hindi & English)

Om-Shiva

हमारे सनातन हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में सूर्यग्रह को देवता माना गया है जिसके अनुसार, सूर्यदेव समस्त जीवों और संपूर्ण संसार के लिए आत्मा स्वरूप हैं। सूर्यदेव के द्वारा जातक को जीवन का आधार, संचालित ऊर्जा एवं शारीरिक बल की प्राप्ति होती है। प्रचलित मान्यता के अनुसार सूर्यदेव महान ऋषि महर्षि श्रीकश्यप के पुत्र हैं। इनकी माताश्री का नाम अदिति होने के कारण सूर्यदेव को आदित्य नाम से भी पुकारा जाता है। ज्योतिष विद्या में सूर्यग्रह को आत्मा का कारक माना गया है। सूर्यग्रह के चिकित्सीय और आध्यात्मिक लाभ को पाने के लिए लोग प्रातः जल्दी उठकर सूर्य नमस्कार करते हैं। हमारे हिन्दू पंचांग के अनुसार रविवार का दिन सूर्यग्रह के लिए समर्पित किया गया है जोकि पूर्ण सप्ताह का एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।

सनातन हिन्दू ज्योतिष में सूर्यग्रह जब मकर राशि(10) में प्रवेश करते हैं तो वह प्रवेश धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही शुभ समय होता है। इस दौरान सभी सनातनी आत्मशांति की प्राप्ति हेतु धार्मिक कार्यों का आयोजन कराते हैं तथा सूर्यदेव की उपासना भी करते हैं। विभिन्न चंद्र राशियों में सूर्यग्रह की चाल के आधार पर ही हिन्दू पंचांग की गणना संभव हो पाती है। जब सूर्यग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो उसे एक सौरमाह कहा जाता है। पूर्ण राशिचक्र में 12 राशियाँ होती हैं। अतः राशिचक्र को पूरा करने में सूर्यग्रह को एक वर्ष लगता है। अन्य ग्रहों की तरह सूर्यग्रह वक्री स्वभाव को कभी धारण नहीं करते हैं। सूर्यदेव हमारे जीवन में से अंधकार को नष्ट करके उसे प्रकाशित करते हैं। यह एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो हमें सदैव सकारात्मक चीज़ों की ओर प्रेरित करते रहते हैं। इनकी किरणें सभी मनुष्यों के लिए जीवनदायिनी और आशा की किरणें होती हैं। साथ ही सूर्यग्रह हमें सदैव ऊर्जावान बने रहने की प्रेरणा देते हैं। जिससे हम अपने सभी लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सदैव अनवरत रूप से कार्य करते ही रहें।

सनातन वैदिक ज्योतिष में सूर्यग्रह जन्म कुंडली में हमारे पिताश्री का प्रतिनिधित्व करते हैं। सेवाक्षेत्र की बात करी जाए तो सूर्यग्रह सरकारी या अर्धसरकारी उच्च संबंधों एवम प्रशासनिक पदों तथा हमारे समाज में मान-सम्मान को दर्शाते हैं। यह साहस से आगे बढ़कर नेतृत्व करने वाले को भी दर्शाते हैं। यदि कुंडली में सूर्यग्रह शुभता के साथ बैठे हुए हों और इनकी महादशा चल रही हो तो रविवार के दिन जातकों को अच्छे फल देखने को मिलते हैं। सूर्यग्रह एकमात्र सिंह राशि(5) के स्वामी हैं। सूर्यदेव अपने मित्र मंगलदेव की मेष राशि(1) में यह उच्च प्रभावी होते हैं तथा शत्रु शुक्रदेव की तुला राशि(7) में यह नीच प्रभावी हो जाते हैं। आइए अब जानते हैं उन 07 गलतियों के बारे में जिनके कारण आपके सूर्यग्रह हमेशा के लिए खराब भी हो सकते हैं।

07 गलतियां जो आपके सूर्य ग्रह को हमेशा के लिए खराब कर देंगी

01. बहुत लंबे समय तक बगैर नित्य शुद्धि कर्म के अभाव में सुबह उठते ही बिस्तर पर ही अन्न ग्रहण करते रहना।

02. पति-पत्नी द्वारा गृहस्थी धर्म में रहते हुए भगवान सूर्यदेव का प्रकाश रहते हुए पूर्ण ब्रह्मचर्य की पालना नहीं करना।

03. अपने माता-पिता की सेवा की अवहेलना करते हुए जन्म स्थान से दक्षिण दिशा की तरफ या विदेश में जाकर स्थायी रूप से अपना निवास स्थान बना लेना।

04. राहु ग्रह की खराब दशा के चलते और आंखों की दृष्टि कमज़ोर होने के फलस्वरूप मकान या दुकान का निर्माण करवाना या पूर्वमुखी मकान या दुकान में शिफ्ट होना।

05. बहुत लंबे समय तक आसक्ति के आधार पर मृत व्यक्ति को हर क्षण याद करते हुए विलाप करना।

06. गला व मुख अधिक प्रभावित रहने पर या इनके रोग होने की दशा में अहंकारी, क्रोधी, घमंडी और जिद्दी स्वभाव को हमेशा ग्रहण करके रहना।

07. उत्तम गृहस्थी सुख की प्राप्ति के बावजूद दूसरा विवाह करना, घर में कलह करना या जर, जोरू और ज़मीन के झगड़ों में पड़ना या उनका फैसला करवाना।

– गुरु सत्यराम

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If you do this, the Sun can be damaged for life (Hindi & English)

Om-Shiva

In our Sanatan Hindu mythology, the Sun is considered a deity, according to which, the Sun is the soul of all living beings and the entire world. The Sun provides the basis of life, energy and physical strength to the person. According to popular belief, the Sun is the son of the great sage Maharshi Sri Kashyap. His mother’s name is Aditi, so the Sun is also called Aditya. In astrology, the Sun is considered the factor of the soul. To get the medical and spiritual benefits of the Sun, people wake up early in the morning and do Surya Namaskar. According to our Hindu calendar, Sunday is dedicated to the Sun, which is considered an important day of the whole week.

In Hindu astrology, when the Sun enters Capricorn (10), that entry is a very auspicious time for religious activities. During this time, all Sanatanis organize religious activities to attain inner peace and also worship the Sun. The calculation of Hindu Panchang is possible only on the basis of the movement of Sun in different lunar signs. When Sun transits from one sign to another, it is called a solar month. There are 12 signs in the complete zodiac cycle. Hence, Sun takes one year to complete the zodiac cycle. Like other planets, Sun never adopts retrograde nature. Sun God removes darkness from our life and illuminates it. It is the only planet that always inspires us towards positive things. Its rays are life-giving and rays of hope for all human beings. Also, Sun inspires us to always remain energetic. So that we always keep working continuously to achieve all our goals.

In Sanatan Vedic Astrology, Sun represents our father in the birth chart. If we talk about the service sector, then Sun represents high relations and administrative posts in government or semi-government and respect in our society. It also represents the one who leads with courage. If Suryagrah is placed auspiciously in the Kundali and its Mahadasha is going on, then the natives get to see good results on Sunday. Suryagrah is the lord of only Leo sign (5). Suryadev is highly influential in his friend Mangaldev’s Aries sign (1) and becomes lowly influential in enemy Shukradev’s Libra sign (7). Let us now know about those 07 mistakes due to which your Suryagrah can be spoiled forever.

07 mistakes that will spoil your Suryagrah forever

01. Eating food on the bed as soon as you wake up in the morning without performing daily purification rituals for a very long time.

02. Husband and wife not following complete celibacy while living in the household Dharma while Lord Suryadev is in the light.

03. Ignoring the service of your parents, going from the birthplace towards the south or abroad and making your permanent residence.

04. Due to bad condition of Rahu planet and weak eye sight, getting a house or shop constructed or shifting to an east facing house or shop.

05. Lamenting remembering the dead person every moment for a very long time on the basis of attachment.

06. If the throat and mouth are more affected or in case of their disease, then always adopting an egoistic, short-tempered, proud and stubborn nature.

07. Despite getting good domestic happiness, getting married for the second time, creating quarrels in the house or getting involved in disputes related to money, wife and land or getting them decided.

– Guru Satyaram

ज्योतिष में पंच महापुरुष योग (Hindi & English)

ज्योतिष में पंच महापुरुष योग (Hindi & English)

Om-Shiva

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में बनने वाले राज योगों में से “पंच महापुरुष योग” एक प्रमुख योग है। इसे पंच महापुरुष योग इसलिए कहते हैं क्योंकि यह योग पांच प्रमुख ग्रह मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि से निर्मित होता है। राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है, अतः इन ग्रहों को इस योग में सम्मिलित नहीं किया गया है। क्योंकि नवग्रह और राशि चक्र में उपर्युक्त पांचो ग्रह को दो-दो राशियों का स्वामित्व दिया गया है, जबकि सूर्य और चंद्र को केवल एक-एक राशि का ही स्वामित्व दिया गया है। इसलिए पंच महापुरुष योग में सूर्य और चंद्रमा को भी शामिल नहीं किया गया है।

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है पंच महापुरुष योग में पांच प्रमुख योग हैं, जिनका विवरण आगे दिया गया है।

01. रूचक योग

यह योग मंगल से बनता है। अगर मंगल जन्म पत्रिका में स्वक्षेत्रीय या उच्च का होकर लग्न में या लग्न से केंद्र भावों में उपस्थित हो, अर्थात लग्न से चौथे, सातवें, दसवें या स्वयं लग्न में उपस्थित हो, तो रूचक योग का निर्माण होता है। यदि कुंडली में रूचक योग हो तो व्यक्ति के अंदर साहस, कार्य सिद्ध करने की क्षमता, थोड़ी सी लड़ाकू प्रवृत्ति, शत्रुओं का दमन करने वाला, ब्राह्मण और गुरुजनों का सम्मान करने वाला, अभिमानी, और किसी से भी ना दबने वाला होता है। प्रायः इस प्रकार के योग व्यक्ति को शारीरिक रूप से पुष्ट बनाते हैं, अपने पराक्रम से वह विख्यात होता है। अक्सर सेनापति, उच्च स्तर के पदाधिकारी, प्रशासनिक व्यक्ति, और एक बड़े उद्योगपति की जन्म पत्रिका में यह योग पाया जाता है।

02. भद्र योग

यह योग बुध ग्रह द्वारा निर्मित होता है। यदि बुध स्वक्षेत्री या उच्च का होकर लग्न में या लग्न से केंद्र के भावों में स्थित हो तो भद्र योग बनता है। ऐसा जातक पुष्ट शरीर वाला, बुद्धिमान, रिश्तेदारों की मदद करने वाला, सौम्य व्यक्तित्व वाला और दीर्घायु होता है। प्राय: अभिनय, मीडिया और व्यापार आदि के क्षेत्र में ऐसे योग वाले व्यक्ति प्रतिष्ठित और प्रख्यात होते हैं। यह अत्यंत चतुर, बुद्धिमान, विवेकशील, और मीठी वाणी का प्रयोग करने वाले होते हैं। अपनी वाकपटुता से यह अपने सभी कार्य सिद्ध कर लेते हैं। और अपने कर्मक्षेत्र में सफल होते हैं। ऐसे योग वाले जातक अपने कुल का नाम रोशन करते हैं।

03. हंस योग

यह योग बृहस्पति ग्रह द्वारा निर्मित होता है। जब बृहस्पति कुंडली में अपने घर का या उच्च का होकर लग्न में या लग्न से केंद्र भाव में स्थित हो, तो हंस योग बनता है। ऐसे योग वाले जातक के हथेली पर शंख, कमल, मछली और अंकुश का चिन्ह होता है। इनके मुख पर लाल रंग की आभा होती है। गोरा रंग होता है और आंखें प्रायः भूरी होती हैं। ऐसे योग वाले जातक अक्सर उच्चकोटि के लेखक, उपदेशक, और धार्मिक गुरु, न्यायाधीश, शिक्षक या किसी संस्थान के उच्च पदाधिकारी होते हैं। ऐसे जातक समाज में अपनी शिक्षा और विद्या के द्वारा उच्च प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं, और अक्सर सरकार द्वारा सम्मानित होते हैं।

04. मालव्य योग

मालव्य योग का निर्माण शुक्र ग्रह द्वारा होता है। अन्य ग्रहों की भांति यह योग भी शुक्र के अपने घर में होकर या उच्च का होकर लग्न में या लग्न से केंद्र भावों में स्थित होने पर बनता है। ऐसे योग वाला जातक अच्छे स्वास्थ्य वाला, दृढ़ मानसिकता संपन्न, धनवान, ऐश्वर्यशाली, तथा पत्नी और संतान से सुखी होता है। यह एक सुशिक्षित और समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति होता है। ऐसे योग से प्रभावित जातक चमकदार आंखों वाला, सुंदर और आकर्षक चेहरे वाला, प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला होता है। ऐसे योग के जातक भीड़ में भी अपनी अलग पहचान बनाते हैं। अक्सर ऐसे योग वाले जातक उच्चकोटि के कलाकार, नृत्य संगीत में पारखी, शिल्पकला में दक्ष, कवि अथवा कवियत्री भी होते हैं। सज्जन और सौम्य स्वभाव उनकी विशिष्टता होती है।

05. शश योग

शश योग शनिदेव द्वारा कुंडली में निर्मित होता है। जब लग्न से केंद्र भावों में या स्वयं लग्न में शनि स्वक्षेत्रीय होकर, अथवा उच्च का होकर विराजमान होते हैं तब शश नामक योग का निर्माण होता है। ऐसे योग वाले जातक नौकर चाकर से युक्त, समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हैं। अक्सर किसी गांव या नगर अथवा किसी संस्थान के मुखिया होते हैं। ऐसे जातकों के भीतर सेवा भाव होता है, जनता का सेवक अथवा नेता, जनप्रतिनिधि भी होता है। ऐसे जातक विवेकशील और न्याय प्रिय होते हैं, गलत बात बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते हैं। अपनी माता के भक्त होते हैं और बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। विरासत में संपत्ति का सुख इनको प्राप्त होता है। अपनी न्यायप्रियता के कारण जनता में लोकप्रिय होते हैं।

प्रसिद्ध ज्योतिष ग्रंथ सागर के अनुसार जन्म कुंडली में पंच महापुरुष योग की उपस्थिति रहते हुए भी यदि योग कारक ग्रहों की युति चंद्रमा अथवा सूर्य से होती है तो जातक को पंच महापुरुष योग का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पता है। किंतु योग कारक ग्रहों की दशा और अंतर्दशा में, जातक उस योग का शुभ फल कुछ हद तक प्राप्त कर लेता है। पंच महापुरुष के योग कारक ग्रह अपने दशा-अंतर्दशा में ही पूर्ण परिणाम देते हैं। कुछ परिणाम ग्रहण के गोचर में भी प्राप्त होते हैं।

उपर्युक्त आलेख में मैंने ज्योतिष के मुख्य राजयोगों में से एक पंच महापुरुष राजयोग की संक्षिप्त जानकारी देने की कोशिश की है। आशा है पाठकों को मेरा यह प्रयास पसंद आया होगा। कृपया कमेंट के जरिए मुझे अपनी राय अवश्य दें।

धन्यवाद और आभार।

-एस्ट्रो ऋचा श्रीवास्तव (ज्योतिष केसरी)

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Panch Mahapurush Yoga in Astrology (Hindi & English)

Om-Shiva

According to Jyotish Shastra, Panch Mahapurush Yoga is one of the Raj Yogas formed in a person’s horoscope. It is called Panch Mahapurush Yoga because this yoga is formed by the five major planets Mars, Mercury, Jupiter, Venus and Saturn. Rahu and Ketu are considered shadow planets, so these planets are not included in this yoga. Because in Navgrah and Zodiac cycle, the above five planets have been given ownership of two zodiac signs each, while Sun and Moon have been given ownership of only one zodiac sign each. Therefore, Sun and Moon are also not included in Panch Mahapurush Yoga.

As the name suggests, there are five major yogas in Panch Mahapurush Yoga, the details of which are given below.

01. Ruchak Yoga

This yoga is formed by Mars. If Mars is in its own house or exalted in the birth chart and is present in the Lagna or in the Kendra Bhaavs from the Lagna, i.e., present in the fourth, seventh, tenth house from the Lagna or in the Lagna itself, then Ruchak Yoga is formed. If there is Ruchak Yoga in the horoscope, then the person has courage, ability to accomplish tasks, a little fighting nature, suppresses enemies, respects Brahmins and elders, is arrogant, and does not get suppressed by anyone. Usually, such yogas make a person physically strong, he is famous for his valor. Often this yoga is found in the birth chart of a commander, high level officer, administrative person, and a big industrialist.

02. Bhadra Yoga

This yoga is formed by the planet Mercury. If Mercury is in its own house or exalted and is situated in the Lagna or in the Kendra Bhaavs from the Lagna, then Bhadra Yoga is formed. Such a person is strong, intelligent, helps relatives, has a gentle personality and is long-lived. Usually, people with such yoga are reputed and famous in the field of acting, media and business etc. They are very smart, intelligent, prudent and use sweet words. They accomplish all their tasks with their eloquence and are successful in their field of work. People with such yoga bring glory to their family.

03. Hans Yoga

This yoga is formed by the planet Jupiter. When Jupiter is in its own house or in high position in the horoscope and is placed in the Lagna or in the Kendra Bhava from the Lagna, then Hans Yoga is formed. People with such yoga have the signs of conch, lotus, fish and goad on their palm. There is a red aura on their face. They have a fair complexion and eyes are usually brown. People with such yoga are often high class writers, preachers, religious gurus, judges, teachers or high officials of any institution. Such people achieve high prestige in the society through their education and knowledge and are often honored by the government.

04. Malavya Yoga

Malavya Yoga is formed by the planet Venus. Like other planets, this yoga is also formed when Venus is in its own house or exalted and is situated in the Lagna or in the Kendra houses from the Lagna. A person with such a yoga is healthy, has a strong mentality, is wealthy, opulent, and is happy with his wife and children. He is a well-educated person and has a reputation in the society. A person affected by such a yoga has bright eyes, a beautiful and attractive face, and an impressive personality. People with such a yoga make their own identity even in the crowd. Often, people with such a yoga are high-class artists, connoisseurs of dance and music, skilled in craftsmanship, poets or poetesses. Gentle and mild nature is their specialty.

05. Shasha Yoga

Shasha Yoga is formed in the horoscope by Lord Shani. When Saturn is in its own house or exalted and is situated in the Kendra houses from the Lagna or in the Lagna itself, then a yoga called Shasha is formed. The natives with such yoga are respected people in the society, have servants. Often they are the head of a village or a city or an institution. Such natives have a sense of service, they are public servants or leaders, public representatives too. Such natives are prudent and love justice, do not tolerate wrongdoing at all. They are devotees of their mother and are multi-talented. They get the happiness of property as inheritance. They are popular among the public due to their love for justice.

According to the famous Jyotish Granth Sagar, even if Panch Mahapurush yoga is present in the birth chart, if the yoga-causing planets are conjoined with the moon or the sun, then the native does not get the full benefits of Panch Mahapurush yoga. But in the dasha and antardasha of the yoga-causing planets, the native gets the auspicious results of that yoga to some extent. The yoga-causing planets of Panch Mahapurush give full results only in their dasha and antardasha. Some results are also obtained during the transit of the eclipse.

In the above article, I have tried to give a brief information about Panch Mahapurush Rajyoga, one of the main Rajyogas of astrology. I hope the readers liked my effort. Please give me your opinion through comments.

Thanks and gratitude.

-Astro Richa Srivastava (Jyotish Kesari)